बालासोर रेल त्रासदी: घायल ट्रेन चालक के परिवार का आरोप- उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही

ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के घायल ड्राइवर गुणानिधि मोहंती के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें, उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है. उनके पास मोहंती के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. गंभीर रूप से घायल चालक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

ओडिशा में ट्रेन हादसे के बाद जारी राहत और बचाव कार्य. (फोटो साभार: ट्विटर)

ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के घायल ड्राइवर गुणानिधि मोहंती के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें, उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है. उनके पास मोहंती के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. गंभीर रूप से घायल चालक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

ओडिशा में ट्रेन हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर जिले में हुई ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस के घायल ड्राइवर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें, उससे मिलने नहीं दिया जा रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स और इंग्लिश जागरण ने रिपोर्ट कर यह जानकारी दी है.

हालांकि, टाइम्स नाउ ने पहले गलत सूचना दी थी कि ट्रेन के चालक गुणानिधि मोहंती की मृत्यु हो गई है और ‘सिग्नल हरा था’, उनके अंतिम शब्द थे.

हिंदुस्तान टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार, परिवार ने कहा है कि अब उनके पास मोहंती के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. गंभीर रूप से घायल चालक को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने कहा है कि उन्हें 5 दिन पहले डिस्चार्ज किया गया है.

मोहंती के बड़े भाई रंजीत मोहंती ने कहा, ‘किसी ने हमें मेरे भाई के बारे में कुछ नहीं बताया. मुझे लगता है कि वह अभी भी अस्पताल में है, लेकिन मैं इस बारे में निश्चित नहीं हूं.’

रेलवे ने भी कोई ब्योरा देने से इनकार किया है.

ईस्ट कोस्ट रेलवे डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी विकास कुमार ने कहा, ‘स्वास्थ्य एक निजी मुद्दा है और हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते. इसके अलावा हादसे की दो जांच (सीआरएस और सीबीआई द्वारा) जारी हैं, इसलिए हम टिप्पणी नहीं कर पाएंगे.’

इंग्लिश जागरण ने ड्राइवर के एक अन्य भाई संजय मोहंती के हवाले से कहा, ‘दुर्घटना के दो-चार दिन बाद ही मैं उनसे मिलने गया था. वह बुरी तरह जख्मी थे और बात नहीं कर पा रहे थे. वह तब आईसीयू में थे. उसके बाद हमें उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई.’

मोहंती कटक से 10 किलोमीटर दूर नाहरपाड़ा गांव के रहने वाले हैं. दुर्घटना के बाद उन्हें कई टूटी हुईं पसलियों और सिर की चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

ड्राइवर के 80 वर्षीय पिता ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, ‘गांव में हर कोई सोचता है कि दुर्घटना के लिए मेरा बेटा जिम्मेदार है, लेकिन वह पिछले 27 सालों से ट्रेन चला रहा है और उसने कभी गलती नहीं की थी. मुझे कैसे पता चलेगा कि उस शाम क्या हुआ था? मैंने अपने बेटे से बात भी नहीं की है. मैं केवल उसके घर आने का इंतजार कर रहा हूं.’

अखबार ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रेन का ड्राइवर उन पांच अधिकारियों में से नहीं है, जिनसे सीबीआई या रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के संबंध में पूछताछ कर रहे हैं.

मालूम हो कि ओडिशा के बालासोर जिले में बीते 2 जून को हुई तीन ट्रेनों की भयानक टक्कर में 290 से अधिक यात्रियों के मारे जाने के कुछ घंटों बाद रेलवे ने पुष्टि की है कि उक्त रेल मार्ग पर ‘कवच’ प्रणाली नहीं थी, जो एक्सप्रेस ट्रेनों को आपस में टकराने से रोक सकती थी.

दुर्घटना में विश्वेश्वरैया (बेंगलुरु)-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12864), शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12841) और एक मालगाड़ी शामिल थीं.

बीते 17 जून को अधिकारियों ने बताया था कि इस हादसे में मरने वालों की संख्या 291 पहुंच गई है.

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