सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 32 हज़ार शिक्षकों की नई भर्ती के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते मई महीने में लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं, जिन्होंने 2016 में चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती के समय अपना प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था. साथ ही राज्य को पदों को भरने के लिए नई भर्ती शुरू करने का भी निर्देश दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट. (फोटो साभार: सुभाशीष पाणिग्रही/Wikimedia Commons. CC by SA 4.0)

कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते मई महीने में लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं, जिन्होंने 2016 में चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती के समय अपना प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था. साथ ही राज्य को पदों को भरने के लिए नई भर्ती शुरू करने का भी निर्देश दिया था.

(फोटो साभार: विकिपीडिया/Subhashish Panigrahi)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें पश्चिम बंगाल के अधिकारियों को अगस्त के अंत तक 32 हजार शिक्षकों की नए सिरे से चयन करने के लिए कहा गया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने नई भर्ती के लिए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने की राज्य सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया.

कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मई में लगभग 32,000 उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं, जिन्होंने 2016 में चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्राथमिक शिक्षक के रूप में भर्ती के समय अपना शिक्षक प्रशिक्षण पूरा नहीं किया था. साथ ही राज्य को पदों को भरने के लिए नई भर्ती शुरू करने का भी निर्देश दिया था.

एकल पीठ के आदेश को हाईकोर्ट की एक पीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिसने नौकरियों की समाप्ति पर अंतरिम रोक लगाने का निर्देश दिया था. हालांकि, खंडपीठ ने नवनिर्मित रिक्तियों में भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के भीतर पूरा करने के एकल पीठ के आदेश पर रोक नहीं लगाई थी.

इसके बाद राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने उसकी याचिका स्वीकार कर ली. पीठ ने कहा कि उन शिक्षकों की नियुक्ति का मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है और पहले इस मामले पर शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश दिया.