द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
ओडिशा के बालासोर में हुए बीते जून महीने में हुए ट्रेन हादसे के मामले में सीबीआई ने तीन रेलवे कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जांच एजेंसी ने आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, या अपराधी को बचाने के इरादे से गलत जानकारी देना) के तहत आरोप लगाते हुए सीनियर सेक्शनल इंजीनियर अरुण कुमार महंत, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया है. इससे पहले जांच में सिग्नलिंग और परिचालन (ट्रैफिक) विभाग को दुर्घटना के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार पाया गया था. 2 जून की शाम हुईं तीन ट्रेनों की भयानक टक्कर में 292 यात्रियों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हुए थे.
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने पर 12 लोगों को एक सप्ताह के लिए जेल भेज दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बीते 25 जून को जम्मू कश्मीर पुलिस ने साइकिल एसोसिएशन के सहयोग से एक साइक्लोथॉन ‘पैडल फॉर पीस’ का आयोजन किया था. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं होने पर 12 लोगों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट (तहसीलदार खानयार, श्रीनगर) के सामने पेश किया गया था, जिन्होंने उन्हें निवारक हिरासत के तहत श्रीनगर सेंट्रल जेल भेज दिया.
मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. बार एंड बेंच के अनुसार, वीडी सावरकर के पोते द्वारा महाराष्ट्र में दर्ज समान मामले का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं. लोगों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट चरित्र का होना चाहिए. मार्च महीने में सूरत की एक अदालत राहुल के ख़िलाफ़ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए केंद्र सरकार से सवाल किया कि जब पीआईबी मौजूद है तो फैक्ट चेक इकाई की ज़रूरत क्यों है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यू ब्रॉडकास्ट एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस द्वारा नियमों को दी गई चुनौती की याचिका सुनते हुए अदालत ने कहा कि अगर किसी नियम या कानून का प्रभाव असंवैधानिक है, तो उसे जाना होगा, चाहे मकसद कितना भी प्रशंसनीय क्यों न हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव बेहद गंभीर मुद्दा है. द हिंदू के अनुसार, हैदराबाद यूनिवर्सिटी और मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में कथित जाति-आधारित भेदभाव के चलते आत्महत्या करने वाले रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मांओं की याचिकाएं सुनते हुए शीर्ष अदालत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए गैर-भेदभावपूर्ण, सक्षम वातावरण प्रदान करने के लिए उठाए गए और प्रस्तावित कदमों के बारे में जानकारी दे. सुनवाई में वेमुला और तड़वी की माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि परिसरों में जातिगत भेदभाव की शिकायतों को दूर करने के लिए यूजीसी द्वारा 2012 में बनाए गए इक्विटी नियम अपर्याप्त साबित हो रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा सीआरपीएफ में जवानों के परिवार को गांव से बाहर निकालने की खबर सामने आई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बीजापुर जिले के दरभा गांव में रहने वाले तीन परिवारों से कथित तौर पर 2 जुलाई को कथित माओवादियों ने मुलाकात की और उनसे सीआरपीएफ भर्ती हुए युवकों को बल छोड़ने के लिए मनाने या उनके परिवारों को परिणाम भुगतने के लिए कहा गया था. इसके बाद सीआरपीएफ से अपने बेटों को वापस बुलाने के बजाय अपनी जमीन और घरों को छोड़कर कुल 11 लोग गांव से चले गए.