पुलिस के अनुसार, अजमेर ज़िले के गेगल में एक 22 वर्षीय दलित व्यक्ति को कथित तौर 10 मई को पेट्रोल पंप कर्मियों से उधार लिए गए पांच हज़ार रुपये लौटाने को लेकर हुए विवाद के बाद आग लगा दी गई थी. गुरुवार को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
नई दिल्ली: राजस्थान पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि अजमेर जिले के एक 22 वर्षीय दलित व्यक्ति की कथित तौर पर आग लगाने के 15 दिन बाद गुरुवार को मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि 22 वर्षीय रोहित रैगर को 10 मई की रात अजमेर के गेगल में पेट्रोल पंप कर्मियों से विवाद के बाद आग के हवाले कर दिया गया था.
रोहित के पिता हरिराम ने शनिवार को इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मेरा बेटा रोहित स्थानीय पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने गया था, जहां उसकी मुलाकात भास्कर पंडित और तरुण हाडा से हुई, जो वहां काम करते हैं. उन्होंने सात-आठ महीने पहले रोहित से करीब 5,000 रुपये उधार लिए थे. रोहित ने उनसे पैसे लौटाने को कहा, जिसके बाद दोनों ने उसके साथ गाली-गलौज की. जल्द ही एक और आदमी- रासु पाराशर भी उनके साथ शामिल हो गया.’
11 मई को दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि तीनों ने बाद में रोहित से संपर्क किया और पास के चौराहे पर बुलाया.
उसके पिता ने एफआईआर में कहा, ‘बाद में तीनों में से एक ने रोहित को बुलाया और उसे एक चौराहे पर मिलने के लिए कहा. जब रोहित आया तो उनमें झगड़ा हो गया… कुछ देर बाद रोहित दौड़ता और चिल्लाता हुआ घर पहुंचा. उन्होंने पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी थी. हमने आग बुझाई और उसे जेएलएनएच अस्पताल ले गए.’
पुलिस ने बताया कि रोहित की 25 मई को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
अजमेर एसपी चूना राम जाट ने कहा, ‘हमने रासु पाराशर को गिरफ्तार कर लिया है. आगे की जांच की जा रही है. रोहित का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया.’
पराशर, भास्कर पंडित और तरुण पंडित के खिलाफ आईपीसी की धाराओं और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.