मणिपुर हिंसा पर यूरोपीय संघ ने चर्चा की, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा: राहुल गांधी

मणिपुर में पिछले दो महीने से जातीय हिंसा का दौर जारी है. राज्य में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50 हज़ार लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.

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राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

मणिपुर में पिछले दो महीने से जातीय हिंसा का दौर जारी है. राज्य में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50 हज़ार लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मणिपुर मुद्दे पर उनकी ‘चुप्पी’ के लिए एक बार फिर निशाना साधा है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मणिपुर जल रहा है. यूरोपीय संघ की संसद ने भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा! इस बीच रफाल विमान ने उन्हें (फ्रांस में) बैस्टिल डे परेड का टिकट दिला दिया.’

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 13 और 14 जुलाई को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के आधिकारिक निमंत्रण पर फ्रांस का दौरा किया. उन्होंने बैस्टिल डे परेड में ‘सम्मानित अतिथि’ के रूप में भी भाग लिया था.

राहुल गांधी ने 29 जून को हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा किया था. अपनी यात्रा के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि राज्य को शांति की जरूरत है.

उन्होंने कहा था, ‘मणिपुर को ठीक होने के लिए शांति की जरूरत है. राज्य की मेरी दो दिवसीय यात्रा के दौरान हमारे भाइयों और बहनों को दर्द में देखकर मेरा दिल टूट गया. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और हम सभी को इसके लिए काम करना चाहिए.’

बीते मई महीने में जब मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुई थी तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा की ‘घृणा और हिंसा की राजनीति’ का परिणाम मणिपुर में सभी को दिख रहा है, जो कि ‘जल रहा है’.

उन्होंने कहा था कि मणिपुर जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और गृह मंत्री (अमित शाह) कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. मणिपुर में तनाव का कारण नफरत और हिंसा की राजनीति है. कांग्रेस लोगों को जोड़ने का काम कर रही है.

उल्लेखनीय है कि बीते 3 मई से कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक 140 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. लगभग 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में बीते 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं, हिंसा में बदल गई और अब भी जारी हैं.

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेईतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.