मणिपुर पुलिस ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया है कि जब वह तीन हत्याओं के आरोपी सशस्त्र बदमाशों का पीछा कर रही थी तो असम राइफल्स ने उसे रास्ते में रोक लिया था, जिसके चलते आरोपी भागने में सफल हुए. सेना ने एक बयान जारी करके इसे उसकी छवि ख़राब करने का प्रयास बताया है.
नई दिल्ली: पुलिस ने शनिवार सुबह बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में तीन लोगों की हत्या में शामिल सशस्त्र बदमाशों का पीछा करने से कथित तौर पर रोकने के लिए असम राइफल्स के जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने इस संबंध में जानकारी देते हुए लिखा है कि यह एक ऐसा कदम है जो सरकार के सुरक्षा बलों (एक राज्य सरकार के अधीन और दूसरा केंद्र सरकार के अधीन) के बीच भी गहरे अविश्वास को दिखाता है.
सेना ने असम राइफल्स पर लगे आरोप को खारिज किया है. स्पीयर कॉर्प्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘कुछ शत्रु तत्वों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों, विशेष रूप से असम राइफल्स की भूमिका, इरादे और अखंडता पर सवाल उठाने के उग्र, बार-बार और असफल प्रयास किए हैं… .भारतीय सेना और असम राइफल्स मणिपुर के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि हम दृढ़ बने रहेंगे और हिंसा को आगे बढ़ाने वाले किसी भी प्रयास को रोकने के अपने कार्यों में अटल रहेंगे.’
“𝘾𝙤𝙣𝙩𝙞𝙣𝙪𝙚 𝙩𝙤 𝙗𝙚 𝙁𝙖𝙞𝙧 𝙩𝙤 𝙖𝙡𝙡 & 𝙁𝙚𝙖𝙧 𝙉𝙤𝙣𝙚”
Our message 👆to All Ranks deployed in #Manipur for restoring peace & normalcy @adgpi @easterncomd @official_dgar pic.twitter.com/J8mzr63HRc
— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) August 8, 2023
सेना ने कहा कि पिछले 24 घंटों में असम राइफल्स की छवि खराब करने के दो मामले सामने आए हैं.
सेना ने बताया कि पहले मामले में असम राइफल्स बटालियन ने दोनों समुदायों के बीच हिंसा को रोकने के उद्देश्य से बफर जोन दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के एकीकृत मुख्यालय के आदेश के अनुसार सख्ती से काम किया है।.
इसने कहा कि दूसरे मामले में असम राइफल्स को एक ऐसे क्षेत्र से बाहर करने की बात फैलाई जा रही है, जो उनसे संबंधित भी नहीं है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एफआईआर 5 अगस्त को मणिपुर पुलिस और असम राइफल्स कर्मियों के बीच गतिरोध की एक क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आने और व्यापक रूप से प्रसारित होने के कुछ घंटों बाद दर्ज की गई थी.
वीडियो में मणिपुर पुलिस के अधिकारी हथियारबंद बदमाशों का पीछा करने के अपने ऑपरेशन में हस्तक्षेप करने का असम राइफल्स पर आरोप लगाते हुए देखे जा सकते हैं. वीडियो में असम राइफल्स के अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.
एफआईआर में कहा गया है कि बिष्णुपुर के पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम ‘कुकी उग्रवादियों’, जिनके उस दिन हुईं तीन हत्याओं में शामिल होने की आशंका थी, का पीछा करने के लिए क्वाक्टा के साथ फोलजांग रोड की ओर जा रही थी. इसमें कहा गया है कि क्वाक्टा और फोलजांग गांव के बीच के इलाकों में उग्रवादियों के छिपे होने की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस टीमें तलाशी अभियान चला रही थीं.
फौगाकचाओ इखाई पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में दावा किया गया है कि इस दौरान असम राइफल्स के जवानों ने उनका रास्ता रोक लिया, जिससे कुकी उग्रवादियों को भागने का मौका मिल गया.
एफआईआर एक लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने, लोक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी, लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल और आपराधिक धमकी की धाराओं के तहत दर्ज की गई है.
शनिवार सुबह करीब 3 बजे बिष्णुपुर के क्वाक्टा वार्ड 8 में तीन मेईतेई पुरुषों की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था. एक सरकारी शिविर में रह रहे तीनों अपने घरों की देखने आए थे, जिन्हें उन्होंने 3 मई को छोड़ दिया था क्योंकि राज्य भर में कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गई थीं.
हत्या के बाद, मेईतेई समूहों ने असम राइफल्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था और मणिपुर से बल को हटाने की मांग की.
शनिवार की घटना पहली बार नहीं थी जब पुलिस असम राइफल्स के साथ तनावपूर्ण गतिरोध में शामिल रही हो. 2 जून को भी दोनों के बीच तकरार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था. यह घटना तब हुई जब असम राइफल्स के एक वाहन ने सुगनू पुलिस स्टेशन के बाहर सड़क को अवरुद्ध कर दिया था.