महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा है. जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार का साथ छोड़ दिया था.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार (8 जुलाई) को शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों को एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नार्वेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है.
इससे एक दिन पहले नार्वेकर ने कहा था कि शिंदे सहित 16 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द ही शुरू होगी और उन्हें भारत के चुनाव आयोग से पार्टी के संविधान की एक प्रति मिल गई है.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक विधायक सुनील प्रभु ने पिछले साल शिंदे और 15 अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि वह भाजपा और कई स्वतंत्र विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिए ‘असली’ शिवसेना हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, क्योंकि शिंदे के विद्रोह के समय ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था.
मालूम हो कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए हाई-वोल्टेज विद्रोह में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का साथ छोड़ दिया था.
शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है.
इसके बाद महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई और उद्धव के इस्तीफे के बाद शिंदे ने भाजपा की मदद से सरकार बनाने हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.