उत्तर प्रदेश: भड़काऊ भाषण मामले में सत्र न्यायालय ने आज़म ख़ान की सज़ा रद्द की

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक आज़म ख़ान को ज़िले की एक विशेष सांसद/विधायक अदालत ने अक्टूबर 2022 में तीन साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसके चलते उन्हें विधानसभा से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था.  

आज़म ख़ान. (फोटो: पीटीआई)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक आज़म ख़ान को ज़िले की एक विशेष सांसद/विधायक अदालत ने अक्टूबर 2022 में तीन साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी, जिसके चलते उन्हें विधानसभा से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

आज़म ख़ान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर दर्ज मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान की सजा को (बुधवार) 24 मई को अदालत ने रद्द कर दिया.

मामले में उन्हें हुई सजा के कारण रामपुर सदर विधानसभा से उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी.

बार और बेंच के अनुसार, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अमितवीर सिंह ने रामपुर की एक विशेष सांसद/विधायक अदालत द्वारा सुनाए अक्टूबर 2022 के फैसले को पलट दिया. विशेष अदालत ने आजम खान को दोषी ठहराते हुए तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.

आजम खान पर 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खाता नगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को लेकर अपमानजनक भाषा का इस्‍तेमाल करने और जिला प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारियों को भला-बुरा कहने पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था.

उन्हें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153-क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505-क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी ठहराया गया था.

एफआईआर एक स्थानीय भाजपा नेता द्वारा दायर शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए खान के वकील जुबैर अहमद ने कहा कि कानूनी टीम आगे की कार्रवाई की योजना बना रही है. उन्होंने कहा, ‘मेरे मुवक्किल को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया है. उन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था. .. सत्र अदालत ने निचली अदालत के आदेश को गलत माना और कहा कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित नहीं कर सका.’

उन्होंने अखबार को बताया कि इसी मामले में खान ने ‘काफी समय जेल में बिताया है.’ अहमद ने अखबार से कहा, ‘इसी मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण वह (विधानसभा की) अपनी सदस्यता खो बैठे और उपचुनाव कराए गए. इसी मामले के कारण बाद में उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया था. फैसला आ गया है और हमारी पूरी कानूनी टीम इस पर शोध करेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी.’

गौरतलब है कि खान को अयोग्य करार दिए जाने से खाली हुई रामपुर सदर विधानसभा सीट पर 8 दिसंबर 2022 को हुए उपचुनाव में खान के विश्वासपात्र असीम रजा को भाजपा के आकाश सक्सेना द्वारा बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.

वहीं, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म खान को यातायात अवरुद्ध करने के 15 साल पुराने एक मामले में फरवरी 2023 में दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इससे खाली हुई स्वार विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के सहयोगी अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने जीत दर्ज की थी.

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