प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में ग़ैर-भाजपाई मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए

बैठक में ग़ैर-भाजपा शासित पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के शामिल न होने की ख़बर है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बैठक में शामिल होने का क्या फायदा, जब केंद्र खुले तौर पर सहकारी संघवाद का मज़ाक बना रहा है.

27 मई 2023 को नई दिल्ली में नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

बैठक में ग़ैर-भाजपा शासित पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों के शामिल न होने की ख़बर है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बैठक में शामिल होने का क्या फायदा, जब केंद्र खुले तौर पर सहकारी संघवाद का मज़ाक बना रहा है.

27 मई 2023 को नई दिल्ली में नीति आयोग की 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: पंजाब, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान और ओडिशा (सभी गैर-भाजपा शासित राज्य) के मुख्यमंत्री नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक में शामिल नहीं हुए. शनिवार को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जहां आप शासित दो राज्यों पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है, वहीं अन्य राज्यों ने बैठक में शामिल नहीं होने के लिए विभिन्न कारणों का हवाला दिया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला केंद्र सरकार के उस कदम के विरोध में किया है, जहां उसने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था.

उन्होंने अपने फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखते हुए कहा, ‘इस बैठक में शामिल होने का क्या फायदा, जब केंद्र खुले तौर पर सहकारी संघवाद का मजाक बना रहा है.’

केजरीवाल ने पत्र में कहा, ‘नीति आयोग का उद्देश्य भारत के लिए एक दृष्टिकोण तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से लोकतंत्र पर हमला किया गया है और जिस तरह से गैर-भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, वह न तो हमारे देश की दृष्टि है और न ही सहकारी संघवाद.’

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में देश भर में यह संदेश दिया गया है कि अगर किसी भी राज्य में कोई गैर-भाजपाई दल सरकार बनाता है तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. या तो उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त करके सरकार गिरा दी जाएगी या ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल विधायकों को सरकार तोड़ने के लिए धमकाने हेतु किया जाएगा.

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र द्वारा ग्रामीण विकास शुल्क (आरडीएफ) के लिए राज्य को 3,600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने के विरोध में बैठक में न शामिल होने का फैसला लिया.

आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने बताया कि मुख्यमंत्री मान पूर्व में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से इस संबंध में मुलाकात कर चुके हैं.

बैठक से पहले कांग ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘केंद्र पंजाब के साथ भेदभाव कर रहा है. इसलिए विरोध में मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे.’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला लिया. उनकी पार्टी बीआरएस ने इसके पीछे का कारण मुख्यमंत्री द्वारा शनिवार की सुबह हैदराबाद आ रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मेजबानी करना बताया.

पार्टी के मुताबिक, केजरीवाल का दौरा दिल्ली के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर बीआरएस और केसीआर का समर्थन जुटाने के लिए है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक में न शामिल होने का कारण पटनायक का पूर्व निर्धारित कोई कार्यक्रम होना बताया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही बैठक में शामिल न होने का फैसला कर चुकी थीं. मुख्यमंत्री के स्थान पर वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को भेजने का अनुरोध किया था, जिसे केंद्र ने ठुकरा दिया था और मुख्यमंत्री के बैठक में शामिल होने पर जोर दिया था.

तमिलनाडु के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बैठक में न शामिल होने का कारण उनके सिंगापुर और जापान दौरे पर होना बताया.

मुख्यमंत्रियों द्वारा बैठक में शामिल न होने पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आज नीति आयोग की बैठक में 8 मुख्यमंत्री नहीं आए. आयोग देश के विकास और योजनाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस बैठक के लिए 100 मुद्दे तय किए गए हैं, अब जो मुख्यमंत्री नहीं आए हैं, वो अपने प्रदेश की जनता की आवाज यहां तक नहीं ला रहे हैं. मोदी विरोध में आप कहां तक जाएंगे?’

एनडीटीवी के मुताबिक, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि केंद्र उनके साथ ठीक से व्यवहार नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी केंद्र की बात नहीं मान रहा है, नीति आयोग उनकी मांगों को नहीं सुन रहा है.’

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