ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों द्वारा किए प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया है. जिसमें शिकायत करने में देरी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है.
नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने शनिवार को कहा कि जिस नाबालिग पहलवान ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, उसने अपना बयान बदल दिया, क्योंकि ‘उसके परिवार को धमकी दी गई थी.’ द टेलीग्राफ ने इस संबंध में जानकारी दी है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार (15 जून) को सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में एक निचली अदालत के समक्ष आरोप-पत्र दायर किया था, लेकिन नाबालिग पहलवान की शिकायत पर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी, जिसमें सांसद के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की सिफारिश की गई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान, जो एक पहलवान भी हैं, ने शनिवार (17 जून) को हैशटैग ‘द ट्रूथ (The Truth)’ के साथ एक वीडियो संदेश ट्वीट किया और सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में शुरुआती देरी के बारे में बात की.
मलिक ने कहा, ‘हमारे इतने दिनों तक चुप रहने का कारण शुरुआत में हमारे बीच एकता की कमी थी और दूसरा कारण आप समझ सकते हैं कि नाबालिग पहलवान ने अपना बयान (मजिस्ट्रेट के सामने) दिया और कई दिनों बाद उसने अपना बयान बदल दिया, क्योंकि उसके परिवार को धमकी दी गई थी. इसलिए हम अलग-अलग आवाज उठा भी कैसे सकते थे?’
मलिक ने वीडियो में कहा, ‘कुश्ती में आने वाले सभी खिलाड़ी बहुत ही गरीब परिवार से होते हैं. उनमें हिम्मत नहीं होती कि वो इतनी बड़ी व्यवस्था और इतने ताकतवर आदमी के खिलाफ आवाज उठा सकें. वो सब आप लोगों ने महसूस भी कर लिया होगा कि भारत के सभी शीर्ष पहलवानों ने मिलकर आवाज उठाई और उसके बावजूद भी उन्हें किन-किन हालातों से गुजरना पड़ा.’
The Truth.#WrestlersProtest pic.twitter.com/eWHRpOSwD9
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 17, 2023
द हिंदू ने नाबालिग के पिता के हवाले से बताया था कि उन्हें उन लोगों द्वारा धमकी दी गई थी, जिनके नाम वह उजागर नहीं कर सकते. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत वापस लेने के बावजूद भी उनका परिवार ‘बहुत ज्यादा डर में जी रहा है.’
मलिक अपने पहले के इंटरव्यू में भी छह बार के भाजपा सांसद सिंह द्वारा बनाए गए भय और डराने-धमकाने के माहौल के बारे में मुखरता से अपनी बात रख चुकी हैं और कहा कि ‘पहलवानों’ पर समझौता करने का ‘भारी दबाव’ है.
वहीं, सिंह ने दावा किया था कि पॉक्सो अधिनियम का उनके खिलाफ ‘दुरुपयोग’ किया गया है और कहा था कि संतों के नेतृत्व में ‘हम सरकार को इसे बदलने के लिए मजबूर करेंगे.’ शक्ति प्रदर्शन के एक और कदम के तहत उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक रैली निकाली थी और कहा था कि वह 2024 का चुनाव लड़ेंगे.
छह वयस्क महिला पहलवानों की एफआईआर के आधार पर सिंह के खिलाफ दायर आरोप-पत्र में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) शामिल हैं.
टेलीग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया है कि एफआईआर में यौन उत्पीड़न के कम से कम 15 मामले और पीछा करने समेत डराने-धमकाने की कथित घटनाओं का हवाला दिया गया है.
वीडियो संदेश में कादियान ने कहा, ‘जैसा कि आप सब लोग जानते हैं कि हम लोग पिछले कई महीनों से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि उसने भारतीय महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है. पिछले कई दिनों से हम देख रहे हैं कि समाज में हमारे खिलाफ एक अलग से नैरेटिव बनाया जा रहा है, कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं. हमारा यह वीडियो बनाने का मकसद असली सच आप लोगों तक पहुंचाना है.’
इन आरोपों को खारिज करते हुए कि विरोध कांग्रेस की चाल थी, कादियान ने कहा, ‘कुश्ती से जुड़े 90 प्रतिशत लोग, चाहे पहलवान हों या कोच हों, उन सबको ये पता था कि 10-12 सालों से इस तरह की छेड़छाड़ महिला पहलवानों के साथ हो रही है. कई लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई भी तो वह बात कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष (सिंह) तक पहुंच जाती थी और उस व्यक्ति के करिअर में दिक्कत आनी शुरू हो जाती थी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘बार-बार हमने सभी को बताया है कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है, हमारी लड़ाई कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ है.’
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