कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा पारित धर्मांतरण विरोधी कानून के विभिन्न प्रावधानों को रद्द करने योजना बना रही है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राज्य के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने गुरुवार को कहा कि पांच जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण-रोधी कानूनों में किए गए बदलावों को रद्द किया जाएगा. विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इसे संविधान और अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया था. राज्य के ईसाई समूहों ने भी कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही, राज्य सरकार ने कक्षा 6 से 10 की स्कूली पाठ्यपुस्तक से आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर से जुड़े अध्याय हटा दिए हैं. सरकार ने इस कदम को भाजपा शासन के तहत की गई ‘इतिहास की विकृति’ और ‘पाठ्यक्रम के भगवाकरण’ को सुधारने का प्रयास बताया है.
मणिपुर में डेढ़ महीने से जारी हिंसा का कोई समाधान निकलने के बीच हालिया आगजनी में केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर सहित कई घरों को आग लगा दी गई. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि वे आधिकारिक काम के सिलसिले में बाहर थे और इंफाल वाले घर में हुई इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और घर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह हाथ से निकल चुकी है. इस बीच, राजधानी इंफाल में भड़की ताजा हिंसा के दौरान कई अन्य घरों को भी भीड़ के द्वारा आग के हवाले किए जाने की सूचना है. इसके साथ इंटरनेट पर जारी प्रतिबंध को पांच और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है.
नई दिल्ली में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम और लाइब्रेरी सोसाइटी के नाम से ‘नेहरू’ हटा दिया गया है. पीआईबी ने शुक्रवार को बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसाइटी, वह संस्था जो इसी नाम के परिसर का प्रबंधन करती है, ने अपना नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी’ रख लिया है.
22वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर जनता से रायशुमारी के निर्णय को विपक्ष ने ‘विभाजनकारी राजनीति’ का प्रयास बताया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 21वें विधि आयोग ने अगस्त 2018 में यह स्पष्ट कर दिया था कि यूसीसी की ‘इस स्तर पर न तो इसकी जरूरत है और न ही यह वांछित है. हालांकि, अब 22वें विधि आयोग ने 14 जून को एक नई अधिसूचना जारी करते हुए इस बारे में विभिन्न हितधारकों- जनता और धार्मिक संगठनों समेत राय मांगी है. विपक्ष ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश बताया है.
कांग्रेस ने मांग की है कि मणिपुर में चुनाव के लिए बाग़ी समूहों से मदद लेने के लिए हिमंता बिस्वा शर्मा और राम माधव के खिलाफ एनआईए जांच हो. द हिंदू के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने विद्रोही संगठन यूकेएलएफ प्रमुख द्वारा जून 2019 में कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘भाजपा के चुनाव जीतने के बाद यूकेएलएफ को गृह मंत्री द्वारा 15 करोड़ रुपये दिए गए थे. शर्मा और माधव दोनों पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और ज्ञात आतंकवादी समूहों के साथ मिलीभगत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए.’
असम में बाढ़ का प्रकोप बढ़ रहा है और करीब 29 हज़ार लोग इससे प्रभावित हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को बिगड़ गई है. लगातार बारिश के कारण राज्य के तीन ज़िले धेमाजी, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं, भारी बारिश के कारण मिज़ोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर भूस्खलन हुआ है. लखीमपुर, गोलपारा, विश्वनाथ, धेमाजी, बक्सा, दीमा हसाओ और करीमगंज जिलों में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हालांकि, राज्य में अब तक कोई भी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है.
आम आदमी पार्टी ने विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए कहा है कि अगर 2024 में विपक्ष साथ नहीं आया तो फिर शायद ही चुनाव हों. दैनिक भास्कर के मुताबिक, पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को कहा कि अगर सभी दल एकजुट नहीं हुए तो हो सकता है 2024 के बाद चुनाव ही न हो. भाजपा जिस तरह से विपक्ष को कुचलने में लगी है, इसकी पूरी संभावना है कि अगर मोदी 2024 में फिर पीएम बने तो संविधान ही बदल देंगे. वे घोषणा कर देंगे कि मोदी जी जब तक जिंदा है वे ही देश के राजा बने रहेंगे. उन्होंने कांग्रेस को यह प्रस्ताव भी दिया कि यदि वह लोकसभा चुनाव में पंजाब और दिल्ली छोड़ दें, तो वे भी मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ेगी.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट में पॉक्सो मामले को हटाने पर प्रदर्शनकारी पहलवानों में से एक साक्षी मलिक ने कहा है कि नाबालिग के परिवार पर काफी दबाव था. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए साक्षी ने कहा कि नाबालिग के परिवार पर शिकायत वापस लेने का खासा दबाव था. उन्होंने जोड़ा कि सरकार द्वारा उनकी शेष मांगों को पूरा करने के बाद वे आगे की कार्रवाई पर कोई निर्णय लेंगे. बृजभूषण के खिलाफ जिन सात महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाई थी, उनमें से एक नाबालिग थीं. पुलिस के अनुसार, उन्होंने और उनके पिता ने अपने बयान बदलते हुए सिंह के खिलाफ शिकायत वापस ले ली है.