तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने हाल ही में एआईडीएमके नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जयललिता पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा था कि राज्य में पिछली कई सरकारें भ्रष्ट थीं. एआईडीएमके ने कहा कि अन्नामलाई की टिप्पणी का मतलब सिर्फ़ इतना है कि वह नहीं चाहते कि पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन जारी रहे और मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तमिलनाडु में 2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए 25 से अधिक सीटों का लक्ष्य निर्धारित करने के एक दिन बाद सहयोगी एआईएडीएमके ने सोमवार को कहा कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राज्य पार्टी प्रमुख के. अन्नामलाई को नियंत्रण में नहीं रखता तो पार्टी (एआईएडीएमके) उसके साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार कर सकती है.
अन्नामलाई द्वारा के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली पार्टी की कड़ी आलोचना के बीच एआईडीएमके ने सोमवार को कहा कि वह तमिलनाडु में भाजपा के साथ अपने गठबंधन पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होगी.
एआईडीएमके की ताजा धमकी ने राज्य में दोनों सहयोगी दलों के बीच बढ़ते तनाव को फिर से सामने ला दिया है.
राज्य भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने एआईडीएमके नेता और तमिलनाडु के पूर्व मंत्री डी. जयकमार तथा पार्टी की दिवंगत नेता जयललिता की आलोचना की थी, जिस पर पार्टी ने आपत्ति जताई है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक के साथ एक इंटरव्यू में अन्नामलाई से जब पूछा गया कि क्या 1991-96 (जब जयललिता सत्ता में थीं) के बीच की अवधि भ्रष्टाचार के मामले में सबसे खराब अवधि थी तो उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु में कई प्रशासन (सरकारें) भ्रष्ट थे. पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानून की अदालतों में दोषी ठहराया गया है. यही कारण है कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक बन गया है. मैं कहूंगा कि यह भ्रष्टाचार में नंबर वन है.’
इसके बाद एआईडीएमके नेता जयकुमार ने तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष पर जमकर निशाना साधा और जानना चाहा कि क्या अन्नामलाई द्वारा की गई टिप्पणी को दिल्ली के केंद्रीय नेताओं ने मंजूरी दी है.
अन्नामलाई के बयान से ट्विटर पर हंगामा मच गया और एआईएडीएमके के पदाधिकारियों ने राज्य भाजपा अध्यक्ष की आलोचना की. चेन्नई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयकुमार ने भाजपा नेता को नौसिखिया कहा, जो तमिलनाडु की राजनीति के इतिहास को नहीं जानता.
उन्होंने कहा, ‘सत्तारूढ़ डीएमके की आलोचना करने के बजाय, गठबंधन सहयोगी के खिलाफ टिप्पणी करना स्वीकार्य नहीं है. हम उनके बयान की कड़ी निंदा करते हैं. एआईएडीएमके कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से (2024 के लोकसभा चुनावों में) निर्वाचित होते देखना चाहते हैं, लेकिन अन्नामलाई की टिप्पणी का मतलब सिर्फ इतना है कि वह नहीं चाहते कि अन्नाद्रमुक और भाजपा गठबंधन जारी रहे और मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें.’
उन्होंने कहा कि गठबंधन को पुदुचेरी सहित सभी 40 सीटें जीतने की संभावना है, जबकि चुनाव में छह से आठ महीने बाकी हैं. जयकुमार ने कहा, ‘अगर अभी चुनाव होते, तो एआईएडीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन 30 लोकसभा सीटों के करीब जीतने में सक्षम है.’
उन्होंने कहा, ‘एक मृत व्यक्ति, एक नेता के खिलाफ टिप्पणी करना बहुत निंदनीय है. 20 साल बाद भाजपा (2021) विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी और इसका श्रेय एआईएडीएमके को जाता है. क्या अन्नामलाई इससे इनकार कर सकते हैं? यह इस तथ्य के कारण है कि वे एआईएडीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा हैं कि भाजपा की यहां पहचान है. अमित शाह और (भाजपा अध्यक्ष) जेपी नड्डा को अन्नामलाई को चेतावनी देनी चाहिए, उन्हें नियंत्रित करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो मैं आगे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, पार्टी तय समय में गठबंधन पर फैसला लेगी.’
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भाजपा को पहचान तभी मिलेगी, जब वह एआईडीएमके गठबंधन में रहेगी.
अन्नामलाई की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताते हुए जयकुमार ने आश्चर्य जताया कि कर्नाटक में भाजपा से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर तमिलनाडु भाजपा प्रमुख चुप क्यों हैं.
जयकुमार ने कहा, ‘क्या कर्नाटक में उनके चुनाव प्रचार के बावजूद भाजपा जीत गई? उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बात क्यों नहीं की.’
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अन्नामलाई अनावश्यक रूप से पार्टी की आलोचना करना जारी रखते हैं और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ‘अपरिपक्व’ अन्नामलाई को नहीं रोकता तो एआईडीएमके को भगवा पार्टी के साथ अपने गठबंधन पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
उन्होंने कहा, ‘अन्नामलाई को अपनी जबान काबू में रखनी चाहिए और गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए.’
सत्तारूढ़ डीएमके खेमे में सहज संबंधों की ओर इशारा किया, जहां कांग्रेस संयमित रही, इसके बावजूद कि 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान डीएमके ने हमेशा मुसीबतों का सामना किया था.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने भाजपा प्रमुख की आलोचना की और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री पर अन्नामलाई की कथित टिप्पणी उनकी ‘राजनीतिक अपरिपक्वता’ को दर्शाती है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तमिलनाडु विपक्ष के नेता और एआईडीएमके के महासचिव के पलानीस्वामी कहा, ‘अन्नामलाई के खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है, जहां उन्होंने हमारी नेता जयललिता के नाम पर कलंक लगाते हुए एक अंग्रेजी दैनिक को एक बयान दिया था. हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दुखी और बेचैन हैं.’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एआईएडीएमके और भाजपा के बीच पिछले कई महीनों से शीत युद्ध चल रहा है. दोनों पक्षों के नेता एक-दूसरे की आलोचना कर रहे हैं.
बीते मार्च महीने में अन्नामलाई ने कहा था कि वह जयललिता की तरह एक नेता हैं. जयकुमार ने तब कहा था कि अन्नामलाई अपनी तुलना अम्मा जैसी सर्वोच्च नेता से नहीं कर सकते.
दोनों दलों के बीच चल रहे तनाव के बीच पिछले महीने पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और एआईएडीएमके नेता के. पलानीस्वामी ने कहा था कि उनके बीच कोई मुद्दा नहीं था. हालांकि, नवीनतम विवाद ने एक बार फिर दोनों दलों के बीच संबंधों और 2024 के चुनावों के लिए एक साथ आने पर संदेह पैदा कर दिया है.