ओडिशा के बालासोर ज़िले में बीते 2 जून की शाम हुईं तीन ट्रेनों की भयानक टक्कर में लगभग 300 यात्रियों की मौत पर दुख जताते हुए विपक्ष ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफ़ा मांगा है. साथ ही कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार का ध्यान केवल लग्ज़री ट्रेनों पर है, आम लोगों की रेलगाड़ियों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है.
नई दिल्ली: विपक्षी दल के नेताओं ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में लगभग 300 यात्रियों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए रेलवे की सिग्नलिंग प्रणाली पर सवाल उठाया है, जिसके कारण कथित तौर पर दुर्घटना हुई थी.
दुर्घटना विश्वेश्वरैया (बेंगलुरु)-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12864), शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12841) और एक मालगाड़ी के बीच हुई थी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी शुक्रवार रात हादसे पर दुख जताया और पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं से राहत कार्य में हर जरूरी सहयोग देने का आग्रह किया.
रविवार को किए गए एक ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘270 से अधिक मौतों के बाद भी कोई जवाबदेही नहीं! मोदी सरकार इतनी दर्दनाक दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती. प्रधानमंत्री को फौरन रेल मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए!’
270+ मौतों के बाद भी कोई जवाबदेही नहीं!
मोदी सरकार इतनी दर्दनाक दुर्घटना की ज़िम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती।
प्रधानमंत्री को फ़ौरन रेल मंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 4, 2023
बीते 2 जून को हादसे के बाद किए गए एक ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के दुखद समाचार से व्यथित हूं. मैं शोक संतप्त परिवारों के साथ हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह करता हूं कि बचाव के प्रयासों के लिए आवश्यक सभी सहायता प्रदान करें.’
Anguished by the tragic news of the accident involving the Coromandel Express, in Balasore, Odisha.
My heart goes out to the bereaved families. Wishing for the speedy recovery of those injured.
I urge Congress workers & leaders to extend all support needed for rescue efforts.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 2, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे रविवार को एक ट्वीट में आजाद भारत के शायद सबसे दर्दनाक रेल हादसे पर मोदी सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि विज्ञापनी पीआर हथकंडों ने मोदी सरकार के काम करने की प्रणाली को खोखला बना दिया है.
उन्होंने पूछा, ‘रेलवे में 3 लाख पद खाली हैं, बड़े अधिकारियों के पद भी खाली हैं, जो पीएमओ भर्ती करता है, उनको 9 सालों में क्यों नहीं भरा गया?’ रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि मानव संसाधन की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के घंटे, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण हैं. फिर पद क्यों नहीं भरे गए?’
2. रेलवे बोर्ड ने हाल ही में खुद माना है कि मानव संसाधन की भारी कमी के कारण लोको पायलटों के लंबे समय तक काम करने के घंटे, दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण हैं। फिर पद क्यों नहीं भरे गये ?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 4, 2023
इसके अलावा भी खड़गे ने तमाम सवाल खड़े किए हैं. एक ट्वीट में उन्होंने सवाल किया, ‘भारत के रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा 2011 में विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली का नाम मोदी सरकार ने बदलकर ‘कवच’ कर दिया था और मार्च 2022 में रेल मंत्री जी ने खुद इसका प्रदर्शन भी किया थी. फिर भी अब तक केवल 4 प्रतिशत रूटों पर ही कवच प्रणाणी क्यों है?’
मोदी जी,
आप आये दिन सफ़ेद की गई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं पर रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते।
ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करनी होगी जिससे कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके।
तभी इस हादसे के पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 4, 2023
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘मोदी जी, आप आए दिन सफेद की गई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने में व्यस्त रहते हैं पर रेल सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देते. ऊपर से नीचे तक के पदों की जवाबदेही तय करनी होगी, जिससे कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके. तभी इस हादसे के पीड़ितों को न्याय मिलेगा.’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए सवाल उठाया है कि इतने बड़े रेल हादसे का दोषी कौन है?
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इस देश का रेल मंत्री कौन है? यह कोई नहीं जानता लेकिन रेल बजट खत्म कर चेहरा चमकाने के लिए रेलगाड़ियों को हरी झंडी कौन दिखाता है, यह सब जानते हैं.’
इस देश का रेल मंत्री कौन है? यह कोई नहीं जानता लेकिन रेल बजट खत्म कर चेहरा चमकाने के लिए रेलगाड़ियों को हरी झंडी कौन दिखाता है यह सब जानते है।
इतने बड़े रेल हादसे का दोषी कौन?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 3, 2023
इसके अलावा, लालू प्रसाद यादव ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘(केंद्र ने) रेलवे को चौपट कर दिया है.’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से उन्होंने लापरवाही बरती और सतर्कता नहीं दिखाई, उसके कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है.’
उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की बात करते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
#WATCH | RJD chief & former Railways Minister Lalu Prasad Yadav speaks on #BalasoreTrainAccident; says, “…The manner in which they showed negligence & didn’t show alertness led to such a large number of casualties…There should be a high-level inquiry and action should be… pic.twitter.com/01WgROya1t
— ANI (@ANI) June 3, 2023
वहीं, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का उदाहरण दिया है. पवार ने कहा है कि जब शास्त्री जी रेल मंत्री थे तो एक रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने मीडिया से कहा, ‘जब लाल बहादुर शास्त्री रेल मंत्री थे, एक दुर्घटना हुई और यह फिर हुआ. उसके बाद जवाहरलाल नेहरू इस्तीफा देने के फैसले के खिलाफ थे, लेकिन शास्त्री ने कहा है कि यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी है और इस्तीफा दे दिया. इसी तरह की घटना का देश सामना कर रहा है, राजनेताओं को संभावित कदम उठाने चाहिए.’
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ओडिशा में हुए भीषण ट्रिपल ट्रेन हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की.
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र ऐसे हादसों को रोकने के लिए ट्रेनों में टक्कर-रोधी उपकरणों की स्थापना की उपेक्षा कर रहा है, लेकिन विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए सॉफ्टवेयर पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जनता को गुमराह करके राजनीतिक समर्थन हासिल करने के लिए वंदे भारत ट्रेनों और नवनिर्मित रेलवे स्टेशनों के बारे में शेखी बघारती है, लेकिन सुरक्षा उपायों की उपेक्षा कर रही है.
बनर्जी ने कहा, ‘तकनीकी प्रगति के बावजूद एक ओर सरकार विपक्षी नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के जजों, पत्रकारों की जासूसी करने के लिए पेगासस जैसे सॉफ्टवेयर का सहारा लेती है, लेकिन दूसरी ओर दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जीपीएस और टक्कर-रोधी उपकरणों को लाने से परहेज करती है.’
बनर्जी ने कहा कि यह गरीब और हाशिये पर रहने वाले लोग हैं, जो केंद्र की उदासीनता और उसके कार्यों – चाहे वह नोटबंदी हो, जीएसटी हो, लॉकडाउन हो, कृषि कानून हों या अपर्याप्त रेलवे सुरक्षा उपाय हों – का खामियाजा भुगतते हैं. उन्होंने ओडिशा के रेल हादसे के दृश्यों को दिल दहला देने वाला करार देते हुए प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी भी तय करने की बात कही.
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘मैं उन परिवारों के साथ हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा हूं और अगर अंतरात्मा की आवाज बाकी है तो रेल मंत्री को अभी इस्तीफा दे देना चाहिए.’
बनर्जी के सुर में सुर मिलाते हुए पार्टी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा, ‘ट्रेन दुर्घटना की दुखद खबर सुनकर स्तब्ध और व्यथित हूं. एक कथित सिग्नलिंग विफलता के कारण 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, यह विश्वास से परे चौंकाने वाला है. गंभीर सवाल हैं जिनके जवाब जरूरी हैं.’
Stunned & distressed to hear the tragic news of the Coromandel Express & Yashwantpur-Howrah train crash in Odisha.
My fervent prayers for those affected & their families.
As of now, the casualties stand at 233 dead & over 900 injured.
That an alleged signaling failure led…
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 3, 2023
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया, ‘स्वतंत्र भारत के सबसे घातक रेल त्रासदी की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री क्यों नहीं ले रहे हैं. प्रधानमंत्री रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा क्यों नहीं मांग रहे हैं. कैग, संसदीय समितियों, विशेषज्ञों और भारत की जनता के सवालों से क्यों बच रही है मोदी सरकार. भारत कुछ गंभीर जवाब चाहता है.’
ओडिशा ट्रेन हादसे पर हमारा विस्तृत बयान। हेडलाइन की राजनीति से परे इसमें इस बात को लेकर सवाल है कि कैसे रेल सुरक्षा और ट्रैक नवीनीकरण को पीछे छोड़ दिया गया है। सिर्फ हाई-प्रोफाइल उद्घाटन और गति को लेकर जुनून को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें तीन बुनियादी सवाल हैं। pic.twitter.com/CoZgmgiH4b
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 4, 2023
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, ‘बालासोर, उड़ीसा में भयावह ट्रेन दुर्घटना को हुए 24 घंटे से अधिक बीत चुके हैं. क्या मानवीय व नैतिक आधार पर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की जवाबदेही नहीं तय की जानी चाहिए?’
उन्होंने कहा, ‘विशेषज्ञों, संसदीय समिति, कैग रिपोर्ट की चेतावनियों व सुझावों को नजरंदाज करने के लिए कौन जिम्मेदार है? रेलवे में खाली पड़े पदों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फंड की कमी के लिए किसकी जिम्मेदारी तय होगी?’
उन्होंने कहा, ‘लाल बहादुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी, माधव राव सिंधिया जी के नैतिक रास्ते का पालन करते हुए क्या रेल मंत्री जी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?’
बालासोर, उड़ीसा में भयावह ट्रेन दुर्घटना को हुए 24 घंटे से अधिक बीत चुके हैं
क्या मानवीय व नैतिक आधार पर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की जवाबदेही नहीं तय की जानी चाहिए?
विशेषज्ञों, संसदीय समिति, CAG रिपोर्ट की चेतावनियों व सुझावों को नजरंदाज करने के लिए कौन जिम्मेदार है?
रेलवे में…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 4, 2023
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा है, ‘मोदी सरकार और खुद रेल मंत्री को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. रेल मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.’
सुरजेवाला ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री और रेल मंत्री पर निशाना साधते हुए ओडिशा की भयानक दुर्घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं.
The #OdishaTrainTragedy has now claimed 288 precious lives, 56 people are struggling for life & 747 are seriously injured. It is India’s most devastating train accident.
QUESTION 1. – Who is responsible?
QUESTION 2.👇
Should we just pray to God (as PM Modi says) or demand…— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 3, 2023
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी रेल मंत्री का इस्तीफा मांगा है. बघेल ने कहा, ‘इस घटना से पूरा देश दुखी है. क्या उनमें नैतिकता है या नहीं. भाजपा नैतिकता की बात करती है, तो उन्हें (अश्विनी वैष्णव) इस्तीफा दे देना चाहिए.’
सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘झूठी सरकार की झूठी तकनीकी ने कितने लोगों की जान ले ली है. इसके लिए मंत्री से लेकर कंपनी तक सब जिम्मेदार हैं. इस महाघोटाले और भ्रष्टाचार की एक आपराधिक मामले की तरह जांच करके दंडात्मक कार्रवाई हो. ये कवच नहीं; भाजपाई कपट है.’
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 3, 2023
इंडिया टुडे के मुताबिक, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भारतीय रेलवे में सिग्नलिंग एवं सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इस तरह की त्रासदियां सामान्य (New Normal) हो जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘क्या भारतीय रेलवे में अब कोई सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणाली नहीं है? या ऐसी भयानक त्रासदियां भारत में रेल यात्रा के लिए सामान्य हो जाएंगी? हमें उन पीड़ितों और उन परिवारों को जवाब देना है, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनों को खो दिया.’
माकपा के बिनॉय विश्वम ने भी रेल मंत्री का इस्तीफा मांगा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सरकार का ध्यान केवल लग्जरी ट्रेनों पर है. आम लोगों की रेलगाड़ियों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है. ओडिशा में हुईं मौतें इसी का परिणाम हैं. रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.’
Government concentrate only on luxury trains. Trains and tracks of common people are neglected.Orissa deaths are the result of it. Rail minister should resign.
— Binoy Viswam (@BinoyViswam1) June 2, 2023
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने भी रेल मंत्री का इस्तीफा मांगा. राउत ने कहा, ‘यह सरासर लापरवाही है. रेल मंत्री ओडिशा से हैं और उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.’
मालूम हो कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम (2 जून) हुई तीन ट्रेनों की भयानक टक्कर में 290 से अधिक यात्रियों के मारे जाने के कुछ घंटों बाद रेलवे ने पुष्टि की है कि उक्त रेल मार्ग पर ‘कवच’ प्रणाली नहीं थी, जो एक्सप्रेस ट्रेनों को आपस में टकराने से रोक सकती थी.
दुर्घटना में विश्वेश्वरैया (बेंगलुरु)-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12864), शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12841) और एक मालगाड़ी शामिल थीं.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे भयानक हादसों में से एक में कम से कम 294 लोग मारे गए हैं और 1,000 से अधिक घायल हुए हैं. बालासोर के अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा हुआ है. शवों की शिनाख्त अभी भी जारी है, क्योंकि यात्रियों के परिजन अपने प्रियजनों को खोजने की कोशिश कर रहे हैं.