मणिपुर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई एक स्टेटस रिपोर्ट से पता चला है कि अधिकांश मौतें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर ज़िलों में दर्ज की गई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3 जुलाई तक आगज़नी की 5,053 घटनाएं हुईं और 5,995 एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
नई दिल्ली: मणिपुर सरकार द्वारा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई एक रिपोर्ट से पता चला है कि मणिपुर में दो महीने की हिंसा में 142 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश मौतें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर जिलों में दर्ज की गईं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने बीते 3 जुलाई को एक आदेश के माध्यम से राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने 3 मई से 4 जुलाई के बीच हिंसा के कारण 142 मौतें दर्ज की हैं.
इनमें से 58 मौतें इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में हुई हैं. प्रत्येक जिले में 29 लोगों की जान गई, जबकि मई में हिंसा की पहली लहर में राजधानी इंफाल हिल गई थी. बाद में नरसंहार पहाड़ी जिलों की सीमा से लगे इलाकों में फैल गया. चुराचांदपुर भी हिंसा के केंद्रों में से एक रहा है, जहां 26 मौतें हुई हैं.
घाटी के दो और जिलों काकचिंग और बिष्णुपुर में क्रमश: 21 और 18 लोगों की मौत दर्ज की गई है. पहाड़ी जिले कांगपोकपी, जिसके परिधीय क्षेत्रों में काफी हिंसा देखी गई है, में 8 मौतें दर्ज की गईं.
इसके अलावा हिंसा में तेंगनौपाल और थौबल जिले में 4-4, कामजोंग में 2 और चंदेल जिले में एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.
सरकार की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3 जुलाई तक आगजनी की 5,053 घटनाएं हुईं, जिनमें से सबसे अधिक कांगपोकपी (1,091) में थीं. इसके बाद चुराचांदपुर में 1,043, इंफाल पूर्व में आगजनी की 938 और बिष्णुपुर में 528 घटनाएं दर्ज की गईं.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. रिपोर्ट में विस्थापित लोगों की संख्या 54,488 बताई गई है. चुराचांदपुर में 14,816 लोग 102 राहत शिविरों में रह रहे हैं, जबकि कांगपोकपी में 12,740 लोग 60 शिविरों में रह रहे हैं.
राज्य भर में कुल 5,995 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि 4 जुलाई की शाम 5 बजे तक 181 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, 108 को जमानत पर और दो को व्यक्तिगत पहचान बांड पर रिहा किया गया है.
सुरक्षा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों के बारे में सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि बंकर, जो ‘पहाड़ियों और घाटी दोनों में समाज के लिए चिंता का कारण हैं’ को सुरक्षा बलों द्वारा नष्ट किया जा रहा है. नागरिकों को कृषि कार्य करने के साथ-साथ जिरीबाम जिले से इंफाल तक आवश्यक वस्तुओं के परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किया जा रहा है.
राज्य में सोमवार को भी हिंसा जारी रही. रविवार (9 जुलाई) देर रात गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जबकि 10 लोग घायल हो गए. एक अधिकारी के मुताबिक, फायरिंग कांगचुप के फेयेंग और सिंगदा गांवों में दो समुदायों के बीच हुई.