भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर नए संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के लिए जाने के दौरान पुलिस ने पदक विजेता पहलवानों पर बल प्रयोग किया था. अब उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, ग़ैर क़ानूनी रूप से एकत्र होने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है.
नई दिल्ली: भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर रविवार को संसद मार्च करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
बता दें कि पुलिस ने रविवार (28) मई को पहलवानों के खिलाफ बल प्रयोग करके उन्हें और उनके समर्थकों को दिल्ली और आसपास के राज्यों में हिरासत में ले लिया था. पहलवानों को घसीटने, धक्का देने और मारपीट के वीडियो व्यापक रूप से साझा किए जाने के बाद कई विपक्षी नेताओं, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, करीब 700 पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिस के अनुसार, दिन के दौरान 500 से अधिक महिला पुलिसकर्मियों और 1,400 पुरुषकर्मियों को डीसीपी (नई दिल्ली) प्रणव तायल को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को विभिन्न पुलिस थानों- कालकाजी, मयूर विहार, मालवीय नगर, बुराड़ी और नजफगढ़- में हिरासत में लिया गया था.
पुलिस के अनुसार, 150 से अधिक प्रदर्शनकारियों को जंतर मंतर से हिरासत में लिया गया, जबकि छात्रों, कार्यकर्ताओं, किसानों और श्रमिक संघ के नेताओं सहित 550 अन्य को विभिन्न क्षेत्रों से हिरासत में लिया गया.
जब पहलवानों को हिरासत में लिया जा रहा था और पुलिस कार्रवाई की जा रही थी, बृज भूषण शरण सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग ले रहे थे.
वही, दिल्ली पुलिस जिस पर सिंह के खिलाफ दायर दो एफआईआर (जिसमें एक एफआईआर नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के लिए पॉक्सो अधिनियम के तहत है) में सुस्त कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है, वह पहलवान संसद भवन के बाहर ‘महिला सम्मान पंचायत’ न कर सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए तत्परता से कार्रवाई करते हुए देखी गई.
एनडीटीवी के अनुसार, पहलवानों पर मामला रविवार को उन्हें हिरासत में लिए जाने के कुछ घंटों बाद दर्ज किया था. उन पर दंगा करने, गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और लोक सेवकों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने के आरोप लगाए गए हैं. पदक विजेता साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी पहलवानों को मामले में नामजद किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, संसद मार्ग पुलिस थाने में दर्ज मामले में पहलवानों पर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम (पीडीपीपी) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
उन पर आईपीसी की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353 और पीडीपीपी अधिनियन की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
साक्षी मलिक ने रविवार रात ट्वीट किया, ‘दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए. क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है कि कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है.’
दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है ? सारी दुनिया देख रही है कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव… https://t.co/h0TEXY0x92
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 28, 2023
फोगाट ने भी यही शब्द ट्वीट करते हुए साथ में लिखा, ‘एक नया इतिहास लिखा जा रहा है.’
पिछले एक महीने से अधिक समय से पहलवान और उनके समर्थक बृज भूषण की गिरफ्तारी और उन पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को जिस दौरान पहलवानों और उनके समर्थकों को हिरासत में लिया जा रहा था, उसी समय दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना स्थल को भी तहस-नहस कर दिया, प्रदर्शनकारियों के टेंट, गद्दे, वाटर कूलर आदि हटा दिए.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक ने कहा, ‘पहलवानों ने जो किया वह बेहद गैर-जिम्मेदाराना था. अब हम उन्हें विरोध प्रदर्शन नहीं करने देंगे. हमने उनसे (प्रदर्शन स्थल से) नहीं हटने को कहा था लेकिन उन्होंने नहीं सुना. 8-9 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कानून तोड़ा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे. हमने इलाके को साफ कर दिया है.’
उन्होंने साथ ही कहा अगर पहलवान फिर प्रदर्शन करने आते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा या हिरासत में ले लिया जाएगा.
अपने ऊपर लगे आरोपों पर एएनआई से बात करते हुए साक्षी मलिक ने कहा, ‘हम शांतिपूर्वक मार्च करना चाहते थे, करने नहीं दिया. हमने जाने का अनुरोध भी किया, लेकिन जब आगे बढ़ना शुरू किया तो उन्होंने धक्का देना शुरू कर दिया. वो हमें हिरासत में लेने लगे तो हमने इसका विरोध किया और फिर हमें हिरासत में ले लिया गया… जब एक महिला पर 20-30 का बल लगा हुआ है तो हम कहां से दंगा-फसाद कर सकते हैं. हम तो सिर्फ रोकने की कोशिश कर रहे थे कि हमें मत लेकर जाओ… हमने कोई दंगा-फसाद नहीं किया, किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया. वीडियो देख लीजिए.’
