दूरदर्शन की अंग्रेज़ी भाषा की लोकप्रिय समाचार वाचक गीतांजलि अय्यर का निधन

भारतीय टेलीविज़न के सबसे पहले अंग्रेज़ी समाचार वाचकों में से एक गीतांजलि अय्यर को चार बार सर्वश्रेष्ठ एंकर का सम्मान मिला था. उन्होंने दूरदर्शन के साथ तीन दशक तक काम किया था. कई विज्ञापनों और डीडी के एक धारावाहिक में भी वह नज़र आई थीं.

/
गीतांजलि अय्यर. (फोटो साभार: ट्विटर)

भारतीय टेलीविज़न के सबसे पहले अंग्रेज़ी समाचार वाचकों में से एक गीतांजलि अय्यर को चार बार सर्वश्रेष्ठ एंकर का सम्मान मिला था. उन्होंने दूरदर्शन के साथ तीन दशक तक काम किया था. कई विज्ञापनों और डीडी के एक धारावाहिक में भी वह नज़र आई थीं.

गीतांजलि अय्यर. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: दूरदर्शन की जानी-मानी समाचार वाचक (News Reader) गीतांजलि अय्यर का बुधवार (7 जून) की दोपहर निधन हो गया. वह 72 वर्ष की थीं और कुछ समय से बीमार चल रही थीं.

उनका निधन ब्रेन हैमरेज के चलते हुआ. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा. अय्यर के परिवार में बेटा शेखर और बेटी पल्लवी हैं, जो अमेरिका में रहते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘दिस इज दूरदर्शन न्यूज. गुड इवनिंग एंड ​वेलकर. द ​हेडलाइंस…’ इस अभिवादन के साथ गीतांजलि अय्यर रात 9 बजे प्राइम-टाइम समाचार दूरदर्शन पर पेश करती थीं. ये वो दौर था, जब रेडियो की जगह पर टीवी ने लोगों के घर में जगह बनानी शुरू कर दी थी.

1970 के दशक के उत्तरार्द्ध में जब भारत का परिचय टीवी से हुआ था, तब अय्यर और उनके साथ काम करने वाले – सलमा सुल्तान, नीति रविंद्रन और शम्मी नारंग समेत अन्य – सरकार के स्वामित्व वाले दूरदर्शन पर समाचार पढ़ा करते थे.

दिल्ली की रहने वालीं अय्यर भारतीय टेलीविजन पर सबसे पहले अंग्रेजी समाचार वाचकों में से एक थीं. उन्होंने दूरदर्शन (डीडी) के साथ तीन दशक तक काम किया था. उन्हें चार बार सर्वश्रेष्ठ एंकर का सम्मान भी मिला था.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता के लोरेटो कॉलेज से स्नातक करने वालीं अय्यर ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से डिप्लोमा भी किया था. उन्होंने 1989 में इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पुरस्कार भी जीता, जो उत्कृष्ट महिलाओं को दिया जाता था.

वह ऑल इंडिया रेडियो पर शुक्रवार की रात अंग्रेजी गानों के अनुरोध से संबंधित लोकप्रिय शो ‘अ डेट विद यू’ भी प्रस्तुत करती थीं.

अय्यर ने डीडी के एक लोकप्रिय धारावाहिक ‘खानदान’ में भी अभिनय किया था. इसके अलावा उस समय के कई प्रिंट विज्ञापनों में भी वे नजर आई थीं. एंकर के तौर पर एक सफल करिअर के बाद उन्होंने सीआईआई और वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के अलावा ताज और ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल्स के साथ भी काम किया.

समाचार उद्योग में दशकों लंबे करिअर के बाद उन्होंने कॉरपोरेट कम्युनिकेशन, सरकारी संपर्क और मार्केटिंग में कदम रखे थे.

अय्यर के साथ ऑल इंडिया रेडियो में काम करने वालीं उनकी करीबी दोस्त और पत्रकार सुमिता पॉल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, अय्यर ठीक होने लगी थीं. बुधवार को एक मित्र उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

रेडियो समाचार सुनकर बड़ी हुईं अय्यर हमेशा अपने स्पष्ट उच्चारण और शब्द चयन से आकर्षित करती थीं. 1971 में ग्रेजुएशन के ठीक बाद उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) में ऑडिशन दिया और अंग्रेजी समाचार सेक्शन से जुड़ गईं.

वह 1976 में डीडी में चली गईं. 1982 में जब डीडी राष्ट्रीय बन गया और रंगीन टीवी भारत में आया तो गली-गली में समाचार वाचकों को पहचान मिली.

वर्ष 2022 में अय्यर ने वो दौर याद करते हुए आउटलुक पत्रिका में लिखा था, ‘अचानक आपको पूरे भारत में पहचाना जाने लगा… शिक्षक बच्चों को हमारे बोलने के तरीके का अनुकरण करने के लिए कहते थे.’

अय्यर की पूर्व सहयोगी और डीडी न्यूज एंकर रिनी सिमोन खन्ना ने कहा, ‘मैं उनसे पिछले महीने रात के खाने पर मिली थी और देखा कि वह काफी कमजोर हो गई थीं.’

खन्ना ने कहा, ‘आज भी लोग उन्हें उनकी सटीक भाषा और स्पष्ट उच्चारण के लिए याद करते हैं.’

उस दौर में अय्यर का हेयरकट काफी पसंदीदा हुआ करता था, लोग उनके हेयरड्रेसर का नाम जानने के लिए पत्र लिखा करते थे. बीते जमाने की एंकर और अय्यर की दोस्त साधना श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘उनका हेयरकट ट्रेडमार्क बन गया था.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने उनके बहुत बाद शुरुआत की थी, लेकिन जो हमें करीब लाया वह यह था कि वह एक प्यारी इंसान थीं और उनकी वह शिष्टता बहुत अद्भुत थी और हमेशा उनके साथ रही. मैं उनसे इस मार्च में होली पर मिला थी, जैसा कि मैं जानती थी कि वह अकेली थी. उनका निधन एक बहुत बड़ी क्षति है.’