दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बीते 6 जून की रात नशे में धुत कुछ कार सवार युवक कैंपस में घुस आए और दो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें कार में खींचने का प्रयास किया. उनके द्वारा एक छात्र के साथ भी मारपीट की गई. घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
नई दिल्ली: नशे में धुत लोगों के एक समूह ने मंगलवार (6 जून) देर रात दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कथित तौर पर दो छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की और उनका अपहरण करने का प्रयास किया. एक छात्र के साथ मारपीट करने के भी सूचना है. इस घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच परिसर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने समेत नए सुरक्षा उपायों की घोषणा की है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, छेड़छाड़ और अपहरण के प्रयास के आरोप में एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिसकी पहचान गुड़गांव निवासी अभिषेक के रूप में हुई है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दो छात्राएं रात करीब 11 बजे कैंपस के अंदर टहल रही थीं, तभी एक कार में सवार 4-5 युवक उनके पास आए. आरोपी शराब के नशे में थे और छात्राओं से छेड़छाड़ की. यहां तक कि उन्होंने उन्हें पकड़कर कार में खींचने की कोशिश की. हालांकि छात्राएं चिल्लाईं और खुद को छुड़ाने में सफल रहीं.
एक घंटे बाद जब विश्वविद्यालय में पीएचडी कर रहे एक अन्य छात्र ने कैंपस से बाहर निकलने का प्रयास करते आरोपियों द्वारा कॉलेज का गेट खोलने पर आपत्ति जताई, तो उन्होंने उसकी पिटाई कर दी. घटना कैंपस के नॉर्थ गेट के पास हुई.
एक अधिकारी ने बताया, ‘आरोपियों द्वारा छात्र को थप्पड़ मारा गया था. इस छात्र ने भी आरोप लगाया कि आरोपी नशे में थे; उन्होंने उसे धक्का दिया और भाग गए.’
रात करीब 12:30 बजे छात्र ने पुलिस को पहला फोन करके मारपीट की शिकायत की थी. दूसरा फोन करीब रात 1 बजे कॉलेज प्रशासन और छात्राओं द्वारा किया गया था.
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी. ने कहा, ‘जेएनयू छात्रों की तरफ से दो शिकायतें मिली हैं. एक मारपीट और दूसरी छेड़छाड़ एवं अपहरण के प्रयास से संबंधित है. दो मामले दर्ज किए गए हैं. दोनों ही मामलों में आरोपी और वाहन समान हैं और उनकी पहचान कर ली गई है. आगे की जांच जारी है.’
पुलिस ने आरोपियों को रात में कॉलेज परिसर में घुसने देने के लिए कॉलेज प्रशासन और गार्ड को भी दोषी ठहराया है.
एक अधिकारी ने बताया, ‘उन्होंने केवल एक व्यक्ति का नाम और कार का नंबर नोट किया था. उन्होंने आरोपियों को (परिसर में प्रवेश करने से) नहीं रोका. उन्हें रोकना चाहिए था. आरोपी जेएनयू या यहां तक कि दिल्ली के भी छात्र नहीं हैं.’
अधिकारी ने कहा कि कार जिस हिस्से में गई उसमें कोई सीसीटीवी नहीं हैं. अधिकारी ने आगे कहा, ‘हमने पाया कि आरोपियों को घटना वाले दिन कई बार कॉलेज में घूमते देखा गया था. उन्हें एक बार भी नहीं रोका गया.’
इस बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार को जारी अपने नोटिस में कहा कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक परिसर में बाहरी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. जेएनयू कैंपस में रहने वालों को अब प्रवेश करते समय अपना पहचान पत्र दिखाना होगा.
इसके अलावा छात्रों को सलाह दी गई है कि वे मेहमानों के आने की स्थिति में मुख्य द्वार पर कर्मचारियों को सूचित करें.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने एक बयान में कहा, जिन छात्रों पर हमला किया गया, उनमें से एक का मेडिकल हुआ है और औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई गई है.
जेएनयू की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) इकाई ने भी सुरक्षा में कथित चूक को लेकर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है.