मणिपुर: ‘राज्य के इतिहास को विकृत करने’ के आरोप में किताब के लेखक, संपादकों पर केस दर्ज

मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज शिकायत में रिटायर्ड कर्नल डॉ. विजय चेनजी की 'द एंग्लो-कुकी वॉर 1917-1919: ए फ्रंटियर अप्राइजिंग अगेंस्ट इंपीरियलिज्म ड्यूरिंग द फर्स्ट वर्ल्ड वॉर' नाम की किताब पर इतिहास बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है.

(फाइल फोटो: द वायर)

मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज शिकायत में रिटायर्ड कर्नल डॉ. विजय चेनजी की ‘द एंग्लो-कुकी वॉर 1917-1919: ए फ्रंटियर अप्राइजिंग अगेंस्ट इंपीरियलिज्म ड्यूरिंग द फर्स्ट वर्ल्ड वॉर’ नाम की किताब पर इतिहास बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है.

(फाइल फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: मणिपुर पुलिस ने एक शिकायत के बाद 2018 में आई एक किताब के लेखक और दो संपादकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसमें आरोप लगाया गया है कि इसमें राज्य के इतिहास को विकृत करने की कोशिश की गई है.

क्रॉनिकल न्यूज सर्विस ने बताया है कि रिटायर्ड कर्नल डॉ. विजय चेनजी ने ‘द एंग्लो-कुकी वॉर 1917-1919: ए फ्रंटियर अप्राइजिंग अगेंस्ट इंपीरियलिज्म ड्यूरिंग द फर्स्ट वर्ल्ड वॉर’ नाम की किताब लिखी है. इसका संपादन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर जंगखोमांग गुइटे और थोंगखोलाल हाओकिप द्वारा किया गया है. वे क्रमशः जेएनयू के ऐतिहासिक अध्ययन केंद्र और कानून और शासन अध्ययन केंद्र में पढ़ाते हैं.

स्क्रॉल.इन ने बताया है कि इसे लेकर दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. चेनजी के खिलाफ 9 अगस्त को केस दर्ज किया गया, जबकि गुइटे और हाओकिप के खिलाफ 7 अगस्त को एफआईआर दर्ज हुई.

उक्त किताब 2018 में प्रकाशित हुई थी.

पुलिस शिकायत उखरुल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के गांवों के लोगों द्वारा दायर की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने झूठ फैलाया है और 1917-1919 के सशस्त्र कुकी विद्रोह को एंग्लो-कुकी युद्ध के रूप में प्रस्तुत करके सार्वजनिक शांति के खिलाफ माहौल बनाया है.

स्क्रॉल की रिपोर्ट के अनुसार,  फेडरेशन ऑफ हाओमी नाम के नागरिक समाज संगठन ने शिकायतें दर्ज कराई थीं.

शिकायतकर्ताओं ने दावा किया है कि मणिपुर और यूनाइटेड किंगडम के इतिहास में कभी भी एंग्लो-कुकी युद्ध नहीं हुआ है और कुकी विद्रोह में पहाड़ी क्षेत्रों में नगाओं और कोम्स का और घाटी में मेईतेई और मुसलमानों का नरसंहार शामिल था.

तीनों व्यक्तियों पर आईपीसी धारा 120 , 121, 123, 153-ए , 200 और 120-बी के तहत आरोप लगाए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि मणिपुर राज्य ने बीते सौं दिनों से अधिक समय से मेईतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है, जिसमें डेढ़ सौ से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.