छात्र की मौत के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के संबंध में 13 छात्रों पर केस दर्ज

बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय का विजयनगरम हॉल. (प्रतीकात्मक फोटो साभार: allduniv.ac.in/)

बीते 11 जुलाई को एक स्नातक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का विजयनगरम हॉल. (प्रतीकात्मक फोटो साभार: allduniv.ac.in/)

नई दिल्ली: बीते 11 जुलाई को स्नातक कर रहे एक छात्र की मौत के एक दिन बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में हुई कथित हिंसा के संबंध में छह नामजद सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्र आशुतोष दुबे को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं दी, जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि विश्वविद्यालय ने आरोपों से इनकार किया है.

बीते बुधवार (12 जुलाई) को छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन करते हुए परिसर में हंगामा किया. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और महिलाओं समेत शिक्षकों पर लोहे की छड़ों से हमला किया. कुछ शिक्षकों ने प्रदर्शनकारियों पर उनसे नकदी और आभूषण छीनने का भी आरोप लगाया.

एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न विभागों के फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया और दस्तावेजों को फाड़ दिया.’

रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 336 (दूसरों के जीवन या सुरक्षा को खतरे में डालना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), और 392 (डकैती) के तहत दर्ज की गई है. गुरुवार (13 जुलाई) देर शाम इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्नलगंज थाने में की.

रिपोर्ट के अनुसार, पता चला है कि आरोपियों के खिलाफ संपत्ति क्षति अधिनियम भी लगाया गया है. मामले में शिकायतकर्ता राकेश सिंह ने आरोप लगाया कि यह पूर्व छात्र अजय सिंह यादव उर्फ अजय सम्राट थे, जिसने कथित हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया.

विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) जया कपूर ने कहा कि ये लोग नियमित रूप से किसी न किसी कारण से विश्वविद्यालय परिसर में उपद्रव मचा रहे थे. हिंसा में शामिल पाए गए छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कर्नलगंज थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने कहा कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. परिसर में स्थिति नियंत्रण में है.

इलाहाबाद के हंडिया इलाके के रहने वाले आशुतोष दुबे मंगलवार को पानी पीने के लिए कूलर के पास गए तो जमीन पर गिर पड़े थे. छात्र अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि मामले की जानकारी होने पर मौके पर एंबुलेंस भेजी गई थी, लेकिन तब तक छात्र को अस्पताल ले जाया जा चुका था. वहीं, छात्रों का दावा है कि अगर एंबुलेंस समय पर पहुंच जाती तो आशुतोष की जान बच सकती थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत मिलने के बाद गुरुवार देर रात कर्नलगंज पुलिस ने छात्र नेता अजय यादव ‘सम्राट’ समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. बाद में प्रॉक्टर ने शिकायत में संशोधन करते हुए पांच के बजाय 12 छात्रों के खिलाफ केस दर्ज करने का अनुरोध किया.

इसके बाद शुक्रवार 14 जुलाई को एफआईआर में एक और नाम जोड़ा गया. पीआरओ प्रोफेसर जया कपूर ने कहा, ‘एफआईआर में अतींद्र सिंह का भी नाम जोड़ा गया है, जिससे कुल संख्या 13 हो गई है.’

इनमें से 9 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने उपद्रव में शामिल तीन पूर्व छात्रों को नोटिस जारी कर ​स्पष्टीकरण देने को कहा है. इसके अलावा छह छात्रों के अभिभावकों को भी नोटिस भेजा गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, 9 छात्रों के निलंबन के कुछ घंटों बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया. छात्रों की मांग है कि छात्र की मौत के मामले में प्रॉक्टर और डीएसडब्ल्यू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इसके साथ ही प्रशासन मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दे.