रेलवे में लगभग 2.74 लाख पद ख़ाली, सुरक्षा श्रेणी में 1.7 लाख से अधिक पद रिक्त: आरटीआई

आरटीआई क़ानून के तहत ​दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

आरटीआई क़ानून के तहत ​दी गई जानकारी में रेलवे ने कहा है कि एक जून तक ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद ख़ाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.

(प्रतीकात्मक फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत जानकारी मिली है कि जून 2023 तक रेलवे में लगभग 2.74 लाख पद खाली हैं, जिनमें से 1.7 लाख से अधिक पद सुरक्षा श्रेणी से संबंधित हैं.

द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर आवेदन के जवाब में रेलवे ने कहा कि ‘लेवल-1’ या प्रवेश स्तर के कर्मचारियों सहित ‘ग्रुप-सी’ श्रेणी में 2,74,580 पद खाली हैं. इसमें सुरक्षा श्रेणी में 1,77,924 रिक्तियां शामिल हैं.

गौड़ के सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘01/06/2023 (अनंतिम) तक इस कार्यालय में उपलब्ध भारतीय रेलवे में ग्रुप-सी (लेवल -1 सहित) में रिक्त अराजपत्रित पदों की कुल संख्या 2,74,580 है.’

रेलवे ने कहा कि सुरक्षा श्रेणी में 9.82 लाख से अधिक पद हैं, जिनमें से 8.04 लाख से अधिक भरे हुए हैं.

आरटीआई के जवाब में कहा गया है, ‘01/06/2023 (अनंतिम) तक इस कार्यालय में उपलब्ध भारतीय रेलवे में समूह-सी (स्तर -1 सहित) की सुरक्षा श्रेणी में स्वीकृत, मौजूदा और रिक्त पदों की कुल संख्या क्रमश: 9,82,037, 8,04,113 और 1,77,924 है.

दिसंबर 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया था कि रेलवे में 3.12 लाख अराजपत्रित पद खाली हैं. इन नॉन गजेटेड पदों में इंजीनियर, टेक्नीशियन, क्लर्क, स्टेशन मास्टर, टिकट कलेक्टर आदि नौकरियां शामिल हैं.

द प्रिंट के मुताबिक, रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे का हल सीधी भर्ती, शीघ्र पदोन्नति और प्रशिक्षण के बाद नॉन-कोर कर्मचारियों को मुख्य नौकरियों में स्थानांतरित करने के माध्यम से किया जा रहा है.

महत्वपूर्ण पदों पर कर्मचारियों की कमी का मुद्दा रेलवे यूनियन द्वारा निरंतर उठाया गया है. दरअसल, रेल यूनियन ने मंत्रालय से रेल पटरियों के रखरखाव, फिटनेस, सीनियर और जूनियर सेक्शन इंजीनियर, गैंगमैन और तकनीशियन के अधिक पदों की मांग की है.

इसका जमीनी काम पर क्या असर पड़ा है, इस बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि कार्यबल पर जबरदस्त दबाव है और एक ऑन-ग्राउंड स्टाफ को पटरियों का निरीक्षण करने के लिए रोजाना आठ से 10 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है.

एक अधिकारी ने कहा, ‘यह एक संवेदनशील काम है, जिस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और उनके लिए इतनी दूरी तय करना मुश्किल है.’

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे, जिसने अक्टूबर 2023 तक 1.52 लाख रिक्तियों को भरने का लक्ष्य रखा है, पहले ही 1.38 लाख उम्मीदवारों को नियुक्ति-पत्र प्रदान कर चुका है. इनमें से 90,000 कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि इनमें से 90 प्रतिशत पद सुरक्षा श्रेणी के हैं.

ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद, जिसमें 280 से अधिक लोंगो की मौत हो गई थी, रेलवे ने अपने जोन को, विशेष रूप से सुरक्षा श्रेणी में पदोन्नति रिक्तियों को भरने के लिए विशेष अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है.

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