झाबुआ ज़िले के एक सरकारी छात्रावास का मामला. आरोप है कि छात्रावास का निरीक्षण करने गए एसडीएम सुनील कुमार झा ने कथित तौर पर तीन आदिवासी लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया. बताया गया है कि झा को निलंबित कर दिया गया है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक सरकारी छात्रावास में नाबालिग आदिवासी लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में एक एसडीएम को गिरफ्तार किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रावास अधीक्षक द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, एसडीएम सुनील कुमार झा जब छात्रावास का निरीक्षण करने गए थे तो उन्होंने कथित तौर पर लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया.
पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने कहा कि शिकायत के आधार पर झा के खिलाफ मंगलवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354ए (यौन उत्पीड़न), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस बीच, झाबुआ जिला कलेक्टर द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर इंदौर संभागीय आयुक्त पवन कुमार शर्मा ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत आधिकारिक कर्तव्यों के पालन में घोर लापरवाही का हवाला देते हुए उपजिलाधिकारी रैंक के अधिकारी झा को निलंबित कर दिया है.
अपनी रिपोर्ट में कलेक्टर ने कहा कि झा ने छात्रावास में निरीक्षण के दौरान छात्राओं के साथ अश्लील/अनुचित व्यवहार किया और उनके निलंबन की सिफारिश की.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, झाबुआ कोतवाली पुलिस स्टेशन की उप निरीक्षक वर्षा सोलंकी ने कहा, ‘छात्रवास अधीक्षक ने अपनी शिकायत में कहा कि अधिकारी ने बच्चों के कमरे का दौरा किया और कुछ समय बाद चले गए. थोड़ी देर बाद वह वापस आए और उनके कमरे में बैठ गए. उन्होंने तीन आदिवासी लड़कियों को गलत तरीके से छुआ, जिनमें से दो 13 साल की और एक 11 साल की थी – उनसे अश्लील सवाल पूछे.’
सोलंकी ने कहा, ‘झा को गिरफ्तार कर लिया गया और जांच चल रही है.’
आरोपी को विशेष न्यायाधीश आरके शर्मा की पॉक्सो अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी.
छात्रावास अधीक्षक ने बताया है कि घटना के बाद लड़कियां सदमे में हैं.