मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में एक दलित व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि दूसरी जाति के एक व्यक्ति ने उनके चेहरे और सिर पर मानव मल लगा दिया था. राज्य के रीवा ज़िले में हुई एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को मुंह से जूता उठाने लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आया है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक दलित व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार (21 जुलाई) को एक दूसरी जाति के व्यक्ति ने उसके चेहरे और सिर पर मानव मल लगा दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि आरोपी का नाम रामकृपाल पटेल है और वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से है.
दशरथ अहिरवार नाम के दलित व्यक्ति ने शनिवार (22 जुलाई) को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने ग्रीस लगे हाथ से गलती से पटेल को छू लिया था, जिसके बाद पटेल ने उनके चेहरे और सिर पर मानव मल लगा दिया.
अहिरवार ने संवाददाताओं को बताया कि जब उन्होंने एक बैठक में पंचायत सदस्यों को घटना की रिपोर्ट करने की कोशिश की तो उसने उन पर ही 600 रुपये का जुर्माना लगा दिया.
उनकी पुलिस शिकायत में कहा गया है कि यह घटना तब हुई जब वह निर्माण कार्य कर रहे थे और पटेल पास के एक हैंडपंप पर नहा रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अहिरवार ने स्थानीय मीडिया को बताया, ‘मेरे हाथ पर ग्रीस लगा हुआ था और गलती से वह ग्रीस पटेल पर लग गया. उसके बाद पटेल नहाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे मग में पास में पड़ा मानव मल लाए और उसे मेरे सिर और चेहरे सहित शरीर पर मल दिया. मैंने अगले दिन इस बारे में एफआईआर दर्ज कराई.’
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पटेल ने उन्हें जातिसूचक गालियां दी. अहिरवार की शिकायत के बाद पटेल को शनिवार को हिरासत में लिया गया.
छतरपुर में पुलिस ने पटेल के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.
पुलिस उपमंडल अधिकारी मनमोहन सिंह बघेल ने बताया, ‘रामकृपाल पटेल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294 (सार्वजनिक रूप से अश्लील कृत्यों या शब्दों के लिए सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है.’
बघेल ने कहा कि बिकौरा गांव में नाली बनाने का काम कर रहे अहिरवार और अन्य लोग ‘पटेल के साथ मजाक कर रहे थे’ और ‘खेल-खेल में एक-दूसरे पर चीजें फेंक रहे थे’ जिसके बाद पटेल ने अहिरवार पर मल फेंक दिया था.
यह घटना एक महीने से भी कम समय में सामने आई है, जब मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक व्यक्ति द्वारा आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद भारी आक्रोश फैल गया था.
हमलावर व्यक्ति की पहचान प्रवेश शुक्ला के रूप में हुई है. पुलिस ने 4 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.
इसी तरह का एक मामला इस महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले से सामने आया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, नौ युवकों के एक समूह ने एक आदिवासी व्यक्ति से असहमति के बाद कथित तौर पर मारपीट की और फिर उसके चेहरे पर पेशाब कर दिया.
शुक्रवार (20 जुलाई) तक इस मामले में तीन पुरुषों और तीन नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया और स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अत्याचार निवारण अधिनियम लागू किया है.
व्यक्ति को मुंह से जूता उठाने पर मजबूर किया
मध्य प्रदेश में हुई एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को मुंह से जूता उठाने लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रीवा जिले का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक आदमी को अर्धनग्न अवस्था में दिखाया गया है, जिसके हाथ उसकी पीठ के पीछे बंधे हुए हैं, उसके चेहरे पर बार-बार मुक्का मारा जा रहा है और उसे मुंह से जूता उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, घटना दो साल पुरानी है, लेकिन पीड़ित के हाथ यह वीडियो अब लगा और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
हनुमना थाना प्रभारी चेतन मर्सकोले ने अखबार को बताया कि आरोपी 50 वर्षीय जवाहिर सिंह है, जो एक सरकारी स्कूल में क्लर्क है और रीवा जिले के पिपराही गांव के सरपंच का पति है. सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस उसके दो कथित साथियों की तलाश कर रही है.
पुलिस ने पीड़ित की पहचान उजागर नहीं की है. मर्सकोले ने कहा, ‘पीड़ित शिकायत दर्ज करने से बहुत शर्मिंदा और डरा हुआ है.’
इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक दलित व्यक्ति के साथ कथित दुर्व्यवहार की घटना की निंदा करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा शासित इस राज्य में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों को अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है.
मध्य प्रदेश में एक महीनें में ही दलित-आदिवासी अत्याचार की दूसरी बेहद निंदनीय व पीड़ादायक वारदात हुई है, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है।
NCRB Report (2021) के मुताबिक़, भाजपा शासित मध्य प्रदेश में –
▫️दलितों के ख़िलाफ़ अपराधों का रेट सबसे ज़्यादा है।
▫️आदिवासियों के…— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 24, 2023
इस घटना को लेकर खड़गे ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्य प्रदेश में एक महीने में ही दलित-आदिवासी अत्याचार की दूसरी बेहद निंदनीय व पीड़ादायक वारदात हुई है, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है. एनसीआरबी-2021 के मुताबिक, भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध दर सबसे ज्यादा है, आदिवासियों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध हुए है, हर दिन सात से ज्यादा अपराध हुए.’
उन्होंने दावा किया, ‘मध्य प्रदेश के हमारे दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के नागरिक दशकों से भाजपाई कुशासन में अपमान का घूंट पी रहे हैं. भाजपा का ‘सबका साथ’, केवल विज्ञापनों में सिमटकर, एक दिखावटी नारा और पीआर स्टंट बनकर रह गया है! भाजपा, हर दिन बाबासाहेब आंबेडकर जी के सामाजिक न्याय के सपने को चूर-चूर कर रही है.’
खड़गे ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि छतरपुर जिले की इस घटना पर कठोर से कठोर कार्रवाई हो!’