ट्रेन हत्याकांड: रेलवे ने आरोपी कॉन्स्टेबल के मनोरोगी होने से इनकार किया, फिर बयान वापस लिया

महाराष्ट्र में जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिम यात्रियों की हत्या करने वाले आरपीएफ कॉन्स्टेबल की मानसिक स्थिति को लेकर रेलवे की ऊहापोह से पहले आरोपी की रिमांड कॉपी में उसके द्वारा हत्याओं के बाद दिए गए सांप्रदायिक भाषण का ज़िक्र नहीं था.

आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह. (फोटो साभार: ट्विटर)

महाराष्ट्र में जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिम यात्रियों की हत्या करने वाले आरपीएफ कॉन्स्टेबल की मानसिक स्थिति को लेकर रेलवे की ऊहापोह से पहले आरोपी की रिमांड कॉपी में उसके द्वारा हत्याओं के बाद दिए गए सांप्रदायिक भाषण का ज़िक्र नहीं था.

आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: रेलवे ने 2 अगस्त (बुधवार) को पहली बार एक बयान जारी कर कहा कि जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुए हेट क्राइम (नफरत के चलते किया गया अपराध) को अंजाम देने वाले आरोपी कॉन्स्टेबल की पिछली मेडिकल जांच में कोई मानसिक बीमारी नहीं पाई गई थी, लेकिन कुछ घंटों के भीतर ही उसने यह बयान वापस ले लिया.

रेलवे सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबल चेतन सिंह (33) पर सोमवार तड़के मुंबई के बाहरी इलाके में पालघर रेलवे स्टेशन के पास चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहयोगी टीकाराम मीणा और तीन मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है. घटना के कथित वीडियो में सिंह को ‘मोदी-योगी’ और ‘ठाकरे’ का नाम लेते हुए सुना गया था. पश्चिमी रेलवे के सूत्रों ने पहले मीडिया को बताया था कि आरोपी ‘समुदायों को लेकर बहस’ में शामिल हो गया था.फरार होने की कोशिश के बाद उन्हें पकड़ लिया गया.

इस बारे में द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे एक दाढ़ी वाले और अमूमन मुस्लिमों द्वारा पहने जाने वाले पठान सूट पहने यात्री की हत्या करने के बाद वीडियो में सिंह को यात्रियों को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है. वो वीडियो कहते हैं, ‘…अगर वोट देना है, अगर हिंदुस्तान में रहना है, तो मैं कहता हूं, मोदी और योगी, ये दो हैं, और आपके ठाकरे.’

तीन मृत नागरिकों की पहचान अब्दुल कादिरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला, अख्तर अब्बास अली और सदर मोहम्मद हुसैन के रूप में की गई है.

बता दें कि अनाम रेलवे अधिकारियों ने किसी भी जांच से पहले ही इस घटना को सिंह की मानसिक अस्थिरता से प्रेरित बता दिया और जब आरोपी को मुंबई की बोरीवली अदालत में एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, तो रिमांड कॉपी में उस वीडियो का कोई उल्लेख नहीं था जिसमें स्पष्ट तौर पर चेतन द्वारा दिया गया सांप्रदायिक भाषण देखा जा सकता है.

इसके बजाय यह पूरी तरह से सिंह की बीमारी पर केंद्रित था और अस्थिर दिमाग की बात का इशारा करता था जिसके चलते उन्होंने ड्यूटी के दौरान चार लोगों की हत्या करने जैसा घातक कदम उठा लिया.

बुधवार को, संभवत: स्वयं को इस सवाल से बचाने के लिए कि अगर सिंह बीमार थे और मानसिक तौर पर अस्थिर थे तो वह ड्यूटी पर क्या कर रहे थे, रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा कि उसे नहीं पता था कि सिंह मानसिक बीमारी को लेकर इलाज ले रहे थे.

रेलवे ने कहा, ‘इस संबंध में (चेतन सिंह के), यह कहा जाता है कि रेलवे सुरक्षा बल के कॉन्स्टेबलों के आवधिक चिकित्सा परीक्षण (पीएमई) की व्यवस्था है, और पिछले पीएमई में (चेतन सिंह में) ऐसी कोई चिकित्सा बीमारी/स्थिति का पता नहीं चला था.’

लेकिन कुछ ही घंटों बाद रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली गई है.