द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के दौरान यौन हिंसा और सार्वजनिक प्रताड़ना का शिकार हुई कुकी महिलाओं की याचिका समेत राज्य में जारी जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाएं सुनते हुए कहा कि राज्य की महिलाओं के साथ यौन हिंसा को यह कहकर उचित नहीं ठहरा सकते कि ऐसा बंगाल में भी हुआ है. बार एंड बेंच के अनुसार, सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने यह टिप्पणी वकील बांसुरी स्वराज द्वारा छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी समान घटनाएं होने की बात उठाने पर की. पीठ ने सरकार से यह सवाल भी किया कि महिलाओं के उत्पीड़न की घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को ऐसा करने में 14 दिन क्यों लगे?
एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि भारत के पत्रकार उनके राजनीतिक झुकाव के चलते नौकरी जाने के डर का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट बताती है कि लोकनीति और सीएसडीएस द्वारा किए गए सर्वे की ‘इंडियन मीडिया: ट्रेंड्स एंड पैटर्न्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट बताती है कि सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 82% पत्रकारों ने कहा कि उनके संस्थान सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन करते हैं. कम से कम 16 प्रतिशत पत्रकारों ने कहा कि उनके संगठन में लोगों को राजनीतिक झुकाव के कारण पद छोड़ने के लिए कहा गया. अंग्रेजी समाचार प्लेटफॉर्म में काम करने वाले 80 फीसदी पत्रकारों ने कहा कि समाचार मीडिया संगठन आमतौर पर भाजपा का पक्ष लेते हैं. अंग्रेजी भाषा के आधे से अधिक पत्रकारों ने अपने राजनीतिक विचारों के आधार पर कार्यस्थल पर भेदभाव का अनुभव करने की बात कही.
महाराष्ट्र के पालघर में जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में एक आरपीएफ कॉन्स्टेबल ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बताया गया है कि किसी मामले पर बहस होने के बाद आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन कुमार चौधरी ने चलती ट्रेन में अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई पर गोली चला दी. इसके बाद वह दूसरी बोगी में गया और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारी को गोली मारने से पहले चेतन कुमार ने कोच बी-5 में यात्रियों को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया था.
मणिपुर में हिंसा के बीच वहां के दौरे पर गए विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि राज्य के राहत शिविरों के हालात दयनीय हैं. रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे बीते क़रीब तीन महीनों से बदहाल राज्य की क़ानून और व्यवस्था की स्थिति केंद्र को बताएं ताकि वह शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करे.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में पुलिस ने बीते दिनों मारे गए गैंगस्टर-राजनेता अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्रा को 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया कि अतीक़ के बेटों मोहम्मद उमर और मोहम्मद अली की भी इसमें भूमिका थी. इलाहाबाद पुलिस ने कहा कि विजय मिश्रा अतीक के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, जो उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था, के बरेली जेल में बंद होने के दौरान उसके साथ नियमित संपर्क में थे.
पूर्व सेना प्रमुख (सेवानिवृत्त) जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि मणिपुर हिंसा में विदेशी ताक़त का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार, एक कार्यक्रम में मणिपुर हिंसा को लेकर जनरल नरवणे ने कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से ऐसा ही है. उन्होंने जोड़ा कि विभिन्न उग्रवादी समूहों को कथित तौर पर चीन की ओर सहायता कई वर्षों से जारी है.
एक अध्ययन में सामने आया है कि देश में कोविड-19 महामारी के बाद बच्चों की तस्करी की घटनाएं बढ़ी हैं. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ‘गेम्स 24×7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि ऐसे घटनाओं के मामले में यूपी, बिहार और आंध्र प्रदेश शीर्ष पर हैं. साथ ही जयपुर तस्करी के शिकार बच्चों के लिए प्रमुख स्थलों में से एक बनकर उभरा है. इसके बाद इस सूची में राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली ज़िले आते हैं. शीर्ष 10 जिलों की सूची में राष्ट्रीय राजधानी के पांच ज़िले शामिल हैं.