असम में बाढ़ से क़रीब 29,000 लोग प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राज्य में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को बिगड़ गई है. लगातार बारिश के कारण राज्य के तीन ज़िले धेमाजी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण मिज़ोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन हुआ है.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, राज्य में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को बिगड़ गई है. लगातार बारिश के कारण राज्य के तीन ज़िले धेमाजी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण मिज़ोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन हुआ है.

(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर पूर्व भारत का असम राज्य हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ की चपेट में है. बीते बृहस्पतिवार को राज्य में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई. लगातार जारी बारिश के कारण राज्य के तीन जिलों में आई बाढ़ की वजह से लगभग 29,000 लोग प्रभावित हुए हैं.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, धेमाजी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर जिलों में बाढ़ से 28,800 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 23,500 से अधिक लोगों के साथ लखीमपुर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, इसके बाद डिब्रूगढ़ में 3,800 से अधिक लोग और धेमाजी में लगभग 1,500 लोग प्रभावित हुए हैं.

बुधवार (14 जून) तक असम के दो जिलों में लगभग 21,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे. प्रशासन ने लखीमपुर जिले में तीन राहत वितरण केंद्र शुरू किए हैं, लेकिन अभी तक कोई राहत शिविर शुरू नहीं किया गया है.

एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में 25 गांव बाढ़ के चपेट में हैं और पूरे असम में 215.57 हेक्टेयर फसल क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गया है.

एएसडीएमए ने कहा कि बिश्वनाथ, बोंगईगांव, डिब्रूगढ़, जोरहाट, लखीमपुर, मोरीगांव, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में मिट्टी का भारी कटाव देखा गया है. कछार और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा के कारण भूस्खलन की घटनाओं की सूचना मिली है.

लखीमपुर, गोलपारा, विश्वनाथ, धेमाजी, बक्सा, दीमा हसाओ और करीमगंज जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

असम में अब तक कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.

गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बुधवार को अगले पांच दिनों तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी वर्षा की भविष्यवाणी की थी.

केंद्र ने तीन दिनों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. उसके बाद के दो दिनों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है. ‘येलो अलर्ट’ का मतलब सावधान और अपडेट रहना है, जबकि ‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब कार्रवाई के लिए तैयार रहना है.

भारी बारिश से एनएच-6 पर भूस्खलन, मिजोरम शेष भारत से कटा

वहीं, भारी बारिश के कारण मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि मिजोरम की राजधानी आइजोल के पश्चिमी बाहरी इलाके में हुनथर इलाके में भूस्खलन हुआ.

अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है.

समाचार वेबसाइट ईस्टमोजो के रिपोर्ट के मुताबिक, एनएच-6 या एनएच-306 को मिजोरम की जीवनरेखा कहलाती ​​है, जो उत्तर पूर्व के इस राज्य को असम के सिलचर और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ है.