मध्य प्रदेश पेशाब कांड: भाजपा विधायक ने आरोपी के घर पर बुलडोज़र चलाने की आलोचना की

मध्य प्रदेश के सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आदिवासी पर पेशाब करने के आरोपी का घर उनकी पैतृक संपत्ति थी. इसे अधिकारियों द्वारा ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था. चाहे आरोपी कोई भी हो, उसके परिवार को परेशानी नहीं उठानी चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी, विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था.

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भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला. (फोटो साभार: फेसबुक)

मध्य प्रदेश के सीधी से भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आदिवासी पर पेशाब करने के आरोपी का घर उनकी पैतृक संपत्ति थी. इसे अधिकारियों द्वारा ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था. चाहे आरोपी कोई भी हो, उसके परिवार को परेशानी नहीं उठानी चाहिए. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी, विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था.

भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक केदारनाथ शुक्ला ने एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने के आरोप में जेल गए प्रवेश शुक्ला के घर पर बुलडोजर चलाने के मध्य प्रदेश पुलिस के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि उसके अपराध के लिए उसके परिवार को कष्ट देना ठीक नहीं है.

घटना सामने आने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि आरोपी प्रवेश शुक्ला सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला का प्रतिनिधि था. हालांकि कांग्रेस के आरोपों से भाजपा विधायक ने इनकार किया था.

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘घर उनकी (प्रवेश के परिवार की) पैतृक संपत्ति थी. यह उनके दादाजी के समय से उनका पारिवारिक घर था. इसे अधिकारियों द्वारा ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए था. चाहे आरोपी कोई भी हो, उसके परिवार को परेशानी नहीं उठानी चाहिए.’

इस महीने की शुरुआत में प्रवेश शुक्ला द्वारा दशमत रावत पर पेशाब करने का वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी चुनावों से पहले आदिवासी समुदाय की नाराजगी को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रावत से मुलाकात की थी, प्रायश्चित के रूप में उनके पैर धोए, उनके साथ भोजन किया और सार्वजनिक माफी जारी की थी.

इसके बाद प्रशासन ने प्रवेश के घर के कई ‘अवैध’ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया था और उन्हें कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर लिया था.

केदारनाथ ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उनकी विचारधारा भाजपा से अलग है और उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें कोई अंतर नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी न्याय के लिए बोलती है. मनुष्य होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम सोचें और अपना दिमाग लगाएं, न कि केवल स्वीकार कर लें. मैं पार्टी लाइन का पालन करता हूं, जो सबका साथ, सबका विकास है.’

साथ ही भाजपा विधायक को अन्य अपराधों के आरोपियों के घरों को ढहाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बुलडोजर भेजने में कुछ भी गलत नहीं लगा.

उन्होंने कहा, ‘मैं बुलडोजर कार्रवाई का समर्थन करता हूं. यह उन लोगों के खिलाफ की जानी चाहिए, जो अवैध संपत्ति जमा कर रहे हैं या सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. उचित जांच के बाद ऐसा किया जाना चाहिए.’

दरअसल, सीधी में ब्राह्मण संगठनों ने संयोग से प्रवेश के घर को गिराए जाने का विरोध किया था और पूछा था कि भाजपा विधायक ने समुदाय के एक सदस्य से जुड़े मामले में हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?

यह पूछे जाने पर कि क्या अब उनके रुख के पीछे ब्राह्मणों का गुस्सा है, केदारनाथ ने कहा, ‘वे घर टूटने से नाराज थे, लेकिन संगठन मुझसे नाराज नहीं हैं. प्रवेश शुक्ला के पिता ने यह भी कहा कि यह वीडियो स्थानीय पंचायत चुनाव के एक प्रतिद्वंद्वी ने मुझे बदनाम करने के लिए बनाया है. उनके पिता मेरा समर्थन करते हैं.’

केदारनाथ के विचारों के बारे में पूछे जाने पर, भाजपा प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने सजा के रूप में बुलडोजर का उपयोग करने को ‘एक वैध गतिविधि’ बताया. उन्होंने कहा, ‘हम उपद्रवी लोगों की इमारतों को ध्वस्त कर देते हैं. हम हमेशा अनधिकृत संरचनाओं को ध्वस्त करते हैं. यह कार्रवाई जाति और धर्म के आधार पर नहीं की गई है.’

वहीं, आदिवासी युवक दशमत रावत ने कहा कि भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के बयान ने उनके डर की पुष्टि की है कि आरोपी प्रवेश शुक्ला को अधिकारियों द्वारा छोड़ दिया जा सकता है.

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रावत ने कहा, ‘वह (केदारनाथ) एक विधायक हैं और कोई भी बयान दे सकते हैं. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि घर तोड़ दो. प्रवेश अपने कृत्य के लिए खुद जिम्मेदार हैं. (लेकिन) मैं चाहता हूं कि उन्होंने जो किया, उसके लिए उन्हें दंडित किया जाए.’

संयोग से केदारनाथ शुक्ला ने एक बार फिर से स्पष्ट किया है कि उनका प्रवेश से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, उनके बयान पर प्रवेश के पिता रमाकांत शुक्ला ने कहा, ‘हमारे समर्थन में आने के लिए मैं उन्हें (विधायक) धन्यवाद देता हूं. हमने हमेशा कहा है कि मेरे बेटे ने भाजपा और विधायक के लिए काम किया.’

पिता ने कहा कि केदारनाथ का विध्वंस पर सवाल उठाना सही था. उनके अनुसार, ‘यह संवैधानिक वैधता पर विचार करने के बाद दिया गया बयान है.’

हालांकि ब्राह्मण समुदाय के नेताओं का कहना है, केदारनाथ अभी भी संकट से बाहर नहीं हैं. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज (एबीबीएस) के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि वे समुदाय से आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा विधायक ने प्रवेश शुक्ला के साथ किसी भी तरह की संबद्धता से इनकार किया और एक ब्राह्मण परिवार के घर को तोड़ने के सरकार के फैसले के साथ खड़े थे. अब वह जाग गया है? अपराध करने वालों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बिना जांच के उनके पुश्तैनी घर पर बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए. यह संविधान के अनुसार सही नहीं है.’

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल मतदाताओं में ब्राह्मणों की हिस्सेदारी लगभग 5 प्रतिशत है और वे उत्तरी मध्य प्रदेश के लगभग 30 निर्वाचन क्षेत्रों में केंद्रित हैं.

इस साल की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड स्थापित करने की समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया था, मंदिर की भूमि की नीलामी के अधिकार जिला कलेक्टरों से पुजारियों को हस्तांतरित करने की घोषणा की थी और निजी मंदिरों के पुजारियों को मानदेय देने का भी वादा किया था.

भाजपा प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि ब्राह्मण पार्टी को वोट नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ‘यह धमकी कि ब्राह्मणों को हमें वोट न देने के लिए कहा जाएगा, कांग्रेस का झूठा प्रचार है.’

दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, ‘स्टैंड स्पष्ट है, पूरी जांच के बाद ही बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. आपको आरोपी से नफरत हो सकती है, लेकिन उसके परिवार से नहीं. हालांकि साथ ही ये भी कहना चाहिए कि किसी आदिवासी पर पेशाब करना ठीक नहीं होता है.’