चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड तैयार करने वाले कर्मियों को सालभर से वेतन न मिलने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मीडिया में आई रिपोर्ट्स बताती हैं कि 14 जुलाई को प्रक्षेपित हुए भारत के ऐतिहासिक चंद्रयान-3 का लॉन्च पैड बनाने वाले इंजीनियरों को सालभर से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बताया है कि रांची में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से भुगतान नहीं किया जा रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वेतन न दिए जाने की समस्या के बावजूद कंपनी ने दिसंबर 2022 में तय समय से पहले मोबाइल लॉन्चिंग पैड और अन्य महत्वपूर्ण और जटिल उपकरण वितरित कर दिए थे.

तमिलनाडु में परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी के बाद एमके स्टालिन कैबिनेट के एक और मंत्री ईडी की जांच के दायरे में आ गए हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि विल्लुपुरम और चेन्नई के चार स्थानों पर उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी और कल्लाकुरिची से सांसद और उनके बेटे गौतम सिगामणि और उनके करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों से जुड़े परिसरों में सोमवार सुबह 7 बजे छापेमारी शुरू हुई। छापेमारी किस मामले से संबंधित है, इस पर ईडी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. हालांकि, अख़बार ने बताया है कि उसके सूत्रों के अनुसार, यह 2012 के एक मामले से संबंधित है, जब पोनमुडी 2006-2011 की डीएमके सरकार में मंत्री थे. उन पर लाल रेत खदान आवंटन में उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. जहां स्टालिन ने इसे भाजपा का ड्रामा करार दिया है वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि एजेंसी एक ही ‘स्क्रिप्ट’ के अनुसार काम कर रही है.

उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ यात्रा समाप्त होने पर 30,000 मीट्रिक टन कचरा मिलने की खबर है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, हरिद्वार में इस वर्ष देशभर से करीब चार करोड़ श्रद्धालु कांवड़ लेकर पहुंचे थे. हर-की-पैड़ी से 42 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग पर गंगा घाट, बाज़ार, पार्किंग स्थल और सड़कें कूड़े से अटी पड़ी थीं. अधिकारियों का कहना है कि शहर को पूरी तरह से साफ करने में कई हफ्ते लग सकते हैं.

एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि गुजरात में 33 फीसदी लोग ऑनलाइन माध्यम में राजनीतिक राय साझा करने से डरते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ कॉमन कॉज, सीएसडीएस और लोकनीति द्वारा तैयार की गई ‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2023’ में गुजरात में इंटरनेट यूज़र्स के व्यवहार को जांचा-परखा गया. इसके तहत किए सर्वे में सामने आया कि राज्य में 33 फीसदी लोगों को राजनीतिक या सामाजिक राय ऑनलाइन साझा करने पर क़ानूनी कार्रवाई का डर सताता है. वहीं, अन्य 46 फीसदी ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक डरे हुए’ हैं.

उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में मोबाइल फोन के इस्तेमाल, फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि मंदिर समिति ने लोगों से ‘सभ्य कपड़े’ पहनने और मंदिर परिसर में तंबू या शिविर लगाने से परहेज करने को भी कहा है. परिसर में इस बारे में लगे निर्देशों में यह भी कहा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजय अजेंद्र ने बताया कि पिछले दिनों कुछ तीर्थयात्री मंदिर के अंदर अभद्र तरीके से वीडियो और रील बना रहे थे और तस्वीरें भी खींच रहे थे, इसलिए यह चेतावनी दी गई है.

जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी समूहों का साथ देने के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, तीनों कर्मचारियों को आतंकवादियों को सक्रिय रूप से रसद मुहैया कराने और आतंकवादी संगठनों के लिए धन जुटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन्हें बर्खास्त करने के लिए भारत के संविधान की धारा 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया, जो सरकार को किसी कर्मचारी को बिना जांच किए बर्खास्त करने की अनुमति देती है. पिछले डेढ़ साल में सरकार ने राज्य की सुरक्षा के लिए ‘ख़तरा’ होने के कारण लगभग 52 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की हैं.

हरिद्वार में बीते सप्ताह कांवड़ से गाड़ी टकरा जाने के बाद कांवड़ियों द्वारा मारपीट का शिकार हुए 63 वर्षीय कार चालक ने कहा है कि उन्हें मुस्लिम समझकर पीटा गया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीड़ित ने खुद को भाजपा आरएसएस कार्यकर्ता बताया है. उनका कहना है कि हमलावरों ने सोचा कि वह मुस्लिम हैं, क्योंकि उन्होंने काली टोपी पहनने के साथ दाढ़ी रखी हुई थी और उनके साथ बुर्का पहने एक महिला भी थीं. 10 जुलाई को हुई घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर कांवड़ियों को कार पलटते और लाठियों से मारने से पहले इसके मालिक प्रताप सिंह को जबरन कार से बाहर खींचते हुए देखा जा सकता है. सिंह के अलावा कार में एक महिला भी थीं, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि वह भाजपा की स्थानीय अल्पसंख्यक शाखा की सदस्य थीं.