छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. टीएस सिंहदेव ने राज्य की भूपेश बघेल सरकार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए धन आवंटित नहीं करने का आरोप लगाते हुए जुलाई 2022 में पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने बीते बुधवार (28 जून) को टीएस सिंहदेव को राज्य का उप-मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. सिंहदेव का भूपेश बघेल के साथ सत्ता की लड़ाई में टकराव चल रहा था.
एक ट्वीट में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उप-मुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
Attended a review meeting for Chhattisgarh elections at AICC HQ chaired by INC President Sh. @kharge ji, along with Sh. @RahulGandhi ji, AICC In-Charge @kumari_selja ji, CM @bhupeshbaghel ji and senior INC Chhattisgarh leaders.
INC's Chhattisgarh government has presented a… pic.twitter.com/lOW1xV0sFM
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) June 28, 2023
उन्होंने कहा, ‘वह एक वफादार कांग्रेस नेता और एक सक्षम प्रशासक हैं. उप-मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी सेवाओं से राज्य को काफी फायदा होगा. हमें विश्वास है कि छत्तीसगढ़ की जनता मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस को फिर से चुनेगी.’
सिंहदेव ने राज्य सरकार पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए धन आवंटित नहीं करने का आरोप लगाते हुए जुलाई 2022 में पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के समय कथित तौर पर बघेल और सिंह देव के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सत्ता साझा करने का समझौता हुआ था. 2021 से पांच साल के कार्यकाल के मध्य बिंदु पर सिंहदेव ने बघेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
इसी बीच सिंहदेव ने ढाई-ढाई साल के लिए बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर दिए गए आश्वासन संबंधी चर्चा को सिरे से खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि यह चर्चा केवल मीडिया की देन थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सिंहदेव ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैंने कभी भी बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के बारे में बात नहीं की, यह केवल मीडिया द्वारा बनाई गई चर्चा थी.’
गुरुवार सुबह नई दिल्ली से रायपुर हवाई अड्डे पर पहुंचकर सिंहदेव ने इस पद के लिए उन्हें नामित करने के फैसले के लिए कांग्रेस के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, ‘देर आए दुरुस्त आए.’
उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि आलाकमान ने मुझे ऐसी जिम्मेदारी दी है.’
बघेल और सिंहदेव के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहा था – उनके बीच का झगड़ा बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद के एक अलिखित फॉर्मूले के इर्द-गिर्द घूमता था, जिस पर कथित तौर पर दिसंबर 2018 में दोनों के बीच सहमति हुई थी, जब पार्टी राज्य में सत्ता में आई थी. हालांकि, सिंहदेव की तरह ही बघेल ने भी हमेशा सत्ता साझेदारी समझौते को खारिज कर दिया है.
छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के साथ विधानसभा चुनाव होंगे.
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमन सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें (सिंहदेव) को ‘झुनझुना’ दिया गया है, क्योंकि चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं.’
#WATCH | Former Chhattisgarh CM Raman Singh speaks on the appointment of TS Singh Deo as the Deputy CM of the state
"I think he has been given a 'jhunjhuna' as there are only a few days left for the election," he says pic.twitter.com/vwVU1Eg2eu
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 29, 2023
रिपोर्ट के अनुसार, रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया, जिससे साबित हो गया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर से भरोसा उठ गया है.
VIDEO | “This was only done to meet the political satisfaction (of TS Singh Deo). This move by Congress has confirmed that the Chhattisgarh Assembly elections will not be fought under the leadership of Bhupesh Baghel,” says BJP leader Raman Singh on the appointment of TS Singh… pic.twitter.com/fEIGj0HH6P
— Press Trust of India (@PTI_News) June 29, 2023
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘कल कांग्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसमें मुख्यमंत्री पद से भूपेश बघेल का चेहरा हटा दिया गया. ऐलान किया गया कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ेगी. ‘भूपेश पर भरोसा है’ का नारा अब ‘भूपेश है तो भ्रष्टाचारी है’ में बदल गया है. अब जब वे सामूहिक नेतृत्व की बात कर रहे हैं, तो यह निश्चित है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने भूपेश बघेल पर विश्वास खो दिया है.’