अमेरिकी सांसदों के नरेंद्र मोदी के साथ मानवाधिकारों के मुद्दे उठाने को लेकर पत्र समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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अमेरिका के सत्तर से अधिक सांसदों ने वहां के राष्ट्रपति जो बाइडन से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मानवाधिकार के मुद्दों पर भी बात करें. रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को ह्वाइट हाउस को भेजे गए पत्र पर कांग्रेस के 75 डेमोक्रेटिक सदस्यों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें 18 सीनेटर और प्रतिनिधि सभा के 57 सदस्य शामिल हैं. मोदी भी इसी दिन वहां पहुंचे हैं. उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग और सिविल सोसाइटी की विभिन्न रिपोर्टों का हवाला देते हुएकहा कि वे मोदी से बातचीत में भारत में ‘धार्मिक असहिष्णुता बढ़ने, राजनीतिक स्पेस के कम होने, समाज सेवी संगठनों, एक्टिविस्टों और पत्रकारों को निशाना बनाने, प्रेस और इंटरनेट पर बढ़ते प्रतिबंधों’ को लेकर भी चर्चा करें. उन्होंने जोड़ा कि वे किसी भारतीय नेता या राजनीतिक दल को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं, लेकिन वे उन मुद्दों के साथ खड़े हैं जो अमेरिकी विदेश नीति के मूल में होने चाहिए.

केंद्र सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के थिंक टैंक का एफसीआरए लाइसेंस यह कहते हुए रद्द कर दिया कि मंदर एक स्तंभकार हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मंदर द्वारा संचालित थिंक टैंक सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द करने के लिए इस अधिनियम की धारा 3 लागू की है, जो 180 दिनों के लिए किसी भी ‘संवाददाता, स्तंभकार, कार्टूनिस्ट, संपादक, मालिक, मुद्रक या पंजीकृत समाचार पत्र के प्रकाशक’ को किसी भी तरह का विदेशी योगदान या चंदा लेने से रोकती है. नरेंद्र मोदी सरकार के मुखर आलोचक मंदर ने इसे अभिव्यक्ति और असहमति की स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर सीधा हमला बताया है.

केरल हाईकोर्ट ने एक मंदिर परिसर में मास ड्रिल और हथियारों की कथित ट्रेनिंग को लेकर आरएसएस सदस्यों को नोटिस भेजा है. लाइव लॉ के अनुसार, तिरुवनंतपुरम में श्री सरकारा देवी मंदिर के परिसर में आरएसएस सदस्यों द्वारा सामूहिक अभ्यास (mass drill) और हथियार चलाने के प्रशिक्षण के खिलाफ दो श्रद्धालुओं और मंदिर के आसपास के निवासियों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आरएसएस सदस्यों की कथित कार्रवाई से मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को मुश्किल हो रही है. साथ ही सदस्य मास ड्रिल/हथियार प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में जोर-जोर से नारे लगाते हैं, जिससे मंदिर का शांतिपूर्ण माहौल बाधित होता है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में तेज गर्मी के कहर के बीच बीमारों और मौतों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. एनडीटीवी की रिपोर्ट बताती है कि बिहार के भोजपुर में एक दिन में 25 मौतें हुई हैं. प्रभात खबर के अनुसार, आरा में गर्मी से प्रतिदिन 15 से 20 मौतें हो रही हैं. अख़बार के अनुसार, लगातार मौतों के चलते दाह संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी की भी खबर आई है. उधर, यूपी के बलिया में जिला अस्पताल में पिछले 48 घंटे में आठ और लोगों की मौत होने की सूचना मिली है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, पड़ोसी ज़िले देवरिया में बीते 24 घंटों में हीटवेव के चलते 54 मौतें हुई हैं. खबर है कि वाराणसी के सरकारी अस्‍पतालों में 12 घंटे में 9 लोगों की मौत हुई. आजमगढ़ में मंगलवार शाम से बुधवार दोपहर तक दस लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर बुखार से पीड़ित मरीज थे.

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर 10 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनकी ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 19 जून को लिखे पत्र पत्र पर कांग्रेस के अलावा जद (यू), सीपीआई, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने हस्ताक्षर किए हैं. दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जातीय हिंसा के मसले को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की. उन्होंने हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार की ‘बांटो और राज करो की राजनीति’ को ज़िम्मेदार ठहराया है.

चीन ने 26/11 हमले के एक आरोपी साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित करने के प्रस्ताव को रोक दिया. रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1,267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मीर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में ब्लैकलिस्ट करने, उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों के अधीन करने के लिए प्रस्ताव अमेरिका द्वारा पेश किया गया, जिसे भारत ने समर्थन दिया था. पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने जून 2022 में उसे टेरर फंडिंग केस के सिलसिले में 15 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई थी.