भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले पहलवानों विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने ट्विटर पर यह घोषणा की. विनेश ने आरोप लगाया कि पहलवान योगेश्वर दत्त अपने स्वार्थ के कारण उन्हें निशाना बना रहे हैं. उन्होंने उन्हें सिंह का चापलूस क़रार दिया.
नई दिल्ली: प्रदर्शनकारी पहलवानों ने रविवार को कहा है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई सड़कों पर नहीं, बल्कि अदालत में लड़ी जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने एक समान ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार ने सिंह के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने का अपना वादा पूरा किया है.
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
ट्विटर पर जारी बयान में कहा गया है, ‘इस केस में पहलवानों की कानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी, जब तक न्याय नहीं मिल जाता.’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय कुश्ती महासंघ में सुधार के संबंध में नए कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है. हमें 11 जुलाई को तय चुनाव के संबंध में सरकार ने जो वादे किए हैं, उन पर अमल होने का इंतजार रहेगा.’
पहलवानों ने यह भी ट्वीट किया कि वे कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक ले रहे हैं.
मैं भी थोड़े दिन के लिये सोशल मीडिया से ब्रेक ले रही हूँ.. आप सबका धन्यवाद 🙏 @Phogat_Vinesh
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
हालांकि गौहाटी हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए 11 जुलाई को होने वाले भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों पर रोक लगा दी है.
गौहाटी हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मांग की गई है कि चुनाव प्रक्रिया तब तक रोक दी जानी चाहिए, जब तक कि उनकी संस्था को भारतीय कुश्ती महासंघ से मान्यता नहीं मिलती और वे मतदाता सूची के लिए अपने प्रतिनिधि को नामांकित नहीं कर देते.
इससे पहले शनिवार (24 जून) को पूर्व पहलवान और अब भाजपा नेता योगेश्वर दत्त ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने एशियाई खेलों से पहले ट्रायल से छूट की मांग की थी. इसके जवाब में विनेश फोगाट ने एक पत्र की तस्वीर जारी करते हुए कहा कि इसे खेल मंत्रालय को भेजा गया था.
पत्र में पहलवानों द्वारा एशियाई खेलों के साथ-साथ विश्व चैंपियनशिप से पहले ट्रायल की तैयारी के लिए समय की मांग करने का उल्लेख है.
हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ़ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, क्योंकि पिछले 6 महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम प्रैक्टिस नहीं कर पाए.
इस मामले की गंभीरता को हम समझते हैं इसलिए यह चिट्ठी आपसे साझा कर रहे. दुश्मन पहलवानों की एकता में सेंध लगाना चाहता है.… pic.twitter.com/Otvhhu1Z75
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) June 25, 2023
खेल मंत्री के नाम लिखे पत्र में लिखा है, ‘निवेदन है कि पहलवानों के प्रदर्शन में शामिल होने वाले निम्नलिखित कुछ पहलवानों को एशियाई खेल 2023 व विश्व चैंपियनशिप 2023 की ट्रायल्स की तैयारी के लिए कुछ समय की आवश्यकता है.’
पत्र में विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान, संगीता फोगाट और जितेंद्र कुमार के नाम एवं हस्ताक्षर हैं. उन्होंने 10 अगस्त 2023 के बाद ट्रायल्स करवाने की मांग की है.
पत्र साझा करने के साथ ही विनेश ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम आंदोलित पहलवानों ने ट्रायल्स को सिर्फ़ आगे बढ़ाने के लिए चिट्ठी लिखी थी, क्योंकि पिछले 6 महीने से आंदोलन में शामिल होने के कारण हम प्रैक्टिस नहीं कर पाए.’
विनेश ने यह भी आरोप लगाया कि दत्त अपने स्वार्थ के कारण उन्हें निशाना बना रहे हैं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में योगेश्वर दत्त पर जमकर भड़ास निकाली और उन्हें बृजभूषण शरण सिंह का चापलूस करार दिया.
योगेश्वर दत्त का वीडियो सुना तो उसकी वह घटिया हंसी दिमाग़ में अटक गई. वह महिला पहलवानों के लिए बनी दोनों कमेटियों का हिस्सा था. जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगता. जब 2 महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आयीं तो बाहर आकर उनको…
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) June 23, 2023
साथ ही, इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विनेश ने कहा, ‘तुमने (दत्त) पहलवानों को डरा दिया, इसलिए वे दूसरे विरोध प्रदर्शन (23 अप्रैल) में नहीं आए. तुमने उन पर दबाव डाला कि उनकी नौकरी चली जाएगी. लोगों ने हमें बताया कि वे हमारे साथ थे, लेकिन उनकी मजबूरियां हैं कि वे (प्रदर्शन में) नहीं आ सकते.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं बताती हूं कि तुमने ऐसा क्यों कर रहे हो. बृजभूषण ने शायद तुमको डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद की पेशकश की होगी और इसलिए तुम उसके साथ हो गए हो.
मालूम हो कि 28 मई को जंतर मंतर से हटाए जाने के बाद पहलवानों की खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने 15 जून तक के लिए विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया था, क्योंकि ठाकुर ने इसी तारीख तक बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप-पत्र पेश किए जाने की बात कही थी. साथ ही आश्वासन दिया था कि बृजभूषण के परिवार का किसी भी सदस्य को डब्ल्यूएफआई का चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 महिला पहलवानों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिनमें से एक नाबालिग पीड़िता ने अपने बयान बदल लिए हैं. आरोप है कि ऐसा उसने लगातार मिल रही धमकियों के चलते किया है.
बीते 21 अप्रैल को 7 महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस में बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किए जाने पर पहलवान जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए थे और अपनी एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
शीर्ष अदालत ने भी आरोपों को गंभीर माना था और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. जिसके बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें एक नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो के तहत दर्ज किया गया मामला भी है.
बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.
कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.
हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.