82% भारतीय पत्रकार मानते हैं कि उनके संस्थान भाजपा का समर्थन करते हैं: रिपोर्ट

देश के पत्रकारों पर किया गया लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे बताता है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक पत्रकार अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह छोड़कर कुछ और करने के बारे में सोच रहे हैं.

/
(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

देश के पत्रकारों पर किया गया लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे बताता है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक पत्रकार अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह छोड़कर कुछ और करने के बारे में सोच रहे हैं.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

नई दिल्ली: भारतीय मीडिया पर किए गए सर्वेक्षण की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि सर्वेक्षण में शामिल हुए आधे से अधिक पत्रकारों का कहना है कि वे राजनीतिक झुकाव के कारण अपनी नौकरी खोने को लेकर विभिन्न स्तर की चिंता से गुजर रहे हैं.

लोकनीति और सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के इस सर्वे में शामिल कम से कम 16 प्रतिशत पत्रकारों ने कहा कि उनके संस्थान में लोगों को राजनीतिक झुकाव के कारण पद छोड़ने के लिए कहा गया.

‘इंडियन मीडिया: ट्रेंड्स एंड पैटर्न्स’ शीर्षक वाले अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों में से एक यह था कि सर्वे में शामिल 82 फीसदी पत्रकारों ने जवाब दिया कि उनका मीडिया संगठन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करता है.

जब केवल स्वतंत्र पत्रकारों की राय पर विचार किया गया तो भाजपा का समर्थन करने वाले समाचार संगठनों की यह संख्या बढ़कर 89 फीसदी हो गई. अंग्रेजी समाचार प्लेटफॉर्म में काम करने वाले 80 फीसदी पत्रकारों ने यह भी कहा कि समाचार मीडिया संगठन आमतौर पर भाजपा का पक्ष लेते हैं.

अंग्रेजी भाषा के आधे से अधिक पत्रकारों ने अपने राजनीतिक विचारों के आधार पर कार्यस्थल पर भेदभाव का अनुभव करने की बात कही.

भाजपा के पक्ष में मीडिया कवरेज को लेकर विभिन्न भाषाओं के पत्रकारों की राय.

सर्वेक्षण में शामिल प्रत्येक पांच स्वतंत्र पत्रकारों में से चार (82 प्रतिशत) ने कहा कि जब कवरेज की बात आती है तो आज न्यूज मीडिया कुछ राजनीतिक दलों का पक्ष लेता है. वहीं, समाचार संगठन के लिए काम करने वाले 70 फीसदी पत्रकारों ने यही बात कही, जिसमें 74 फीसदी वरिष्ठ पत्रकारों का कहना था कि केवल एक राजनीतिक दल का पक्ष लिया जाता है.

हिंदी पत्रकारों (64 प्रतिशत) की तुलना में ऐसे अंग्रेजी पत्रकारों (81 प्रतिशत) की संख्या अधिक थी, जो मानते हैं कि न्यूज मीडिया एक विशेष पार्टी का पक्ष ले रहा है.

निष्कर्षों में कहा गया है कि पत्रकार, विशेष रूप से अंग्रेजी मीडिया में काम करने वाले, ‘प्रेस की स्वतंत्रता (प्रेस फ्रीडम)’ में कमी को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने समाचार चैनलों (88 प्रतिशत), समाचार पत्रों (66 प्रतिशत) और ऑनलाइन/डिजिटल प्लेटफॉर्मों (46 प्रतिशत) की स्वतंत्रता में उल्लेखनीय कमी महसूस की है.

लिंग

लोकनीति-सीएसडीएस के निष्कर्ष देश भर के भारतीय पत्रकारों के बीच एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि कई पत्रकारों से संपर्क किया गया, लेकिन 206 ही सर्वे में भाग लेने के लिए सहमत हुए. उनमें से 75 फीसदी पुरुष थे और 25 फीसदी महिलाएं थीं. अधिकांश वरिष्ठ स्तर के पत्रकार हैं और मीडिया संगठनों में वेतनभोगी कर्मचारी हैं.

