केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 7,033 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1 जुलाई तक 3,007 पद ख़ाली थे.
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 42% से अधिक शिक्षण पद वर्तमान में खाली हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 7,033 पद स्वीकृत हैं. इस साल 1 जुलाई तक इनमें से 3,007 पद खाली हैं.
मंत्री ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पड़े आरक्षित शिक्षण पदों की संख्या पर जनता दल (यूनाइटेड) के सदस्य राम नाथ ठाकुर के एक प्रश्न के लिखित उत्तर के रूप में लोकसभा में जानकारी साझा की.
प्रधान ने कहा कि जहां ओबीसी के लिए 46% (1,665) पद खाली हैं, वहीं एससी और एसटी के क्रमशः 37% (837) और 44% (505) उम्मीदवारों की नियुक्ति होनी बाकी है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस साल आरक्षित श्रेणी के तहत 517 उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई. उनमें से 285 ओबीसी, 150 एससी और 82 एसटी थे.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुल रिक्तियों पर सीपीआई (एम) नेता जॉन ब्रिटास के एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधान ने कहा कि 1 जुलाई तक शिक्षा मंत्रालय के दायरे में आने वाले नियमित मोड पर चल रहे 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 54,512 स्वीकृत पदों में से 22,412 रिक्त हैं.
उन्होंने कहा, ‘छात्रों की बढ़ती संख्या के कारण सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और अतिरिक्त जरूरतों के कारण रिक्तियां उत्पन्न होती हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालयों को रिक्तियां उत्पन्न होने पर उन्हें भरने का निर्देश दिया गया है.’
मंत्री ने यह भी कहा कि विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मिशन भर्ती पोर्टल के अनुसार अब तक 6,087 पद भरे गए हैं.