गुजरात में 33 फीसदी लोग राजनीतिक राय ऑनलाइन साझा करने से डरते हैं: सर्वे

‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2023’ नामक रिपोर्ट में गुजरात में इंटरनेट यूज़र्स के व्यवहार को जांचा-परखा गया. इसके तहत किए गए एक सर्वे में सामने आया कि राज्य में 33 फीसदी लोगों को राजनीतिक या सामाजिक राय ऑनलाइन साझा करने पर क़ानूनी कार्रवाई का डर सताता है. वहीं, अन्य 46 फीसदी ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक डरे हुए’ हैं.

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इलस्ट्रेशन: द वायर

‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2023’ नामक रिपोर्ट में गुजरात में इंटरनेट यूज़र्स के व्यवहार को जांचा-परखा गया. इसके तहत किए गए एक सर्वे में सामने आया कि राज्य में 33 फीसदी लोगों को राजनीतिक या सामाजिक राय ऑनलाइन साझा करने पर क़ानूनी कार्रवाई का डर सताता है. वहीं, अन्य 46 फीसदी ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक डरे हुए’ हैं.

इलस्ट्रेशन: द वायर

नई दिल्ली: एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि गुजरात में लगभग तीन में से दो लोग अपनी राजनीतिक और सामाजिक राय ऑनलाइन व्यक्त करने में झिझकते हैं. एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ (Cammon Cause), ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ (CSDS) और ‘लोकनीति’ द्वारा तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि यह डर कानूनी कार्रवाई के डर से है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ की ‘स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2023’ नामक रिपोर्ट में गुजरात में इंटरनेट यूजर्स के व्यवहार को जांचा-परखा गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन से पता चलता है कि सर्वेक्षण में शामिल 33 फीसदी लोग अपनी राजनीतिक राय ऑनलाइन व्यक्त करके कानूनी कार्रवाई होने की आशंका से बेहद डरे हुए हैं.

अध्ययन के अनुसार, जहां अधिकांश उत्तरदाताओं ने राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सरकार द्वारा मोबाइल फोन की निगरानी का समर्थन किया, वहीं कई लोगों ने कानूनी प्रतिक्रिया के डर से अपने सामाजिक और राजनीतिक मत को खुले तौर पर ऑनलाइन व्यक्त करने की अपनी स्थिति पर चिंता जताई.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में ‘लोकनीति’ की गुजरात समन्वयक महाश्वेता जानी ने कहा, ‘जब एक ही पार्टी ने राज्य में लंबे समय तक शासन किया है, तो जनता के भीतर निगरानी का डर बहुत स्वाभाविक है. गुजरात में निरंकुश शासन के कारण लोग अपनी राजनीतिक राय व्यक्त करने से डरते हैं.

अध्ययन में पाया गया है कि गांधीनगर में भारत में सबसे अधिक सीसीटीवी कैमरे हैं.

सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में प्रतिभागियों से पूछा गया कि यदि उनके सोशल मीडिया पोस्ट किसी राजनीतिक या सामाजिक विषय पर कुछ समूहों को ठेस पहुंचाते हैं तो क्या उन्हें कानूनी कार्रवाई का डर है.

इस पर अधिकांश उत्तरदाताओं ने ‘हां’ में जवाब दिया.

गुजरात में 33 फीसदी लोगों ने कहा कि वे राजनीतिक या सामाजिक राय ऑनलाइन साझा करने के लिए कानूनी सजा से बहुत डरते हैं. अन्य 46 फीसदी ने कहा कि वे ‘कुछ हद तक डरे हुए’ हैं. लगभग 9 फीसदी ने कहा कि वे कम डरे हुए हैं, जबकि केवल 8 फीसदी ने कहा कि वे बिल्कुल भी डरे हुए नहीं हैं.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

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