मुंबई की निजी कंपनी के एक असिस्टेंट मैनेजर और सेल्स मैनेजर पर संस्थान की फ्रंट ऑफिस एक्ज़िक्यूटिव के यौन उत्पीड़न का आरोप है. एक स्थानीय अदालत ने उनकी अग्रिम ज़मानत की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियां और साथ चलने के लिए बार-बार पूछना महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के समान है.
नई दिल्ली: मुंबई की एक सत्र अदालत ने एक निजी कंपनी के दो कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि महिला सहकर्मी के फिगर की तारीफ करना, उन्हें यह कहना कि उन्होंने खुद को बहुत अच्छे से मेंटेन किया हुआ है और बार-बार बाहर साथ चलने के लिए पूछना अभद्र भाषा के इस्तेमाल और उनकी (महिला) गरिमा को ठेस पहुंचाने के समान है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, एक रियल एस्टेट कंपनी के 42 वर्षीय असिस्टेंट मैनेजर और 30 वर्षीय सेल्स मैनेजर पर पर इसी संस्थान की ‘फ्रंट ऑफिस एक्ज़िक्यूटिव’ के यौन उत्पीड़न का आरोप है.
बीते हफ्ते दो अलग-अलग आदेशों में न्यायाधीश ए. ज़ेड खान ने कहा, ‘मामले में कई ऐसे पहलू हैं जिन्हें लेकर अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ जरूरी है, अन्यथा जांच अधिकारी द्वारा पूछताछ करने का अधिकार छिन जाएगा, जो निश्चित रूप से अभियोजन पक्ष और अंततः शिकायतकर्ता के मामले के गुण-दोष को प्रभावित करेगा.’
उन्होंने जोड़ा कि यह ऐसा केस नहीं है जहां आरोपियों को अग्रिम जमानत पर रिहा किया जा सके.
बीते 24 अप्रैल को महिला ने पुलिस में शिकायत की थी, जिसके बाद दोनों पुरुषों पर आईपीसी की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा भंग करने, यौन उत्पीड़न के लिए 354ए, पीछा करने के लिए 354डी और महिला की गरिमा भांग करने वाले शब्द, इशारे या कृत्य करने के लिए 509 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
अभियोजन पक्ष ने कहा है कि गवाहों के बयान और दस्तावेजों से पता चलता है कि 1 मार्च से 14 अप्रैल के बीच आरोपियों ने महिला का यौन उत्पीड़न किया. वे महिला से कहा करते थे- ‘मैडम आपने खुद को बहुत मेंटेन कर रखा है… आपका फिगर बहुत अच्छा है.. क्या मैम, मेरे साथ बाहर जाने के बारे में कुछ सोचा कि नहीं…’
महिला ने इस बारे में संस्थान में शिकायत दर्ज करवाने के साथ ही पुलिस में भी शिकायत दी थी.
आरोपियों ने दो मई को जमानत के लिए अपील की थी. उन्होंने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. अभियोजन ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि हिरासत में पूछताछ जरूरी है.
आरोपी सेल्स मैनेजर से संबंधित आदेश में जज ने कहा कि उनके पिता ने शिकायतकर्ता और अन्य कर्मचारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की थी.
दोनों आदेशों में न्यायाधीश ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपराध गंभीर है और उस महिला के खिलाफ है जिसमें वर्तमान आरोपी ने अन्य आरोपी के साथ काम करने की जगह पर शिकायतकर्ता के प्रति इस तरह की घटिया भाषा का इस्तेमाल किया और शिकायतकर्ता और नियोक्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की.’