सीहोर ज़िले के बरखेड़ा कुर्मी गांव का मामला. कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्यों वाली एक भीड़ ने बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया और दलित समुदाय के लोगों पर हमला किया. पुलिस ने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के एक गांव में भीड़, जिसमें कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्य शामिल थे, ने बाबासाहेब आंबेडकर की एक प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया और दलित समुदाय के लोगों पर हमला किया. पुलिस ने कहा कि उन्होंने गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि बरखेड़ा कुर्मी गांव में मंगलवार को यह भीड़ इस महीने की शुरुआत में एक धार्मिक जुलूस में हुई घटना से भड़की थी, जब नशे में धुत्त एक ग्रामीण ने कथित तौर पर एक पुजारी पर हमला किया और एक हनुमान वाले एक झंडे को क्षतिग्रस्त कर दिया.
मंगलवार को भीड़ ने इस शख्स के घर को भी नुकसान पहुंचाया और उसके ऊपर भगवा झंडा लगा दिया.
पुलिस ने बताया कि जुलूस में शामिल पांच लोगों, जो एफआईआर में नामजद हैं, ने आंबेडकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया. जब गांव के निवासियों ने इसका विरोध किया तो भीड़ ने उन पर हमला किया और जातिसूचक गालियां दीं.
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी इछावर थाने में एफआईआर दर्ज की है.
इछावर थाने की प्रभारी उषा मरावी ने कहा, ‘हमने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. भीड़ में बजरंग दल के सदस्य थे, लेकिन इसमें ज्यादातर आसपास के गांवों के लोग शामिल थे. करीब आठ दिन पहले एक धार्मिक जुलूस के दौरान झगड़ा हो गया था. एक ग्रामीण ने नशे की हालत में हनुमान ध्वज ले जा रहे पुजारी पर डंडे से वार कर दिया था. झंडे पर हनुमान की तस्वीर थी, जो इस हमले क्षतिग्रस्त हो गई. उसी के कारण वर्तमान घटना घटी. ग्रामीणों को लगा कि उनकी रैली को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा, इसलिए वे बड़ी संख्या में एकत्र हो गए. उन्होंने हमसे अनुमति नहीं ली.’
स्थानीय दलित अधिकार संगठन- भीम युवा संगठन के सदस्यों ने गुरुवार को आंबेडकर प्रतिमा को हुए नुकसान का सर्वेक्षण किया, जहां प्रतिमा की गर्दन वाले हिस्से में दरारें देखी गई हैं.
यह प्रतिमा को अप्रैल में बनाई गई थी. बताया गया है कि मामले के मुख्य आरोपी अजय राठौड़ ने कथित तौर पर इसके निर्माण पर आपत्ति जताई थी. गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में बजरंग दल का सदस्य राठौड़ भी शामिल है.
भीम युवा संगठन के एक सदस्य ने कहा, ‘गांव के प्रवेश द्वार पर आंबेडकर के झंडे लगाने और आंबेडकर की मूर्ति की स्थापना को लेकर झगड़े हुए हैं. ग्राम पंचायत ने प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था. हमने सभी की अनुमति से ऐसा किया, लेकिन इसकी वजह से तनाव बढ़ गया है.’
उधर, एक स्थानीय आरएसएस सदस्य धीरज पाटीदार ने कहा, ‘अजय राठौड़ और कई लोग बजरंग दल से थे. लेकिन इस गांव में संगठन को कभी कोई दिक्कत नहीं हुई. जब वे जुलूस के साथ डीजे बजाते हुए आए और मूर्ति को नुकसान पहुंचाने लगे, तो मैंने इसका विरोध किया और भीड़ से मुकाबला किया. उनमें से अधिकतर बाहरी लोग थे. हमारे मन में आंबेडकर के खिलाफ कुछ भी नहीं है.’
भीड़ के सदस्य कन्हैया लाल, जिन्हें हनुमान ध्वज को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक अलग एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया गया है, के घर पर भी चढ़ गए और उनकी छत को नुकसान पहुंचाया है. उनके पिता, दुर्गा प्रसाद ने कहा, ‘उन्होंने भगवा झंडा लगाया और छत को नुकसान पहुंचाने के बाद चले गए. घटना के वक्त मेरा बेटा नशे में था. उन्हें मेरे घर पर हमला नहीं करना चाहिए था.’