लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल

एनडीए में शामिल होने पर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2024 के लोकसभा और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव हैं. साल 2020 में चिराग के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई थी. दूसरे गुट के प्रमुख चिराग के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और चिराग पासवान. (फोटो साभार: ट्विटर)

एनडीए में शामिल होने पर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2024 के लोकसभा और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव हैं. साल 2020 में चिराग के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में बंट गई थी. दूसरे गुट के प्रमुख चिराग के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और चिराग पासवान. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने का फैसला किया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार (17 जुलाई) को इस संबंध में जानकारी दी.

पासवान के गठबंधन में शामिल होने के फैसले का स्वागत करते हुए नड्डा ने ट्विटर पर लिखा, ‘चिराग पासवान जी से दिल्ली में भेंट हुई. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है. मैं उनका एनडीए परिवार में स्वागत करता हूं.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह घटनाक्रम नई दिल्ली में होने वाली सत्तारूढ़ एनडीए की बैठक से एक दिन पहले पासवान के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद हुआ.

पासवान ने भी ट्विटर पर एनडीए की बैठक में शामिल होने की जानकारी दी.

पासवान 2024 के आम चुनावों के लिए बिहार में अपनी पार्टी की लोकसभा सीटों की हिस्सेदारी को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं और इस बैठक को उसी अभ्यास के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.

मालूम हो कि साल 2020 में चिराग के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो गुटों में विभाजित हो गई थी. दूसरे गुट के प्रमुख चिराग के चाचा और एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भाजपा ने एनडीए की बैठक में 38 राजनीतिक दलों के शामिल होने की बात कही है. इन 38 में कुछ ऐसे भी दल हैं, जिन्होंने एनडीए पूर्व में छोड़ दिया था और अब वापस शामिल हुए हैं.

यह बैठक तब हो रही है जब समान विचारधारा वाले 26 विपक्षी दल आगामी चुनावों की रणनीति बनाने के लिए एक महीने में दूसरी बार मिलने वाले हैं.

हालांकि, 545 सदस्यीय लोकसभा में केवल नौ दलों के पास 10 सीटें या उससे अधिक हैं (9 दलों के 479 सदस्य हैं). इसकी पूरी संभावना है कि विपक्षी समूह के 26 संभावित घटकों और एनडीए के 38 संभावित घटकों में से कुछ का लोकसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है. संसद के इस निचले सदन में केवल 37 दलों के सदस्य हैं.

मिंट के मुताबिक, एनडीए की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में यह बैठक आयोजित की जा रही है.

वहीं, बैठक से पहले चिराग पासवान ने कहा है, ‘एनडीए में सब ठीक है. लंबे समय से बात चल रही थी. हमारी कुछ चिंताएं थीं और इन पर चर्चा हुई और एक समझौते पर पहुंचा गया. हमारा लक्ष्य 2024 के लोकसभा और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव हैं. मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा.’

बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट चिराग के दिवंगत पिता रामविलास पासवान की परंपरागत सीट हुआ करती थी. फिलहाल यहां से लोजपा के दूसरे गुट के प्रमुख और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस सांसद हैं.

इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह विपक्षी दलों की एकजुटता और बेंगलुरु में उनकी बैठक पर निशाना साधते हुए उन पर घोटालों, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के आरोप लगाए.

उन्होंने कहा, ‘ये जो जमात (बेंगलुरु में) इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है. जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं.’

बहरहाल, मोदी के विपक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच द वायर की एक रिपोर्ट बताती है कि उन्हें और भाजपा को चुनावी लाभ के लिए भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों को स्वीकारने से भी कोई परहेज नहीं है.

इससे पहले बीते 16 जुलाई को कई हफ्तों की अटकलों के बाद ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गई थी.

2002 में गठित एसबीएसपी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर समुदाय से काफी समर्थन प्राप्त है. पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव के समय यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में थी. पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह में जीत हासिल की थी. हालांकि बाद में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान यह सपा से अलग हो गई.

इससे पहले, एसबीएसपी ने एनडीए के तहत भाजपा के साथ गठबंधन में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और चार सीटों पर जीत दर्ज की थी.

राजभर को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले पहले मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का मंत्री नियुक्त किया गया था. हालांकि, भगवा पार्टी के साथ अनबन के बाद उन्होंने जल्द ही इस्तीफा दे दिया था.