नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के नाम से ‘नेहरू’ हटाया गया

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी, वह संस्था जो इसी नाम के परिसर का प्रबंधन करती है, ने अपना नाम बदलकर 'प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी' रख लिया है.

तीन मूर्ति भवन. (साभार: विकीमीडिया कॉमन्स)

प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी, वह संस्था जो इसी नाम के परिसर का प्रबंधन करती है, ने अपना नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रख लिया है.

तीन मूर्ति भवन. (साभार: विकीमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने शुक्रवार को बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी, वह संस्था जो इसी नाम के परिसर का प्रबंधन करती है, ने अपना नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रख लिया है.

हालांकि पीआईबी की विज्ञप्ति में केवल ‘सोसाइटी’ का उल्लेख किया गया है और यह नहीं बताया गया है कि संग्रहालय का नाम बदला जाएगा या नहीं, हालांकि, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती हैं कि एनएमएमएल को अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी ही कहा जाएगा.

पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, रक्षा मंत्री और सोसाइटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नाम में परिवर्तन के प्रस्ताव का स्वागत किया क्योंकि ‘अपने नए रूप में यह संस्थान श्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर श्री नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने की उनकी रणनीति को प्रदर्शित करता है.’

सिंह का इशारा तीन मूर्ति परिसर में ही एनएमएमएल के पास एक अलग इमारत में जवाहरलाल नेहरू के बाद के प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय से था, जिसे बीते साल आम जनता के लिए खोला गया था.

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘कार्यकारी परिषद ने बाद में महसूस किया कि संस्थान के नाम में वर्तमान गतिविधियों को प्रतिबिंबित होना चाहिए, जहां अब एक ऐसा संग्रहालय भी शामिल है जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है संग्रहालय भी शामिल है जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और प्रत्येक प्रधानमंत्री के राष्ट्र निर्माण में योगदान को प्रदर्शित करता है.’

नेहरू संग्रहालय और नई इमारत को प्रधानमंत्री संग्रहालय के नाम से जाना जाता है.

बता दें कि 2019 के अंत में केंद्र सरकार ने नए भवन के निर्माण का विरोध करने वाले तीन कांग्रेस नेताओं को सोसाइटी से हटा दिया गया था. 2015 में एनएमएमएल तब विवादों के घेरे में आया था, जब इसके तत्कालीन निदेशक महेश रंगराजन ने राजनीतिक दबाव के चलते इस्तीफा दे दिया था.

नई इमारत कोई सालभर पुरानी है, वहीं, पुरानी इमारत जिसमें नेहरू संग्रहालय है, को 1930 में फ्लैगस्टाफ हाउस, जो ब्रिटिश भारत के कमांडर-इन-चीफ होता, के तौर पर बनाया गया था.

1947 में प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद नेहरू इस भवन में चले गए और इसका नाम बदलकर ‘तीन मूर्ति भवन’ कर दिया गया था. 1964 में उनके निधन के बाद इसे उनकी स्मृति में संग्रहालय में बदल दिया गया था.