बीते 22 मई को एक तस्वीर के माध्यम से कई भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों ने अमेरिका में वाशिंगटन स्थित रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन के पास एक कथित विस्फोट की रिपोर्ट प्रसारित की थी. बाद में पता चला कि ये तस्वीर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से तैयार एक बनावटी छवि थी.
नई दिल्ली: बीते सोमवार (22 मई) की देर शाम कई भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों ने अमेरिका में वाशिंगटन स्थित रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन के पास एक अनुमानित विस्फोट की रिपोर्ट प्रसारित की थी.
इसी तस्वीर को कुछ ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक समाचार अपडेट के तहत साझा किया, दूसरों ने अपने बुलेटिन में पेंटागन के करीब एक संरचना से धुएं के काले बादल की एक तस्वीर प्रसारित की.
शाम को लगभग 7:45 बजे समाचार चैनल रिपब्लिक ने टेलीविजन पर दृश्यों को प्रसारित किया और इस घटना पर कुछ प्रकाश डालने के लिए एक ‘रणनीतिक विशेषज्ञ’ को आमंत्रित किया.
स्क्रीन के निचले भाग में चल रहे टिकर ने संदेश प्रदर्शित किया, जैसे ‘आरटी ने पेंटागन के पास विस्फोट की सूचना दी’, ‘तस्वीरें धुएं का विशाल गुबार दिखाती हैं’, और ‘पेंटागन की स्थिति पर अधिक विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है’.
टाइम्स नाउ नवभारत, न्यूज18 मध्य प्रदेश और फर्स्ट इंडिया न्यूज के सोशल मीडिया चैनलों ने अपने फॉलोअर्स को इस घटना के बारे में सूचित करने के लिए एक न्यूजफ्लैश साझा किया.
जी न्यूज ने शुरुआत में इस घटना पर एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की, लेकिन बाद में इसे हटा दिया. हालांकि, रिपोर्ट के कैश्ड संस्करण (Cached Version – ऑनलाइन कोई पेज हटाए जाने के बाद गूगल बैकअप के रूप में इसका एक संस्करण अपने पास रखता है) तक सर्च इंजन बिंग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है.
फैक्ट चेक
इन दृश्यों के वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के कुछ ही समय बाद एक प्रभावशाली खोजी समाचार वेबसाइट बेलिंगकैट से जुड़े एक डिजिटल अन्वेषक निक वाटर्स ने एक महत्वपूर्ण विश्लेषण किया.
वाटर्स ने बताया कि व्यापक रूप से प्रसारित तस्वीरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से निर्मित तस्वीरों में आमतौर पर पाई जाने वाली विशिष्ट विशेषताएं देखी जा सकती हैं.
Whenever an event like this takes place, it will affect a large number of people. Even leaving aside that fact this picture is clearly AI generated, it's immediately possible to identify this as a fake by geolocation and conducting searches on social media.
— Nick Waters (@N_Waters89) May 22, 2023
इसके अलावा, यह ध्यान देने योग्य है कि कथित विस्फोट का दस्तावेजीकरण करने वाला कोई अन्य दृश्य सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं था.
ऑनलाइन दावों के जवाब में एयरलिंग्टन फायर एंड ईएमएस के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक बयान जारी किया, जिसमें जोर दिया गया कि पेंटागन में या उसके आसपास कोई विस्फोट या घटना नहीं हुई है. अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन अर्लिंगटन काउंटी, वर्जीनिया में स्थित है.
ट्वीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है, ‘पेंटागन पर या उसके पास कोई विस्फोट या घटना नहीं हुई है और जनता के लिए तत्काल कोई खतरा नहीं है.’
@PFPAOfficial and the ACFD are aware of a social media report circulating online about an explosion near the Pentagon. There is NO explosion or incident taking place at or near the Pentagon reservation, and there is no immediate danger or hazards to the public. pic.twitter.com/uznY0s7deL
— Arlington Fire & EMS (@ArlingtonVaFD) May 22, 2023
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस एआई तस्वीर को शुरू में विभिन्न स्रोतों द्वारा साझा किया गया था. इन स्रोतों में रूसी सरकारी मीडिया आउटलेट ‘आरटी’, एक वेरिफाइड ट्विटर एकाउंट ब्लूमबर्ग फीड, वाल्टर ब्लूमबर्ग नामक एक व्यक्ति और ज़ीरोहेज (ZeroHedge) नामक एक एकाउंट शामिल है.
यह ध्यान देने योग्य है कि जीरोहेज अक्सर कॉन्सपीरेसी थ्योरिज (प्रोपगेंडा आधारित समाचार) को साझा करता है जो महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित करते हैं. इसके एकाउंट को पहले ट्विटर द्वारा निलंबित कर दिया गया था और मस्क द्वारा ट्विटर खरीदने के बाद इसे बहाल कर दिया गया है.
एआई के माध्यम से तैयार की गई इस तस्वीर के वायरल होने के बाद ब्लूमबर्ग न्यूज के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि ‘ब्लूमबर्ग’ नाम का उपयोग करने वाले दो एकाउंट ब्लूमबर्ग न्यूज से संबद्ध नहीं थे.
इसके बाद ‘आरटी’ ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. ट्विटर ने ‘ब्लूमबर्ग फीड’ के एकाउंट को निलंबित कर दिया और रिपब्लिक ने उसी पर स्पष्टीकरण जारी किया.
यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि एआई के प्रभाव में तेजी से आए उभार ने सिंथेटिक तस्वीरों (कृत्रिम रूप से बनाई गई तस्वीरों) के निर्माण में क्रांति ला दी है, जिससे मिनटों में ऐसी सामग्री उत्पन्न करना संभव हो गया है.
बमुश्किल एक हफ्ते पहले ऑल्ट न्यूज ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एआई के जरिये तैयार की गई तस्वीरों के इस्तेमाल का खुलासा करते हुए एक फैक्ट चेक प्रकाशित किया था. इन तस्वीरों को भारतीय टेलीविजन समाचार चैनलों पर जेल में खान के ‘एक्सक्लूसिव’ दृश्यों के तौर प्रसारित किया गया था.
यह रिपोर्ट मूल रूप से फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज पर प्रकाशित हुआ था.