अरुणाचल प्रदेश: महिला कॉन्स्टेबल ने पूर्व एसपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया

अरुणाचल प्रदेश के एक ज़िले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पर उनके अधीन काम करने वाली एक महिला कॉन्स्टेबल ने आरोप लगाया है कि वह देर रात मैसेज कर यौन संबंध बनाने की मांग करते थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Youth For Human Rights Documentation)

अरुणाचल प्रदेश के एक ज़िले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पर उनके अधीन काम करने वाली एक महिला कॉन्स्टेबल ने आरोप लगाया है कि वह देर रात मैसेज कर यौन संबंध बनाने की मांग करते थे.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Youth For Human Rights Documentation)

नई दिल्ली: पिछले महीने अरुणाचल प्रदेश के एक जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) के खिलाफ उनके अधीन काम करने वाली एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई गई थी. अब इस मामले में एक स्थानीय शिकायत समिति (एलसीसी) का गठन किया गया है और जांच शुरू की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने 24 जून को अपने कार्यस्थल की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) से संपर्क किया था.

महिला पुलिसकर्मी ने कहा कि उन्हें मई के अंत में तत्कालीन एसपी के निजी नंबर से ‘Hi’ का मैसेज मिला था, जिसका उन्होंने यह मानकर जवाब नहीं दिया कि यह गलती से भेजा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उसके बाद उन्हें 23 जून को देर रात कई मैसेज किए गए, जिनमें ‘सीधा यौन सहमति बनाने की मांग की गई’ और साथ ही वॉट्सऐप पर एक वॉइस कॉल भी किया. महिला ने बताया कि उन्होंने इस कॉल का जवाब नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि इस घटना ने उनके अंदर डर पैदा कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया, ‘विडंबना यह है कि एक पुलिस अधिकारी, जिसे कानून प्रवर्तन एजेंसी होने के नाते कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है- वह खुद अपनी महिला कर्मचारियों के खिलाफ वही अपराध कर रहे हैं और उस अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं.’

आरोपी अधिकारी अब जिले में तैनात नहीं है और उसके खिलाफ शिकायत उसके कार्यकाल के अंत में दर्ज की गई थी क्योंकि 8 जून को गृह मंत्रालय के एक आदेश के बाद उनका तबादला नई दिल्ली किए सूचना दी गई थी.

शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत वॉट्सऐप स्क्रीनशॉट दिखाते हैं कि आरोपी ने कथित तौर पर उन्हें 23 जून की रात 11.14 बजे से संदेश भेजे, जिनमें शिकायतकर्ता को अगले दिन ‘मदद’ करने के लिए अपने घर आने के लिए कहा गया है.

इसके कुछ दिनों बाद हुई आईसीसी की बैठक में, यह देखते हुए कि शिकायतें नियोक्ता के खिलाफ की गई थीं क्योंकि कॉन्स्टेबलों के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस अधीक्षक ही होता है, मामले को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए एलसीसी को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया.