साल 2022 में देशभर के 194 पत्रकारों को निशाना बनाए जाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 में देशभर के करीब 194 पत्रकारों को निशाना बनाया गया. रिपोर्ट के अनुसार, इन पत्रकारों को सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी राजनीतिक तत्वों, अपराधियों और सशस्त्र विपक्षी समूहों द्वारा निशाना बनाया गया था. रिपोर्ट कहती है कि इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं और प्रभावित पत्रकारों की सर्वाधिक संख्या (48) कश्मीर से है. कम से कम 103 पत्रकारों को सरकारों द्वारा निशाना बनाया गया, जबकि 91 पत्रकार राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत गैर-सरकारी तत्वों के निशाने पर रहे. 103 पत्रकारों में से 70 को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया, 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुईं और चार को पुलिस और ईडी द्वारा तलब किया गया. इसके अलावा पंद्रह पत्रकारों ने अधिकारियों और पुलिस की तरफ से प्रताड़ना, शारीरिक हमलों, धमकियों का सामना करना पड़ा, और उन्हें इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा विदेश जाने से भी रोका गया.

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच शीर्ष आदिवासी संगठन ने एन. बीरेन सिंह सरकार के साथ बातचीत से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावशाली आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने कहा है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद हितधारकों तक पहुंचने का विचार बहुत देर से व्यक्त किया, तब तक ढेरों निर्दोष जिंदगियों और संपत्तियों का नुकसान हो चुका था और कुकी-ज़ो आदिवासियों को कठिन दौर से गुज़रना पड़ा. उन्होंने जोड़ा कि राजनीतिक समाधान के बिना शांति के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने वालीं अमेरिकी पत्रकार सबरीना सिद्दीकी पर ऑनलाइन हमलों को ह्वाइट हाउस ने ‘अस्वीकार्य’ बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रेस वार्ता में एनबीसी की एक संवाददाता ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर सबरीना ऑनलाइन उत्पीड़न के बारे में सवाल किया गया था. इस पर राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर ह्वाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उस उत्पीड़न की खबरों से अवगत हैं. यह अस्वीकार्य है और हम किसी भी परिस्थिति में कहीं भी पत्रकारों के उत्पीड़न की निंदा करते हैं. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है और यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है.’

कश्मीर में मस्जिद में घुसकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने की घटना से जुड़े मेजर को ड्यूटी से हटाए जाने की खबर है. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों का आरोप था कि 23-24 जून की दरमियानी रात सेना के कुछ जवानों ने मस्जिद में घुसकर मुअज़्ज़िन समेत नमाज़ियों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. अब, द टेलीग्राफ को ख़ुद को घटना का चश्मदीद बताने वाले एक शख़्स ने बताया है कि रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने ग्रामीणों से माफ़ी मांगी है और सूचना दी है कि घटना में कथित तौर से जुड़े मेजर को (ड्यूटी से) हटा दिया गया है और उन्हें कोर्ट-मार्शल किया जाएगा.

बीते एक दशक में क़रीब 70,000 भारतीयों ने अपने पासपोर्ट सरेंडर किए हैं. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में विदेश मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2011 और 2022 के बीच, लगभग 70,000 भारतीयों ने देशभर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों (आरपीओ) में अपने पासपोर्ट सरेंडर किए गए हैं, जिनमें से 69,303 पासपोर्ट में से 40.45 प्रतिशत गोवा में सरेंडर किए गए. इसके बाद पंजाब (चंडीगढ़ केंद्रशासित प्रदेश समेत) रहा, जहां 9,557 पासपोर्ट (13.79 प्रतिशत) अमृतसर, जालंधर और चंडीगढ़ के आरपीओ में सरेंडर किए गए हैं. गुजरात इस सूची में तीसरे स्थान पर रहा.

उत्तर प्रदेश में एक निर्माणाधीन चर्च तोड़ने के मामले में बजरंग दल और वीएचपी नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने कानपुर के बनार अलीपुर, शहजादपुर गांव में अस्थायी टिन-शेड की बाउंड्री, एक नवनिर्मित दीवार गिराने के साथ फर्नीचर और अन्य बुनियादी ढांचों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. उन्होंने उस जगह पर भगवा झंडे भी लगाए, दीवारों पर ‘जय श्री राम’ लिखा, वहां लगे सीसीटीवी कैमरे और मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस संबंध में दर्ज एफआईआर में 13 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें बजरंग दल के जिला संयोजक गौरव शुक्ला और अन्य 70-80 अज्ञात लोग शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि जब उनसे कानून हाथ में न लेने को कहा गया तो उन्होंने सरकारी अधिकारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था.

मद्रास हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति में जाति की कोई भूमिका नहीं होगी. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, 2018 में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए अदालत ने कहा कि किसी भी जाति या पंथ के किसी भी व्यक्ति को पुजारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, बशर्ते वह मंदिर में किए जाने वाले आवश्यक अनुष्ठानों में पारंगत और निपुण व्यक्ति हो. एकमात्र आवश्यकता यह है कि व्यक्ति मंदिर के सिद्धांतों में अच्छी तरह से पारंगत हो, उचित रूप से प्रशिक्षित हो और जरूरतों के अनुसार पूजा करने के लिए योग्य हो. इस याचिका में सलेम ज़िले के श्री सुगवनेश्वर स्वामी मंदिर में पुजारियों की भर्ती के लिए निकाले गए एक विज्ञापन को चुनौती दी गई थी.

मेघालय में एक भीड़ द्वारा बीएसएफ चौकी पर किए गए हमले में पांच लोग घायल हो गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार को बताया कि घटना राज्य की राजधानी से 100 किलोमीटर दूर दक्षिण में डावकी कस्बे के पास उमसियेम गांव में रात करीब 10 बजे हुई, जब भीड़ ने चौकी पर हमला कर दिया. बीएसएफ मेघालय फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) प्रदीप कुमार ने बताया कि बीते दिनों उन्होंने बांग्लादेश में तस्करी के लिए ले जाई जाने वाली कई वस्तुओं को जब्त किया था और तस्करों की पहचान की थी. उनके अनुसार, इसके कारण उन्होंने चौकी पर भीड़ द्वारा हमला करवाया, जिससे बीएसएफ को हवा में गोलीबारी करके जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी.’ हमले में दो बीएसएफ कर्मचारियों सहित कम से कम 5 लोगों के घायल होने का मामला सामने आया है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq