मणिपुर में आदिवासी समूह की मेईतेई और कुकी को अलग करने की मांग सहित अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मणिपुर में करीब डेढ़ महीने से जारी हिंसा के बीच एक जनजातीय संगठन ने मेईतेई और कुकी समुदायों को ‘अलग करने’ की मांग की है. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के जनजातीय समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में जारी हिंसा का एकमात्र समाधान मेईतेई और कुकी-जो समुदायों को पूरी तरह से अलग करना है क्योंकि दोनों समुदायों के बीच ‘जातीय मतभेद और अविश्वास’ समझौते से परे जा चुका है. फोरम ने एन. बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर आदिवासियों के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि अगर राज्यपाल राहत केंद्रों में जाकर विस्थापित लोगों से बातचीत करती हैं, तो उन्हें एक नया नजरिया मालूम चलेगा और आदिवासी समुदायों की दुर्दशा के बारे में जानकारी मिलेगी.

तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी द्वारा बुधवार तड़के हिरासत में लिए जाने के उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी और उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस कार्रवाई को भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है. वहीं, विभिन्न विपक्षी दलों ने भी केंद्रीय एजेंसी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे सरकार द्वारा उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति बताया है.

उत्तराखंड में सांप्रदायिक तनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्ववादी संगठनों की ‘महापंचायत’ पर रोक की याचिका सुनने से इनकार कर दिया है. लाइव लॉ के अनुसार, उत्तरकाशी के पुरोला में इस प्रस्तावित ‘महापंचायत’ के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका सुनने से इनकार करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय हैं और याचिकाकर्ता इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा सकते हैं.

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विलफुल डिफॉल्टर्स के क़र्ज़ को समझौते से निपटाने के खिलाफ बैंक कर्मचारी यूनियन सामने आई हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, आरबीआई ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझकर क़र्ज़ न चुकाने वाले) और धोखाधड़ी के मामलों के ऋण निपटान के लिए समझौते की अनुमति दी है. ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन और ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन इसके खिलाफ हैं. उनका कहना है कि यह एक ‘हानिकारक कदम है जो बैंकिंग प्रणाली की अखंडता से समझौता कर सकता है और विलफुल डिफॉल्टर्स से प्रभावी ढंग से निपटने के प्रयासों को कमजोर कर सकता है.’ उधर, विपक्षी कांग्रेस ने भी सवाल किया है कि डिफॉल्टर्स के लिए नियमों में बदलाव किए जाने की वजह क्या है. सरकार पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार आम जनता के पैसों को अपने चुनिंदा मित्रों पर न्योछावर कर रही है.

मणिपुर में मंगलवार रात को फिर हिंसा की घातक घटना सामने आई, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. द हिंदू की एक रिपोर्ट में मरने वालों की संख्या 11 बताई गई है. पुलिस के अनुसार, मंगलवार को कांगपोकपी ज़िले के ऐगिजंग गांव में देर रात हुई फायरिंग में नौ लोगों की मौत हुई है. ये सभी मेईतेई समुदाय से हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, इंफाल पूर्व के एसपी के. शिवाकांत सिंह ने बताया, ‘रात करीब 10-10.30 बजे गांव में फायरिंग हुई और नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां एक की हालत गंभीर बताई जा रही है.’ इससे पहले बीते सोमवार को चूड़ाचांदपुर ज़िले के लैलोईफाई इलाके में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हुई है.

ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डोर्सी के भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय ट्विटर पर दबाव बनाने के दावों को केंद्र सरकार के झूठा बताने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि डोर्सी के पास झूठ बोलने की कोई वजह नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा कि जैक डोर्सी ऐसा बयान क्यों देंगे? राजीव चंद्रशेखर कहते हैं कि यह झूठ है. वह झूठ क्यों बोलेंगे? जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है… जबकि सरकार के पास झूठ बोलने का ‘हर कारण’ है क्योंकि वे इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती है.’