आईआईपीएस के निदेशक के निलंबन को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करने वाले इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने कहा है कि सरकार वास्तविक डेटा सामने आने से डरती है और जेम्स को 'बलि का बकरा' बनाया गया है.

प्रोफेसर केएस जेम्स. (फोटो साभार: आईआईपीएस वेबसाइट)

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करने वाले इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने कहा है कि सरकार वास्तविक डेटा सामने आने से डरती है और जेम्स को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है.

प्रोफेसर केएस जेम्स. (फोटो साभार: आईआईपीएस वेबसाइट)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के निदेशक और वरिष्ठ शिक्षाविद केएस जेम्स को निलंबित किए जाने को लेकर विपक्षी दलों और वैज्ञानिक समुदाय के सदस्यों ने रोष और निराशा व्यक्त की है. केंद्र द्वारा इस कार्रवाई के लिए प्रोफेसर जेम्स के खिलाफ विचाराधीन/लंबित अनुशासनात्मक कार्यवाही का हवाला दिया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला आईआईपीएस राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करता है.

द हिंदू के अनुसार, रोष जताने वालों में से कई ने विकास पर डेटा-आधारित साक्ष्य के साथ केंद्र के निरंतर असहज संबंधों की बात भी उठाई है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अख़बार से कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के सबसे प्रतिष्ठित जनसांख्यिकीविदों में से एक और आईआईपीएस को नई दिशा देने वाले व्यक्ति के साथ इस तरह का बर्ताव किया जा रहा है. संभव है कि मोदी सरकार एनएचएफएस-5 (उज्ज्वला, एनीमिया, ओडीएफ) के कुछ नतीजों से नाखुश हो और एनएचएफएस-6, जो जून 2023 में शुरू होना था, को अनिश्चितकाल के लिए टालना चाहती हो.’

उन्होंने जोड़ा कि ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की आंतरिक समितियों ने डॉ. जेम्स को किसी भी कदाचार की के मामले में क्लीन चिट दे दी थी, जो दर्शाता है कि उनके खिलाफ हालिया कार्रवाई ‘राजनीतिक कारणों’ से की गई है. रमेश ने कहा, ‘मोदी सरकार उन पेशेवरों और स्कॉलरों के साथ काम नहीं कर सकती जो विचारधारा की कसौटी पर खरे नहीं उतरते.’

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने जोर देकर कहा कि केंद्र सच्चाई से डरता है. उन्होंने कहा, ‘एनएफएचएस में असुविधाजनक डेटा सामने आया, जिसने सरकार की बनाई उस सपनीली तस्वीर, जिस पर सरकार चाहती है कि हम भरोसा करें, को तोड़कर रख दिया. अब समय आ गया है कि भारत की असलियत जनता के सामने पेश किया जाए.’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रोफेसर जेम्स का निलंबन ‘असुविधाजनक और वास्तविक डेटा पेश किए जाने’ के चलते किया गया.

सरकार ने केंद्र से उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (सीईएस) के नतीजे भी तुरंत जारी करने को भी कहा है.

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लोकसभा सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने भी कहा कि केंद्र तथ्यों को लेकर असहज है. उन्होंने कहा, ‘यह अलोकतांत्रिक है, केंद्र के तानाशाही जैसे रवैये को दर्शाता है और भारत के असली चेहरे को छिपाने का प्रयास है.’ उन्होंने निलंबन को तुरंत रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि प्रोफेसर जेम्स को ‘बलि का बकरा बनाया गया’ है.

एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘इस कदम से कोई भी हैरान नहीं है.’

उल्लेखनीय है कि एनएफएचएस-5 ने कई असुविधाजनक डेटा सेट पेश किए हैं. उदाहरण के लिए, इसमें सामने आया कि भारत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) होने के कहीं भी करीब नहीं है- यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत यह सरकार अक्सर करती रहती है. एनएफएचएस-5 ने बताया था कि उन्नीस प्रतिशत परिवार किसी भी शौचालय सुविधा का उपयोग नहीं करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे खुले में शौच करते हैं.

इसमें कहा गया था कि लक्षद्वीप को छोड़कर किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ऐसा नहीं है, जहां 100% आबादी के पास शौचालय हैं.

एनएफएचएस-5 ने यह भी बताया था कि 40% से अधिक घरों में खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन तक पहुंच नहीं थी- यह उज्ज्वला योजना की सफलता के दावों पर सवाल खड़ा करता है. इसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आधी से अधिक (57%) आबादी की पहुंच एलपीजी या प्राकृतिक गैस तक नहीं है.

एनएफएचएस-5 ने यह भी कहा था कि भारत में एनीमिया बढ़ रहा है. हाल में आईं कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि सरकार एनएफएचएस-6 के लिए एनीमिया के मापदंड को हटाने पर विचार कर रही है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को प्रोफेसर जेम्स के निलंबन पर एक पेज का नोट जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उसे आईआईपीसी में भर्ती और आरक्षण रोस्टर के अनुपालन में अनियमितताओं के संबंध में शिकायतें मिली हैं.

जेम्स को 2018 में मुंबई स्थित इस संस्थान का निदेशक नियुक्त किया गया था. उनके पास हार्वर्ड सेंटर फॉर पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट से पोस्टडॉक्टरल की डिग्री है. आईआईपीएस में शामिल होने से पहले वह जेएनयू में जनसंख्या अध्ययन के प्रोफेसर थे.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq