द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच ख़बर आई है कि 2017 में मणिपुर चुनाव के समय विद्रोही कुकी संगठनों ने भाजपा की मदद की थी. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट बताती है कि एक विद्रोही कुकी संगठन के अध्यक्ष द्वारा 2019 में गृह मंत्री अमित शाह को लिखे गए पत्र में दावा किया गया था कि 2017 में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और भाजपा नेता राम माधव ने मणिपुर विधानसभा चुनाव जीतने के लिए उनसे मदद ली थी. दोनों नेता उस समय पूर्वोत्तर भारत में पार्टी का प्रभार संभाल रहे थे. विपक्षी कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल किया है कि क्या ऐसा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की रज़ामंदी से किया गया था.
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारत सरकार ने ट्विटर को बंद करने की धमकी दी थी. रिपोर्ट के अनुसार, डोर्सी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस मंच को किसान आंदोलन को कवर करने और सरकार की आलोचना करने वाले एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से ‘कई अनुरोध’ प्राप्त हुए थे. उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें ट्विटर को ‘बंद’ करने और देश में उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी गई थी.
गुजरात में आर्थिक समस्याओं से तंग आकर सूरत में हीरा पॉलिश करने वाले व्यक्ति के आत्महत्या करने की घटना सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हीरा उद्योग में मंदी के कारण कथित वित्तीय संकट से जूझ रहे 40 वर्षीय परेश महादिक बेरोजगार थे. उन्होंने सप्ताहांत में यह घातक कदम उठाया. सप्ताह भर में यह ऐसा तीसरा मामला था.
चीन ने दो भारतीय पत्रकारों को देश से वापस जाने की कहते हुए उसके पत्रकारों से भारत में अनुचित व्यवहार होने का आरोप लगाया है. द हिंदू मुताबिक, चीन ने कहा है कि भारत में उसके पत्रकारों के साथ गलत व्यवहार किया गया और एक भारतीय पत्रकार को चीन छोड़ने के लिए कहा गया है. जून 2020 में दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट के बाद से दोनों देशों के पत्रकारों के एक दूसरे के देशों में काम को लेकर को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.
मणिपुर में जारी तनाव से निपटने के लिए केंद्र द्वारा गठित शांति समिति ही विवाद का केंद्र बन गई है. रिपोर्ट के अनुसार, कुकी समुदाय के बाद अब मेइतेई समूहों ने भी समिति में भाग लेने से इनकार कर दिया है. पहले सीएम एन. बीरेन सिंह की समिति में उपस्थिति पर आपत्ति जताते हुए हाल ही में गठित ‘कोर कमेटी ऑन सेपरेट ऑर्गनाइजेशन’ (जिसमें कुकी-जोमो समुदाय का प्रतिनिधित्व भी है) ने एक निर्देश में कहा था कि ‘कोई भी नागरिक समाज संगठन, जनजाति निकाय और व्यक्ति शांति समिति में भाग नहीं लेगा.’ अब मेईतेई समुदाय से जुड़े नागरिक समाज संगठनों को एकीकृत समूह- कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटि, जिसके मुख्य समन्वयक भी शांति समिति के सदस्य हैं, ने भी समिति की संरचना पर नाराजगी व्यक्त की.
तमिलनाडु में भाजपा की सहयोगी एआईएडीएमके ने पार्टी से नाराजगी जताते हुए गठबंधन पर पुनर्विचार की बात कही है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक अख़बार से बात करते हुए तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने एआईडीएमके की दिवंगत नेता जयललिता पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा था कि राज्य में पिछली कई सरकारें भ्रष्ट थीं. इससे नाराज एआईडीएमके ने कहा है कि अन्नामलाई की टिप्पणी का मतलब सिर्फ़ इतना है कि वह नहीं चाहते कि पार्टी के साथ भाजपा का गठबंधन जारी रहे और मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. एआईडीएमके नेता जयकुमार ने यह भी कहा कि भाजपा को पहचान तभी मिलेगी, जब वह एआईडीएमके गठबंधन में रहेगी.
भारतीय नागरिकों के निजी डेटा पर कोविन ऐप के जरिये सेंधमारी की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कांग्रेस ने दावा किया कि नागरिक अब निजी जानकारी को लेकर सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते. पार्टी ने सरकार के संपूर्ण डेटा प्रबंधन तंत्र की न्यायिक जांच की भी मांग की है. केंद्र ने डेटा लीक के दावे को निराधार बताया था. इस पर तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया है कि अगर डेटा चोरी होने की रिपोर्ट आधारहीन और शरारतपूर्ण है तो सरकार ने जांच के आदेश क्यों दिए हैं. माकपा ने डेटा सेंधमारी की रिपोर्ट को चौंकाने वाला और गंभीर चिंता का मामला बताया है.