त्रिपुरा: हिजाब पहनीं छात्राओं को स्कूल के बाहर रोका, विरोध करने पर अल्पसंख्यक छात्र की पिटाई

मामला सिपाहीजला ज़िले के एक स्कूल का है, जहां कथित तौर पर एक हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने हिजाब पहनकर स्कूल आईं छात्राओं को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया था. इसका 10वीं कक्षा के एक अल्पसंख्यक छात्र ने विरोध किया तो उसे स्कूल से बाहर खींचकर पीटा गया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मामला सिपाहीजला ज़िले के एक स्कूल का है, जहां कथित तौर पर एक हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने हिजाब पहनकर स्कूल आईं छात्राओं को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया था. इसका 10वीं कक्षा के एक अल्पसंख्यक छात्र ने विरोध किया तो उसे स्कूल से बाहर खींचकर पीटा गया.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के एक स्कूल में हिजाब का समर्थन करने वाले एक अल्पसंख्यक छात्र के साथ हिंदुत्ववादी समूह के लोगों ने शुक्रवार (4 अगस्त) को मारपीट की.

एनडीटीवी के मुताबिक, हिंदुत्वादी समूह के लोग अल्पसंख्यक छात्राओं को हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश करने से रोक रहे थे, जिसका छात्र ने विरोध किया. स्थानीय लोगों ने बताया कि पीड़ित छात्र को स्कूल से बाहर खींचकर लाया गया और स्कूल के सामने ही पीटा गया, इस दौरान प्रधानाध्यपक समेत कोई भी शिक्षक उसे बचाने नहीं आया.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि बिशालगढ़ उपमंडल के कराईमुरा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 10वीं कक्षा के छात्र 16 वर्षीय अलियाज सरकार सुमन को शुक्रवार को स्कूल परिसर के बाहर पीटा गया था.

पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने विशालगढ़ थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

सहायक पुलिस महानिरीक्षक ज्योतिषमान दास चौधरी ने कहा. ‘हमें छात्र से एक शिकायत मिली, जिसने कुछ बाहरी लोगों पर उसे पीटने का आरोप लगाया. मामला दर्ज किया जाएगा.’

इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने विरोध में सड़कें जाम कर दीं. हमलावर बाहरी लोग थे, जिनका कथित तौर पर स्कूल से कोई जुड़ाव नहीं था.

लोगों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया क्योंकि उसने अपने छात्र के खिलाफ हुई इस घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. लोगों ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त स्कूल के प्रधानाध्यापक या शिक्षकों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

इस आक्रोश के बाद भीड़ को शांत करने के लिए इलाके में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.’

एनडीटीवी के मुताबिक, स्कूल अधिकारियों ने बताया कि एक सप्ताह पहले पूर्व छात्रों का एक गुट, जो एक दक्षिणपंथी संगठन से संबद्ध होने का दावा करता है, स्कूल आया और स्कूल परिसर में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति देने पर चिंता जताते हुए प्रधानाध्यापक से इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. उन्होंने हिजाब को निर्धारित सरकारी यूनिफॉर्म के अनुरूप न होना बताया था.

खबर के मुताबिक, तब विश्व हिंदू परिषद से जुड़े पूर्व छात्रों के समूह ने प्रधानाध्यक प्रत्यूष नंदी से मुलाकात की थी.

चूंकि इस तरह के नियम के बारे में संबंधित सरकारी विभाग से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं, इसलिए प्रधानाध्यापक ने मौखिक रूप से छात्राओं को स्कूल में हिजाब न पहनने के लिए सूचित किया था.

पुलिस ने कहा है कि यह कोई सांप्रदायिक मुद्दा नहीं है, जैसा कि मीडिया में खबरें हैं.