द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि संसद के अगले सत्र में जन्म और मृत्यु पंजी को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए एक विधेयक पेश किया जाएगा. द हिंदू के अनुसार, शाह दिल्ली में नए जनगणना भवन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नागरिक रजिस्टर, मतदाता सूची और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की सूची को अपडेट करने के लिए जन्म और मृत्यु का पंजीकरण महत्वपूर्ण है. शाह ने जोड़ा, ‘सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही कोई व्यक्ति 18 वर्ष का होगा, चुनाव आयोग उसे सूचित करेगा और उसका वोटर कार्ड बना देगा. किसी की मृत्यु के मामले में जनगणना रजिस्ट्रार परिवार को नोटिस भेजेगा कि उन्हें व्यक्ति की मृत्यु के बारे में जानकारी मिल गई है और परिवार के पास आपत्ति दर्ज करने के लिए 15 दिन का समय है, जिसके बाद चुनाव आयोग उसका नाम मतदाता सूची से हटा देगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक स्थायी समिति ने डॉ. बीआर आंबेडकर पर पाठ्यक्रम हटाने का प्रस्ताव दिया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अकादमिक मामलों पर दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थायी समिति ने स्नातक पाठ्यक्रम से डॉ. बीआर आंबेडकर के दर्शन पर एक वैकल्पिक पाठ्यक्रम हटाने की सिफ़ारिश की है. हालांकि, दर्शनशास्त्र विभाग ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कुलपति से पाठ्यक्रम को बनाए रखने का अनुरोध किया है. अख़बार के अनुसार, स्थायी समिति का सुझाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर की जा रही पाठ्यक्रम समीक्षा के हिस्से के रूप में आया है.
गुजरात के भरूच ज़िले में कथित रूप से दूषित हुए एक तालाब का पानी पीने से कम से कम 25 ऊंटों की मौत होने का मामला सामने आया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, घटना जिले की वागरा तालुका के कछीपुरा गांव के पास की है. ग्रामीणों ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना रविवार को हुई जब ऊंट पास के एक जलाशय के पास पानी पीने के लिए रुक गए. ग्रामीणों का कहना है कि कच्चे तेल को क्षेत्र से ले जाने वाली पाइपलाइन के रिसाव के कारण यह कथित रूप से दूषित हो गया था. अधिकारियों ने इसके सटीक कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2,000 रुपये का नोट बदलने संबंधी भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. लाइव लॉ के अनुसार, उपाध्याय ने भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की बिना आईडी प्रूफ के 2,000 रुपये के नोट बदलने संबंधी अधिसूचना को चुनौती दी है. उनका कहना है कि इन बैंकों का ऐसा आदेश मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. बैंकों द्वारा ये अधिसूचनाएं बीते हफ्ते जारी की गई थीं.
कर्नाटक विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हुआ है, जहां नवनिर्वाचित 224 विधायकों में से 182 ने शपथ ली. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सत्र के पहले दिन जब सदन की कार्यवाही चल रही थी तब कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने ‘विधान सौध’ परिसर में गोमूत्र का छिड़काव किया. उनका कहना था कि वे इसे ‘शुद्ध’ कर रहे हैं, जो कि पिछली भाजपा सरकार के ‘भ्रष्ट कामों के चलते दूषित हो गई थी.’ उल्लेखनीय है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस साल जनवरी में कहा था कि सत्ता में आने के बाद वे विधान सौध को डेटॉल और गोमूत्र से शुद्ध करेंगे.
दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के पोस्टिंग, तबादलों का अधिकार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने वाले मोदी सरकार के अध्यादेश के तहत दिए पहले आदेश में पूर्व में ड्यूटी से हटाए गए विशेष सचिव (सतर्कता) को फिर से पद संभालने को कहा गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार का आदेश विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर को फिर से अपने पद पर काम शुरू करने और अपने कमरे को खोलने (डी-सील) की अनुमति देता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो दिनों के भीतर ही आम आदमी पार्टी सरकार ने उनसे सभी कर्तव्यों और सतर्कता विभाग में चल रही जांचों की जिम्मेदारी को छीन लिया था. सतर्कता विभाग, विशेष तौर पर राजशेखर ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में रिपोर्ट तैयार की है. वह मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में लगे आरोपों; एक अलग खुफिया इकाई की स्थापना से संबंधित एफबीयू मामला; राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च संबंधी आरोपों; और मोहल्ला क्लीनिकों के लिए किराए की जगह लेते वक्त आप कार्यकर्ताओं को पहुंचाए लाभ संबंधी आरोपों की भी जांच कर रहे थे.
द वायर के एक पॉडकास्ट कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि अगला चुनाव भाजपा को हराने का एक ऐतिहासिक अवसर हो सकता है. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ भाटिया से बात करते हुए ख़ुर्शीद ने जोड़ा कि राजस्थान में सचिन पायलट का ‘विद्रोह’ उनके साथ ही कांग्रेस को भी महंगा पड़ेगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोमवार को कहा कि नवंबर तक राज्य से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (आफस्पा) हटाया जा सकता है. नवभारत टाइम्स के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की मदद ली जाएगी. वर्तमान में असम के 8 जिलों और एक जिले के उप-मंडल में यह कानून लागू है.