एनआईए ने आईएसआईएस के लिए काम करने के आरोप में एएमयू के छात्र को गिरफ़्तार किया

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस का सदस्य होने के आरोप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक 19 वर्षीय छात्र को गिरफ़्तार किया है. छात्र झारखंड के लोहरदगा ज़िले का रहने वाला है.

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अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो: पीटीआई)

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस का सदस्य होने के आरोप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक 19 वर्षीय छात्र को गिरफ़्तार किया है. छात्र झारखंड के लोहरदगा ज़िले का रहने वाला है.

अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस का सदस्य होने के आरोप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एक 19 वर्षीय छात्र को झारखंड में उसके घर और उत्तर प्रदेश में किराये के मकान की तलाशी के बाद गिरफ्तार किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘किसी भी आतंकी हमले को विफल करने के लिए मामला दर्ज करने के बाद देश में सक्रिय आईएसआईएस मॉड्यूल के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बाद फैजान अंसारी उर्फ ​​फैज की गिरफ्तारी हुई. झारखंड के लोहरदगा जिले में अंसारी के घर और यूपी के अलीगढ़ में किराये के कमरे पर 16 और 17 जुलाई को तलाशी ली गई और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक सामग्री और दस्तावेज जब्त किए गए.’

अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने 19 जुलाई को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

प्रवक्ता ने कहा, ‘अंसारी ने भारत में आईएसआईएस गतिविधियों का समर्थन करने और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर संगठन के प्रचार को फैलाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने सहयोगियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी. इस साजिश का उद्देश्य आईएसआईएस की ओर से भारत में हिंसक आतंकी हमले करना था.’

एनआईए के मुताबिक, जांच से पता चला है कि अंसारी और उसके सहयोगियों ने आईएसआईएस, जिसे इस्लामिक स्टेट के नाम से भी जाना जाता है, के प्रति अपनी निष्ठा जताई थी.

प्रवक्ता ने कहा, ‘अंसारी भारत में आईएसआईएस के कैडर बेस को समृद्ध करने के लिए नव-धर्मांतरितों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गुट की तरफ आकर्षित करने की प्रक्रिया में भी सक्रिय था. वह विदेश स्थित आईएसआईएस संचालकों के संपर्क में था, जो उसे प्रतिबंधित संगठन में भर्तियों के लिए मार्गदर्शन दे रहे थे. आईएसआईएस के अन्य सदस्यों के साथ, वह हिंसक कार्रवाइयों की योजना बना रहा था.’