दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि शनिवार को सेना के जवान एक स्थानीय मस्जिद में घुस गए और लोगों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. जम्मू कश्मीर के विभिन्न नेताओं ने घटना की जांच करने और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
नई दिल्ली: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के जदूरा गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि सेना के जवान एक स्थानीय मस्जिद में घुस गए और शनिवार (24 जून) सुबह की नमाज के दौरान लोगों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस कथित घटना की जांच की मांग की है.
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘50 आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) बटालियन के जवानों के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. पुलवामा में एक मस्जिद पर हमला किया गया और अंदर मुसलमानों को ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया. जब (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह यहां हैं और (अमरनाथ) यात्रा से पहले इस तरह का कदम केवल उकसावे की कार्रवाई है.’
Shocked to hear about army troops from 50 RR storming into a mosque at Pulwama & forcing muslims inside to chant ‘Jai Shree Ram’. Such a move when @AmitShah is here & that too ahead of yatra is simply an act of provocation. Request @RgGhai to immediately set up a probe.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 24, 2023
उन्होंने 15 कॉर्प्स के नवनियुक्त जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से मामले की तुरंत जांच की मांग की है.
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं पुलवामा मस्जिद की कथित घटना की खबरों की कड़ी निंदा करता हूं. फिलहाल ये आरोप हैं, लेकिन हमें तुरंत इस मामले की तह तक जाना चाहिए. ऐसी चीजें न तो हमारी संस्कृति में हैं और न ही कानून के तहत इसकी इजाजत है.’
I strongly condemn reports of the alleged Pulwama mosque incident. At this point these are allegations but we must immediately get to the bottom of this matter. Such things are neither in our culture, nor allowed under the law. Urging the govt to investigate the incident and take…
— Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) June 25, 2023
आजाद ने सरकार से घटना की जांच करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, पुलवामा के जदूरा में एक मस्जिद में सुरक्षा बल के जवानों के घुसने की खबरें बेहद परेशान करने वाली हैं. यह काफी बुरा है कि वे अंदर घुसे और जैसा कि स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें ‘जय श्री राम’ जैसे नारे लगाने के लिए मजबूर किया, अस्वीकार्य है. मुझे उम्मीद है कि राजनाथ सिंह जी इन खबरों की समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से जांच करने का निर्देश देंगे.’
Reports of security force personnel entering a mosque in Zadoora in Pulwama are deeply distressing. It’s bad enough they entered but then forcing people to chant slogans like “Jai Shree Ram” as reported by the locals there, is unacceptable. I hope @rajnathsingh ji will issue… pic.twitter.com/POyuN3srA3
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 25, 2023
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि इस संबंध में संपर्क करने पर श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता ने कहा, ‘मैंने ब्योरा मांगा है.’
निवासियों के अनुसार, घटना के बाद सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने गांव का दौरा किया और आश्वासन दिया कि वे मामले को देखेंगे.
जदूरा के निवासियों ने कहा कि शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात (रात 1:30 बजे) के बाद सेना के एक गश्ती दल ने कुछ लोगों को अपने घरों से बाहर आने के लिए कहा. ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें बताया गया था कि नए रंगरूटों को सिखाया जा रहा है कि रात के दौरान लोगों को कैसे कॉल करना है.
रिपोर्ट के अनुसार, एक ग्रामीण ने कहा, ‘शुरुआत में उन्होंने विनम्रता से बात की, लेकिन उन लोगों को लगभग दो घंटे तक बाहर रखा गया.’
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि सुबह-सुबह मस्जिद से नमाज के लिए बुलावा आया था.
उन्होंने कहा, ‘जब रजब साहब मस्जिद में मुअज़्ज़िन (जो नमाज के लिए बुलाता है) लाउडस्पीकर पर अज़ान दे रहे थे तो सेना के लोग अंदर आ गए और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा.’
कुछ सैनिकों द्वारा स्थानीय निवासियों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण ने दावा किया, ‘उन्होंने खुद भी नारा लगाया.’
इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट में बताया कि घटना के बारे में पूछे जाने पर पुलवामा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने फोन काट दिया, जबकि दक्षिण कश्मीर के डीआईजी ने कहा कि वह बात नहीं कर सकते, क्योंकि वह एक ‘मेडिकल इमरजेंसी’ में हैं. वहीं पुलवामा के उपायुक्त बशारत कयूम और पुलिस महानिदेशक (डीआईजी) दिलबाग सिंह ने इस संबंध में किए गए कॉल का जवाब नहीं दिया.