मेघालय में भीड़ ने बीएसएफ चौकी पर हमला किया, पांच घायल

अधिकारियों ने बताया कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में बीते 25 जून की रात को एक सीमा चौकी पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. बीएसएफ ने कहा कि उसने पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाई जाने वाली कई वस्तुओं को पकड़ा है. इसका बदला लेने के लिए तस्करों ने चौकी पर हमला करवाया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अधिकारियों ने बताया कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में बीते 25 जून की रात को एक सीमा चौकी पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. बीएसएफ ने कहा कि उसने पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाई जाने वाली कई वस्तुओं को पकड़ा है. इसका बदला लेने के लिए तस्करों ने चौकी पर हमला करवाया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में बीते रविवार (25 जून) को एक सीमा चौकी पर ग्रामीणों के हमले में दो बीएसएफ कर्मचारियों सहित कम से कम 5 लोगों के घायल होने का मामला सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि यह घटना राज्य की राजधानी से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण में डावकी कस्बे के पास उमसियेम गांव में रात करीब 10 बजे हुई, जब भीड़ ने चौकी पर हमला कर दिया.

बीएसएफ मेघालय फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) प्रदीप कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘पिछले कुछ दिनों में हमने बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाई जाने वाली कई वस्तुओं को जब्त किया है और तस्करों की पहचान की है. इसके कारण उन्होंने चौकी पर भीड़ द्वारा हमला करवाया, जिससे बीएसएफ को हवा में गोलीबारी करके जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.’

एक बयान में बीएसएफ ने कहा कि उन्होंने तस्करी से संबंधित 2.7 लाख रुपये से अधिक के कपड़े जब्त किए हैं.

बीएसएफ प्रवक्ता ने कहा, ‘बीएसएफ ने रविवार को तस्करी की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया. सुबह उन्होंने उमसियेम गांव में 2.21 लाख रुपये के कपड़े जब्त किए. रात में बीएसएफ ने उसी गांव में तस्करों द्वारा फेंकी गईं 50,000 रुपये की साड़ियां जब्त कर लीं.’

बीएसएफ को संदेह है कि तस्कर जब्ती का बदला लेने के लिए भीड़ लेकर आए और चौकी पर हमला किया.

उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा फेंके गए पत्थरों से बीएसएफ के कम से कम दो जवान घायल हो गए. कुछ ग्रामीणों ने जबरदस्ती चौकी में घुसने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पीछे धकेल दिया गया.

एक प्रत्यक्षदर्शी, जिसने दावा किया कि झड़प में तीन ग्रामीण भी घायल हो गए, ने कहा कि घटना तब हुई, जब एक वाहन, जिस पर तीन लोग सवार थे, कथित तौर पर चौकी के पास खराब हो गया.

उन्होंने कहा, ‘इससे बीएसएफ क्रोधित हो गई और उसने तीनों पर तस्कर होने का आरोप लगाया और उन पर हमला किया. हमले की खबर फैल गई और आसपास के ग्रामीण उन्हें बचाने के लिए आ गए.’

ग्रामीणों ने बीएसएफ जवानों पर ड्यूटी के दौरान नशे में होने का भी आरोप लगाया, जिसे आईजी ने खारिज कर दिया. उन्होंने  कहा कि स्थानीय पुलिस और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचे.

उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है.