#WATCH | Delhi | On yesterday’s protest, their detention and FIR against them, wrestler Sakshee Malikkh says, “The situation yesterday was bad. We wanted to march peacefully but they didn’t let us do that. There was barricading right from Jantar Mantar. They started pushing us… pic.twitter.com/gVwnhe6rbQ
— ANI (@ANI) May 29, 2023
प्रदर्शन स्थल को साफ कर दिए जाने और अपनी हिरासत के बावजूद पहलवान दृढ़ बने हुए हैं. रविवार को साक्षी मलिक ने हिरासत से छूटे जाने के बाद फिर से सत्याग्रह शुरू करने की घोषणा की.
वहीं, हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक हिरासत में लिए जाने के बाद रिहा किए गए बजरंग पुनिया ने कहा कि जब तक प्रदर्शनकारियों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक घर जाने का कोई मतलब नहीं है.
साथ ही उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बृज भूषण नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘यह हमारे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा था और एक आरोपी वहां मौजूद था.’
इससे पहले पुनिया ने दिल्ली पुलिस पर बिना अपराध किए हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए एक ट्वीट किया था.
मुझे अभी तक पुलिस ने अपने हिरासत में रखा हुआ है। कुछ बता नहीं रहे। क्या मैंने कोई जुर्म किया है ? क़ैद में तो बृज भूषण को होना चाहिये था। हमें क्यों क़ैद करके रखा गया है ?
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 28, 2023
उन्हें करीब 10 घंटों तक हिरासत में रखने के बाद सबसे आखिर में छोड़ा गया था.
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए लिखा, ‘राज्याभिषेक पूरा हुआ- ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज.’
राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़! pic.twitter.com/9hbEoKZeZs
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2023
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है.
उन्होंने लिखा, ‘जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ मारपीट की, उसकी कड़ी निंदा करती हूं. यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है. लोकतंत्र सहिष्णुता में निहित है लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असंतोष को दबाने पर फलती-फूलती हैं. मैं हमारे पहलवानों के साथ खड़ी हूं.’
Strongly condemn the way Delhi Police manhandled Sakshi Malik, Vinesh Phogat and other wrestlers. It’s shameful our champions are treated in this manner. Democracy lies in tolerance but autocratic forces thrive on intolerance and quelling of dissent. I demand they be immediately…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 28, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि नई संसद में लगाया गया तमिलनाडु के मठ द्वारा जवाहरलाल नेहरू को दिया गया राजदंड सेंगोल अपने उद्घाटन वाले दिन ही ‘झुक’ गया.
एक बयान में स्टालिन ने कहा, ‘कई महीनों से पहलवान भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है.’
बता दें कि उनकी पार्टी डीएमके ने नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार किया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसकी निंदा की.
देश का मान बढ़ाने वाले हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद ग़लत एवं निंदनीय। https://t.co/hoKX2ewlli
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 28, 2023
वहीं, पूर्व भारतीय क्रिकेटर इरफान पठान ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा है कि वे एथलीटों के विजुअल (दृश्य) देखकर दुखी हैं, कृपया जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाए.
I’m so sad to see the visuals of our Athletes…. Please solve this ASAP 🙏
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) May 28, 2023
प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया गया था
द वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) की सात बसों को हिरासत में लिया; दो को कुंडली बॉर्डर पर, अंबाला से जंतर-मंतर जा रहीं तीन और हरियाणा के अंबाला जिले के शाहपुर एवं थरवा मजरी गांव से आने वाली दो बसों को रोका गया.
किसान नेता तेजवीर सिंह के मुताबिक, जंतर-मंतर जा रहे करीब 35 किसान नेताओं और उनके समर्थकों को दिल्ली-हरियाणा के कुंडली-सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया गया और सोनीपत के पास मोहना थाने में रखा गया है.
तेजवीर ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों के लिए लंगर ले जा रहे उनके पिकअप ट्रक को हरियाणा में रोक लिया गया. पंजाब के माझा क्षेत्र के किसान नेता सरवन पंधेर को 300 महिला किसानों के साथ हरियाणा के अंबाला जिले के मांजी साहिब गुरुद्वारा से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जाने की अनुमति नहीं दी गई.
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.
कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.
हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.
प्रदर्शनकारी पहलवानों के दिल्ली पुलिस द्वारा सिंह के खिलाफ एफआईआर न दर्ज करने के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.