सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी निदेशक के सेवा विस्तार को अवैध बताने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार द्वारा ईडी निदेशक को दिए सेवा विस्तार को अवैध ठहराया है. रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा को 31 जुलाई, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति दी है. बीते वर्ष नवंबर में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेशों का उल्लंघन करते हुए मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था. कोर्ट पहले ही उन्हें और सेवा विस्तार न देने को कह चुका था. नवंबर 2021 में केंद्र ने दो अध्यादेश जारी कर कहा था कि ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसे भी अदालत में चुनौती दी गई थी, हालांकि कोर्ट ने इसे बरक़रार रखा है.

सुप्रीम कोर्ट आगामी दो अगस्त से जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की दैनिक आधार सुनवाई करेगा. बार एंड बेंच के अनुसार, मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर हर दिन सुनवाई हुआ करेगी. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा दायर ताज़ा हलफनामे का कश्मीर की संवैधानिक स्थिति को लेकर अदालत के समक्ष प्रश्न पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. अपने हलफनामे में इस फैसले का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि यह ‘इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास, प्रगति, सुरक्षा और स्थिरता लाया है, जो अनुच्छेद 370 लागू रहने के समय में नहीं थी.’

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि क़ानूनी प्रक्रिया के बग़ैर पुलिस किसी पत्रकार का फोन ज़ब्त नहीं कर सकती है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जस्टिस पीवी कुन्हिकृष्णन की पीठ मलयालम दैनिक ‘मंगलम’ के पत्रकार जी. विशाकन की याचिका सुन रही थी, जिसमें उन्होंने पिछले हफ्ते पुलिस द्वारा जब्त उनका फोन वापस सौंपने की मांग की थी. यह फोन मलयालम वेब पोर्टल ‘मरुनादन मलयाली’ के संपादक शजन स्कारिया के खिलाफ दर्ज एक मामले के सिलसिले में विशाकन के घर की तलाशी के दौरान जब्त किया गया था. अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी पत्रकार को अपने फोन पर किसी अपराध के बारे में कुछ जानकारी मिली होगी, उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना उनके फोन को जब्त नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस ने भारतीय कंपनियों द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए चीनी मुद्रा युआन का उपयोग करने पर आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया है कि ऐसा क्यों किया जा रहा है. द टेलीग्राफ के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार चीनी मुद्रा युआन में भुगतान करके रूस से हर दिन 2.17 बैरल तेल का आयात कर रही है और इसी वजह से चीनी सरकार का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स दावा कर रहा है कि मोदी सरकार युआन को ‘वैश्विक मुद्रा’ बना रही है. उन्होंने कहा, ‘सवाल यह है कि हम अपनी मुद्रा में भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं. हम चीनी मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?’ उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन के साथ व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर तक बढ़ रहा है.

गृह मंत्रालय ने मणिपुर और मिज़ोरम की सरकारों से 30 सितंबर तक अवैध प्रवासियों का विवरण जुटाने कहा था. द हिंदू के मुताबिक, मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने से कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने दोनों राज्य सरकारों से ‘अवैध प्रवासियों के बायोग्राफिक (निजी जीवन संबंधी) और बायोमेट्रिक विवरण’ जुटाने के लिए कहा था. मंत्रालय ने बीते 22 जून के पत्र में भी राज्यों को 30 सितंबर तक यह अभ्यास पूरा करने की याद दिलाई थी. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक साक्षात्कार में राज्य में जारी हिंसा के लिए म्यांमार के अवैध प्रवासियों को ज़िम्मेदार ठहराया था.

मणिपुर सरकार सुप्रीम कोर्ट में सौंपी स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि पिछले महीने से राज्य में जारी हिंसा के दौरान अब तक 142 लोगों की मौत हुई है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अदालत द्वारा तलब स्टेटस रिपोर्ट में सरकार ने बताया है कि अधिकांश मौतें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और चूड़ाचांदपुर ज़िलों में दर्ज की गई हैं. रिपोर्ट में विस्थापित लोगों की संख्या 54,488 बताई गई है. साथ ही सरकार ने जोड़ा है कि 3 जुलाई तक आगज़नी की 5,053 घटनाएं हुई हैं और 5,995 एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.