स्वाभाविक रूप से, महिला पत्रकारों के एक बड़े हिस्से ने अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में लैंगिक भेदभाव का अनुभव किया है.

अध्ययन में पाया गया है कि सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई भारतीय पत्रकारों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा की गई गलत या फर्जी सूचना से कई बार गुमराह होने की बात स्वीकार की है.

जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कितनी बार हुआ कि उन्हें किसी सोशल मीडिया साइट या वॉट्सऐप के माध्यम से इंटरनेट पर साझा की गई ऐसी सूचना या समाचार से गुमराह किया गया जो गलत या फर्जी थी, तो 15 फीसदी ने कहा कि ऐसा अक्सर होता है और 33 फीसदी ने कहा कि ऐसा कुछ बार ही हुआ है.

रिपोर्ट पत्रकारों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गौर करती है और दिखाती है कि लगभग दस में से सात पत्रकारों ने अपनी वर्तमान नौकरी के कारण अपने मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की बात कही है. यह पुरुषों (66 प्रतिशत) की तुलना में महिलाओं (89 प्रतिशत) को अधिक प्रभावित करता है.

सोशल मीडिया

अध्ययन में यह भी पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल 69 फीसदी पत्रकार सोशल मीडिया पर प्रसारित गलत जानकारी से गुमराह होने की संभावना को लेकर बहुत चिंतित थे.

सोशल मीडिया पत्रकारों के काम करने के तरीके को अलग तरह से खतरे में डालता है- एक तिहाई भारतीय पत्रकार अक्सर कार्यस्थल पर नतीजे भुगतने के कारण सोशल मीडिया पर राय साझा करने से झिझकते हैं. अध्ययन में पाया गया कि हिंदी भाषा के पत्रकार अंग्रेजी भाषा के पत्रकारों की तुलना में सोशल मीडिया पर राय व्यक्त करने में अधिक सहज होते हैं.

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि डिजिटल पत्रकारों को टीवी और प्रिंट पत्रकारों की तुलना में ऑनलाइन उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है और 40 फीसदी पत्रकार सोशल मीडिया मंचों पर प्राइवेसी को लेकर असुरक्षा महसूस करते हैं.

इसमें पाया गया कि 40 फीसदी महिला पत्रकार वॉट्सऐप का उपयोग करते हुए बेहद असुरक्षित महसूस करती हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पत्रकारों को लगता है कि भारतीय न्यूज मीडिया में महिलाओं, ग्रामीण क्षेत्रों, किसानों, मुसलमानों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों जैसे वंचित वर्गों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है.

निष्कर्ष में कहा गया है कि सर्वेक्षण परिणामों का एक महत्वपूर्ण पहलू वित्तीय बाधाएं हैं जो कई पत्रकारों को मीडिया की अपनी वर्तमान नौकरियां छोड़ने से रोकती हैं.

सर्वे में कहा गया है, ‘सर्वे में शामिल आधे से अधिक पत्रकारों ने अपनी मीडिया की नौकरियों को पूरी तरह से छोड़ने और कुछ और करने पर विचार किया है, जो चिंता का विषय है. यह पेशे के प्रति गहरे असंतोष का संकेत देता है.’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq bandarqq pkv games pkv games bandarqq dominoqq dominoqq pkv games bandarqq dominoqq https://sayalab.com.mx/lab/pkv-games/ https://sayalab.com.mx/lab/dominoqq/ https://sayalab.com.mx/lab/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/pkv-games/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/bandarqq/ https://blog.penatrilha.com.br/penatri/dominoqq/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/bocoran-admin-jarwo/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/bocoran-admin-jarwo/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-25-bonus-25/ http://dierenartsgeerens-mechelen.be/fileman/Uploads/logs/depo-50-bonus-50/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/slot77/ https://www.bumiwisata-indonesia.com/site/kakek-merah-slot/ https://kis.kemas.gov.my/kemas/kakek-merah-slot/