ख़बर है कि भारतीय महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप झेल रहे भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र कैसरगंज में भाजपा की एक रैली को संबोधित करेंगे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव के महासंपर्क अभियान के तहत आयोजित की जा रही है.
नई दिल्ली: भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने बीते दिनों अयोध्या में 5 जून को होने वाली अपनी रैली को स्थगित कर दिया था, लेकिन अब वे 11 जून को अपने निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के कैसरगंज में कथित तौर पर भाजपा की एक रैली को संबोधित करने वाले हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह रैली 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासंपर्क अभियान के तहत आयोजित की जा रही है.
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ‘यह बृजभूषण के लिए अपनी ताकत दिखाने के लिए एक मेगा रैली होगी, क्योंकि पहलवानों के समर्थन में उठती आवाजें लगातार बढ़ती जा रही हैं.’
बीते 2 जून को बृजभूषण ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान जारी करके 5 जून को अयोध्या में होने वाली ‘जन चेतना महारैली’ को ‘कुछ दिनों’ के लिए स्थगित कर दिया था. इसके पीछे उन्होंने उन पर लगे आरोपों की पुलिस द्वारा जांच और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया था.
सिंह ने लिखा था, ‘मैंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है. इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं.’
उन्होंने फेसबुक पर लिखा था कि वह ‘सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान कर रहे हैं’ और कार्यक्रम को स्थगित कर रहे हैं.
यह साफ नहीं है कि सिंह सुप्रीम कोर्ट के किस निर्देश का जिक्र कर रहे थे.
गौरतलब है कि 4 मई को शीर्ष अदालत ने पहलवानों द्वारा दायर याचिका में कार्यवाही बंद कर दी थी, जो चाहते थे कि बृजभूषण के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जाए. अदालत ने पुलिस से शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को भी कहा था.
बृजभूषण का यह भी कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि वह लंबे समय से सांसद हैं.
बता दें कि रैली की तैयारियां तब जोरों पर थीं और बृजभूषण ने हिंदू धार्मिक नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें की थीं. उम्मीद की जा रही थी कि अयोध्या के संतों के अलावा बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती के कुछ हिस्सों के पुजारी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
इस बीच, अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने द वायर को फोन पर बताया कि जिला प्रशासन को 5 जून को ‘जन चेतना महारैली’ के लिए कोई आवेदन नहीं मिला था. हालांकि, कुमार ने आगे कहा कि जिला प्रशासन को संत समागम के आयोजन के लिए एक आवेदन मिला था, जो विचाराधीन है.
हाल ही में बृजभूषण के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर (एक पॉक्सो अधिनियम के तहत) का विवरण सामने आया था, जिनमें ‘पेशेवर सहायता के बदले’ सेक्सुअल मांग के कम से कम दो मामले; यौन उत्पीड़न की कम से कम 15 घटनाएं, जिनमें गलत तरह से छूने की करीब दस घटनाएं, छेड़छाड़- जिसमें खिलाड़ियों के स्तनों को हाथ लगाना, नाभि को छूना शामिल है; डराने-धमकाने के कई उदाहरण जिनमें पीछा करना भी शामिल है- का जिक्र किया गया है.
जहां ऐसा कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कई भाजपा नेता सिंह के लिए समर्थन जुटा रहे हैं और रद्द हो चुकी अयोध्या रैली की तैयारी में भी मदद कर रहे थे, वहीं पार्टी के कुछ नेता ही पहलवानों के आंदोलन के समर्थन में सामने आए हैं
उदाहरण के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा में भाजपा के प्रमुख जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने द वायर को बताया कि अगर इस मुद्दे को जल्द हल नहीं किया गया तो भाजपा को राजनीतिक तौर पर नुकसान होगा.
उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि पार्टी को किस तरह नुकसान हो सकता है, लेकिन जोर देकर कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच तेज और निष्पक्ष होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘जांच के निष्कर्ष शिकायतकर्ताओं के लिए संतोषजनक होने चाहिए, जिन्हें यह महसूस भी होना चाहिए कि कार्रवाई बिना किसी पूर्वाग्रह के की गई.’
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.